हाल ही में संसद के पहले दिन ही हंगामा होता हुआ नजर आ गया! सत्ता पक्ष के ‘अबकी बार 400 पार’ के नारे के जवाब में ‘संविधान बदल देंगे’ के नैरेटिव से विपक्ष ने इस लोकसभा चुनाव में खुद को मजबूत कर लिया। इसलिए विपक्ष और खासकर कांग्रेस पार्टी संविधान पर राजनीति को अगले स्तर तक ले जाने में जुटी है। 18वीं लोकसभा का पहला संसद सत्र आयोजित हुआ तो पहले दिन राहुल गांधी समेत कई कांग्रेसी सासंदों ने हाथों में संविधान थामे रखा। यहां तक कि गृह मंत्री अमित शाह जब सांसद पद और इससे जुड़ी गोपनीयता का शपथ लेने जा रहे थे, तब राहुल गांधी ने संविधान की प्रति लहराई। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में प्रवेश से पहले देश में आपातकाल लागू किए जाने के 50 वर्ष पूरे होने पर जनता को जागरूक करने का अभियान चलाने का ऐलान किया। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हत्थे से उखड़ गए। उन्होंने पीएम मोदी को कठोरता से जवाब दिया। दरअसल, प्रधानमंत्री ने संसद सत्र के पहले दिन मीडिया को संबोधित करने के दौरान कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार तीसरे कार्यकाल में तीन गुना ज्यादा काम करेगी। विपक्ष को भी नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि देश को एक जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है। पीएम मोदी ने अपने लहजे से स्पष्ट कर दिया है कि भले ही इस बार एनडीए की सीटें घट गई हैं, लेकिन विपक्ष को हावी होने का मौका नहीं दिया जाएगा। इसके उलट पीएम ने कांग्रेस को कोसने का मौका नहीं छोड़ा। उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार में आपातकाल लगाए जाने का जिक्र करते हुए कहा, ‘कल भारतीय लोकतंत्र पर लगे काले धब्बे के 50 साल पूरे हो रहे हैं। नई पीढ़ी यह नहीं भूलेगी कि कैसे भारतीय संविधान को खत्म कर दिया गया। कैसे देश को जेल में तब्दील कर दिया गया और लोकतंत्र को बंदी बना लिया गया। इस 50वीं बरसी पर देश यह संकल्प लेगा कि ऐसा दोबारा कभी नहीं होगा।’
पीएम मोदी की टिप्पणी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए तीखी प्रतिक्रिया आई। खरगे ने कहा, ‘आप विपक्ष को चेतावनी दे रहे हैं। आप 50 साल पुराने आपातकाल की बात कर रहे हैं, लेकिन पिछले 10 सालों में अघोषित आपातकाल को भूल गए हैं।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस बात की जानकारी है कि इस चुनाव में हुआ क्या। विपक्ष लगातार पीएम मोदी पर अटैक कर कर रहा है। शायद प्रधानमंत्री मोदी को भी यह बात पता थी कि विपक्ष किस तैयारी के साथ आज आया हुआ है। तभी उन्होंने सत्र की शुरुआत के ठीक पहले मीडिया को संबोधित करते हुए ऐसी बात कह दी जो कांग्रेस को नागवार गुजरी। प्रधानमंत्री ने इमरजेंसी को लोकतंत्र पर लगा काला धब्बा करार देते हुए कहा कि इसकी 50वीं बरसी के मौके पर देशवासी यह संकल्प लें कि भारत में फिर कभी कोई ऐसा कदम उठाने की हिम्मत नहीं करेगा।
खरगे ने कहा कि जनता ने ‘मोदी जी के खिलाफ जनादेश दिया है’। कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि विपक्षी गठबंधन संसद के अंदर और बाहर लोगों की आवाज उठाएगा।
उधर, प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश और उसके लोगों की सेवा के लिए लगातार सभी को साथ लेकर चलने की कोशिश करेगी, लेकिन साथ ही उन्होंने विपक्ष के लिए कड़ा संदेश भी दिया। उन्होंने कहा, ‘भारत को एक जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है, लोग नारेबाजी नहीं बल्कि सार चाहते हैं, वे बहस चाहते हैं, संसद में नाटक और हंगामा नहीं बल्कि परिश्रम चाहते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने 50 साल पहले के आपातकाल का जिक्र किया, लेकिन पिछले 10 वर्षों के उस ‘अघोषित आपातकाल’ को भूल गए जिसका जनता ने इस लोकसभा चुनाव में अंत कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश को उम्मीद थी कि संसद सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नीट और दूसरी परीक्षओं में पेपर लीक जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बोलेंगे, लेकिन उन्होंने मौन साध लिया। खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी अपने रस्मी संबोधन में आज जरूरत से ज्यादा बोले। इसे कहते हैं, रस्सी जल गई, बल नहीं गया।मुझे उम्मीद है कि विपक्ष लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा।’ उन्होंने कहा कि देश को सांसदों से बहुत उम्मीदें हैं और उनसे आग्रह किया कि वे जन कल्याण के लिए हर संभव कदम उठाएं। पीएम ने नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई दी और कहा कि यह पहली बार है जब नए सांसद नए संसद भवन में शपथ लेंगे।