गर्मी का मौसम हो और गन्ने का जूस हो तो बात ही कुछ और होती है! लेकिन कभी कबार यह गन्ने का जूस भी हानिकारक हो सकता है! गर्मी के दिनों में गन्ने के जूस का सेवन एनर्जी बूस्टर ड्रिंक के रूप में जाना जाता है। गन्ने के जूस में कई प्रकार की पोषकता समाहित होती है जो आपके शरीर को स्वस्थ रखने के साथ कई प्रकार की बीमारियों से बचाने में भी सहायक है। पर क्या आप जानते हैं कि भीषण गर्मी में शरीर को तरावट देने वाला यह जूस कुछ लोगों की स्वास्थ्य के लिए समस्याएं भी बढ़ा सकता है?
गन्ने के रस में कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम, मैंगनीज, आयरन और पोटेशियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज होते हैं। यह विटामिन ए, बी1, बी2, बी3 और सी का समृद्ध स्रोत भी है, पर इसमें मौजूद कुछ अन्य तत्व कुछ लोगों के लिए समस्याओं का बढ़ा सकते हैं।
अध्ययनों से पता चलता है कि गन्ने में पोलीकोसैनॉल नामक रसायन पाया जाता है, इसका लंबे समय तक सेवन अनिद्रा, पेट की खराबी, चक्कर आने, सिर दर्द और वजन कम होने के जोखिम को बढ़ा देता है। कुछ शोध यह भी बताते हैं कि गन्ने का रस रक्त को पतला करने के साथ ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर भी को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में गन्ने के जूस के सेवन से पहले इसके संभावित दुष्प्रभावों के बारे में जान लेना भी आवश्यक हो जाता है।
गन्ने के सेवन से वैसे तो कई प्रकार के लाभ हैं, पर कुछ अध्ययनों में जिक्र मिलता है कि इसमें कैलोरी और शर्करा की मात्रा अधिक होती है। शोध से पता चलता है कि गन्ने के जूस में लगभग 270 कैलोरी, लगभग 100 ग्राम चीनी की मात्रा हो सकती है। ऐसे में इसके अधिक या लगातार सेवन की आदत आपमें मोटापे के खतरे को बढ़ा सकती है। कैलोरी और शर्करा दोनों की अधिकता मोटापे का कारण मानी जाती है, हालांकि इसको प्रमाणित करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि गन्ने के जूस का सेवन आपमें अनिद्रा के खतरे को बढ़ा सकती है। गन्ने के रस में पोलीकोसानॉल पाया जाता है। इस रसायनिक यौगिक का लंबे समय तक सेवन करते रहना नींद विकारों के खतरे को बढ़ा देता है। इसके अलावा एक शोध में पता चलता है कि पोलिकोसानॉल, कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को भी कम कर देता जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का खतरा हो सकता है।
यदि आप पहले से ही खून को पतला करने वाली किसी दवा का सेवन कर रहे हैं तो अधिक मात्रा में गन्ने के जूस का सेवन आपकी दिक्कतों को बढ़ा सकता है। गन्ने के रस में मौजूद पोलीकोसैनॉल स्वाभाविक रूप से आपके खून को पतला बनाती है। इस प्रकार इसका अधिक सेवन रक्त का थक्का बनाने की क्षमता को कम कर सकती है, जिससे चोट लगने की स्थिति में अत्याधिक रक्तस्राव हो सकता है। इस बारे में अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।