आने वाले समय में दिल्ली एमसीडी चुनाव होने वाले हैं! एमसीडी चुनाव 2022 के लिए असदुद्दीन ओवैसी और चंद्रशेखर आजाद ने हाथ मिलाया है। AIMIM और आजाद समाज पार्टी मिलकर 100 सीटों पर लड़ेंगे। एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों दलों ने यह ऐलान किया। मुस्लिम और दलित बहुल वार्डों में ये दोनों पार्टियां मिलकर आम आदमी पार्टी (AAP) और बीजेपी के लिए मुसीबत बनेंगी। AIMIM जहां 68 सीटों पर लड़ेगी, वहीं ASP 32 वार्डों में उम्मीदवार उतारेगी। इनके ‘हिस्सेदारी मोर्चा’ में लिबरल पार्टी ऑफ इंडिया भी शामिल है। उधर, आप ने 134 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है। पार्टी ने पुराने कार्यकर्ताओं को वफादारी को इनाम दिया है, वहीं दूसरी पार्टियां छोड़कर आने वालें को भी टिकट मिले हैं। AAP ने एमसीडी चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी की है। इसमें राज्यसभा सांसद और पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह, पंजाब सीएम भगवंत मान का नाम भी है। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को चुनाव के मद्देनजर ’10 गारंटियों’ का ऐलान किया। वहीं, BJP भी उम्मीदवारों की लिस्ट को अंतिम रूप दे रही है। खबर है कि बीजेपी 250 वार्डों पर होने वाले चुनाव में लगभग 150 पर नए चेहरे उतारेगी। बमुश्किल 100 उम्मीदवार ही रिपीट किए जाएंगे।
AIMIM के दिल्ली चीफ कलीमुल हफीज ने कहा कि दिल्ली में जहां मुस्लिम और दलित रहते हैं, उन इलाकों को BJP और AAP, दोनों ने पूरी तरह नजरअंदाज किया है। दिल्ली की आबादी में मुस्लिमों की करीब 15 प्रतिशत हिस्सेदारी हैं, वहीं 16% दलित हैं। दोनों को मिला दें तो एमसीडी के 100 से ज्यादा वार्डों में ये निर्णायक भूमिका में हैं। 250 वार्डों में से 42 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। परंपरागत रूप से मुस्लिम-दलित कांग्रेस को वोट करते रहे थे। हाल के सालों में इन्होंने आम आदमी पार्टी पर भरोसा जताया है। ASP के दिल्ली इंचार्ज भीकूराम जैन ने कहा कि अगर दलित और मुस्लिम साथ आ गए तो उन्हें कोई पार्टी नजरअंदाज नहीं कर सकेगी।
ASP पहली बार दिल्ली में चुनाव लड़ रही है। AIMIM ने 2017 में नौ वार्डों में दावेदारी पेश की थी मगर नतीजा शून्य रहा। इस बार पार्टी ने ओखला, मटिया महल, सीलमपुर, बाबरपुर, बल्लीमारान और सदर बाजार जैसी वार्डों में उम्मीदवार खड़े करने की योजना बनाई है। वहीं, ASP मंगोलपुरी, पटेल नगर, सुल्तानपुर माजरा, करोलबाग, मादीपुर, आम्बेडकर नगर जैसे वार्डों में ताल ठोक सकती है।
एमसीडी चुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट सबसे पहले AAP ने जारी की है। शुक्रवार को पार्टी ने 134 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी। इनमें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 12, अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित 15 और सामान्य वर्ग की महिलाओं के आरक्षित 50 सीटें भी शामिल हैं, जिन पर पार्टी ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इनके अलावा 57 जनरल सीटों पर भी पार्टी कैंडिडेट के नाम का ऐलान हो गया है। बाकी बची 116 सीटों पर भी एक-दो दिन में उम्मीदवादों के नाम फाइनल कर दिए जाएंगे। अभी बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट आना बाकी है।
बीजेपी एमसीडी चुनाव में करीब 150 नए चेहरों को उतार सकती है। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया के सूत्रों के अनुसार, इस बार पार्टी बेहद सख्त है। ग्राउंड लेवल वर्कर्स के फीडबैक और सर्वे के आधार पर पार्टी टिकट फाइनल कर रही है। पहले तीनों निगम मिलाकर 272 वार्ड थे जिनमें बीजेपी 181 पर जीती थी। एकीकरण और फिर परिसीमन के बाद 250 वार्ड बचे हैं। कई पार्षदों की सीट तो ऐसे ही चली गई। बीजेपी करीब 100 उम्मीदवारों को फिर से टिकट देने वाली है।
AAP ने एमसीडी चुनाव के लिए अपने 30 स्टार प्रचारकों की सूची शुक्रवार को जारी कर दी। यह सूची राज्य चुनाव आयोग को भी भेज दी गई है। लिस्ट में सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का है, जिन्हें पिछले महीने हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने के आरोपों के चलते अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। उनकी जगह राजकुमार आनंद को दिल्ली सरकार में नया मंत्री बनाया गया है। स्टार प्रचारकों की सूची में राजेंद्र पाल गौतम के साथ ही राजकुमार आनंद का नाम भी शामिल है। पार्टी के टॉप-3 स्टार प्रचारकों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ ही पंजाब के सीएम भगवंत मान का नाम भी शामिल हैं।
जेल में बंद सत्येंद्र जैन को छोड़कर दिल्ली सरकार के अन्य सभी मंत्रियों के नाम भी स्टार प्रचारकों की सूची में रखे गए हैं। इनके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह, राघव चड्ढा, सुशील गुप्ता, एन.डी. गुप्ता भी पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। पंजाब से भी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, विधायक, सांसद आदि एमसीडी चुनाव में प्रचार के लिए दिल्ली आएंगे। इनमें पूर्व क्रिकेटर और पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह के अलावा पंजाब सरकार में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, एजुकेशन मिनिस्टर हरजोत सिंह बैंस और आवास एवं शहरी विकास मंत्री अमन अरोड़ा भी शामिल हैं।
कांग्रेस के पास MCD चुनाव के दौरान जमीन पर काम करने वाले नेता और वर्करों का भी टोटा है। गुरुवार को एआईसीसी की तरफ से जारी कमिटी में वर्करों की संख्या इतनी सीमित रखी गई है कि काम करने वाले लोग नहीं मिल रहे हैं। दिल्ली में पिछला चुनाव 2019 में विधानसभा का हुआ था। इस चुनाव में प्रदेश इलेक्शन कमिटी में 56 नेताओं के नाम थे। इस बार 10 नवंबर को जारी कमिटी की सूची में 40 नेताओं के नाम हैं। अगर कैंपेन कमिटी की बात करें, तो पिछली बार इसकी संख्या 157 थी। इस बार सिर्फ 6 नेताओं को जगह दी गई है। मेनिफेस्टो कमिटी में 69 लोग थे, लेकिन इस बार 5 नेताओं के भरोसे ही मेनिफेस्टो बनाया जा रहा है। पिछली बार मीडिया को-ऑर्डिनेशन कमिटी में 104 नेताओं को शामिल किया गया था। इस बार यह संख्या मात्र 10 लोगों की है। 2019 के चुनाव के लिए पब्लिसिटी कमिटी में 156 लोग थे, लेकिन इस बार मात्र 6 लोगों है। यही नहीं, डिजिटल एंड सोशल मीडिया कमिटी में सिर्फ 2 लोग हैं।