आज हम आपको बताएंगे कि ईरान के राष्ट्रपति की मौत पर सवाल क्यों उठ रहे हैं! ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन की मौत हो गई है। दोनों नेताओं को लेकर जा रहा हेलीकॉप्टर रविवार को एक दुर्गम घाटी में क्रैश हो गया। बचावकर्मियों को हादसे की जगह तक पहुंचने में कई घंटे का समय लगा और किसी को भी बचाया नहीं जा सका। ईरान के दो अहम पदों पर बैठे नेताओं की मौत की वजह बने हादसे का कारण अज्ञात बना हुआ है। चीनी विशेषज्ञों ने कहा है कि घना कोहरा हादसे के लिए जिम्मेदार हो सकता है लेकिन साथ ही उन्होंने इस पर भी ध्यान दिलाया है कि ईरान फिलहाल घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्थिति का एक मुश्किल हालात का सामना कर रहा है। ये स्थिति हादसे के पीछे किसी साजिश की आशंका को भी जन्म देती है। हालांकि पर्यवेक्षकों का मानना है कि ईरान की राजनीतिक संरचना ऐसी है कि इस बड़े हादसे के बावजूद देश में अराजकता जैसी स्थिति नहीं आएगी और कामकाज सामान्य तौर पर चलता रहेगा। रिपोर्ट कहती है कि ईरानी राष्ट्रपति रईसी ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत में यात्रा कर रहे थे। मौसम की स्थिति खराब थी लेकिन पश्चिम और इजरायल के साथ ईरान के टकराव को देखते हुए यह दुर्घटना अजीब लगती है। बीते कुछ समय में लगातार सुरक्षा घटनाओं से जूझ रहे ईरान के साथ यह दुर्घटना हुई है। हालांकि इसका ये मतलब नहीं निकाला जा सकता है कि इसके पीछे ईरान के दुश्मनों का हाथ है।’रविवार शाम को दुर्घटना ईरान की राजधानी तेहरान से करीब 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा पर स्थित शहर जोल्फा के पास हुई। हादसे के12 घंटे बाद सोमवार सुबह बचावर्मियों ने ड्रोन की मदद से हेलीकॉप्टर का मलबा देखा। चीन के विदेश मंत्रालय ने ईरानी राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर हादसे की खबर के बाद चिंता जहिर करते हुए कहा कि उनकी ओर से ईरान को सभी जरूरी मदद दी जाएगी।
शंघाई इंटरनेशनल स्टडीज यूनिवर्सिटी के मिडिल ईस्ट स्टडीज इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर लियू झोंगमिन ने ग्लोबल टाइम्स से कहा, फिलहाल ईरानी राष्ट्रपति के साथ हुए हादसे का कारण निर्धारित करना कठिन है। अपना काम कर रहे हैं और मैंने उन्हें आवश्यक बिंदुओं और देश के सभी ऑपरेशनों पर सलाह दी है। सभी कुछ सुचारु और व्यवस्थित ढंग से चलता रहेगा।पहली नजर में घना कोहरा इसकी सीधी वजह लगता है लेकिन लियू ने ईरान वर्तमान में कई कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहा है। बता दें कि तुर्की के राष्ट्रपति ने नाइट विजन तकनीक से लैस अकिंसी ड्रोन और हेलिकॉप्टरों को तत्काल रवाना किया। तुर्की की अंनादोलू एजेंसी ने बाद में बताया कि अकिंसी ड्रोन ने गर्मी को महसूस किया है और उसे संदेह है कि यह ईरानी राष्ट्रपति के हेलिकॉप्टर का मलबा हो सकता है। उन्होंने इस जगह की पूरी जानकारी तत्काल ईरानी अधिकारियों को दी। इसके बाद छोटे बचाव ड्रोन भेजकर मलबे की जांच की गई और आखिरकार बाद में राहत और बचावकर्मी भी वहां पहुंच गए। तुर्की का यह अकिंसी ड्रोन अत्याधुनिक तकनीक से लैस है और रात तथा दिन दोनों ही समय में काम करने में सक्षम है।
खासतौर से इजरायल के साथ उसके हालिया संघर्ष और ईरानी परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या को देखते हुए इस घटना ने किसी ‘साजिश’ के संदेह की गुंजाइश भी छोड़ दी है। लियू ने आगे कहा, ‘मौसम की स्थिति खराब थी लेकिन पश्चिम और इजरायल के साथ ईरान के टकराव को देखते हुए यह दुर्घटना अजीब लगती है। बीते कुछ समय में लगातार सुरक्षा घटनाओं से जूझ रहे ईरान के साथ यह दुर्घटना हुई है। हालांकि इसका ये मतलब नहीं निकाला जा सकता है कि इसके पीछे ईरान के दुश्मनों का हाथ है।’
हादसे के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने टीवी पर एक संबोधन में कहा कि देश के ऑपरेशन में कोई व्यवधान नहीं होगा। पहली नजर में घना कोहरा इसकी सीधी वजह लगता है लेकिन लियू ने ईरान वर्तमान में कई कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहा है। बता दें कि तुर्की के राष्ट्रपति ने नाइट विजन तकनीक से लैस अकिंसी ड्रोन और हेलिकॉप्टरों को तत्काल रवाना किया।वरिष्ठ अधिकारी अपना काम कर रहे हैं और मैंने उन्हें आवश्यक बिंदुओं और देश के सभी ऑपरेशनों पर सलाह दी है। सभी कुछ सुचारु और व्यवस्थित ढंग से चलता रहेगा।