यह सवाल उठना लाजिमी है कि पीएम मोदी के दौरे से भारत में राजनीतिक सियासत क्यों तेज हो जाती है! पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर हैं। इधर भारत में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है।दरअसल पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के दिन ही वहां उनके खिलाफ पोस्टर देखे गए। बीजेपी ने इस घटना के लिए राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि हाल ही में अमेरिका दौरे पर गए राहुल गांधी का इस मामले से संबंध हो सकता है। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इन पोस्टरों को ‘भारत विरोधी नफरत की दुकान’ का काम बताया। उन्होंने कहा, ‘भारतीयों को शक है कि क्या ये पोस्टर राहुल गांधी के अमेरिका में भारत विरोधी ताकतों से मुलाकात का नतीजा तो नहीं हैं। क्योंकि वह कुछ दिन पहले ही अमेरिका से लौटे हैं।’ उन्होंने कहा कि देश के हर व्यक्ति में यह संदेह पैदा होता है टाइमलाइन को देखकर, कहीं इसके पीछे वही लोग तो नहीं हैं, जो राहुल गांधी से भारत विरोधी शक्तियों की मुलाकात कराकर, भारत विरोधी सियासत को बढ़ा रहे थे। फिर चाहे अंकल सैम से हों, या कोई भी हो और अधिक दुख इस बात का होता है कि उस प्रधानमंत्री के लिए है, जिसने भारत को 10 वर्षों में फ्रेजाइल फाइव से टॉप-5 इकोनॉमी में पहुंचाया है। जिसने 26 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। जिसने डिजिटल वर्ल्ड में भारत को सिरमौर बनाया, जिसने आंतरिक और बाह्य सुरक्षा इतनी सुधारी कि 10 साल पहले भारत का कोई ऐसा राज्य या बड़ा शहर नहीं था, जहां आतंकी हमले ना होते हो।
उन्होंने कहा कि अफसोस की बात यह है कि एक तरफ हमारे ऐसे प्रधानमंत्री जो हर भारतवासी के लिए भारत के गौरव, राष्ट्रीय अस्मिता और राष्ट्रवाद के एक महामेरु पर्वत के रूप में दिखाई पड़ते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ यह नफरती दुकान का इश्तेहार उनके ऊपर निम्न स्तरीय प्रहार करने का प्रयास दिखता है। ऐसे विज्ञापन देने वाले लोग जो भले ही मुखौटा कोई और लगाएं हों, मगर सारा देश समझ रहा है कि पीछे से वह किसके द्वारा संचालित हैं।
अमेरिका में अपने हालिया बयान के बारे में BJP पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने शनिवार को सिखों से पूछा कि उन्होंने जो कहा, उसमें कुछ गलत है। क्या भारत ऐसा देश नहीं होना चाहिए, जहां हर भारतीय बिना किसी डर के अपने धर्म का पालन कर सके। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि BJP उन्हें चुप कराने के लिए बेताब है, क्योंकि वह सच्चाई बर्दाश्त नहीं कर सकती।
राहुल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘BJP अमेरिका में मेरे बयान के बारे में झूठ फैला रही है। मैं भारत और विदेश में रहने वाले हर सिख भाई-बहन से पूछना चाहता हूं- क्या मैंने जो कहा है उसमें कुछ गलत है? क्या भारत ऐसा देश नहीं होना चाहिए जहां हर सिख और हर भारतीय बिना किसी डर के अपने धर्म का पालन कर सके?’ राहुल ने कहा वह हमेशा उन मूल्यों के लिए बोलेंगे जो भारत को परिभाषित करते हैं- विविधता में हमारी एकता, समानता और प्रेम।
गांधी ने अमेरिका में दिए गए अपने बयान का एक छोटा विडियो भी शेयर किया, जिसमें वह एक सिख व्यक्ति का जिक्र कर रहे हैं। वॉशिंगटन डीसी के उपनगर वर्जीनिया के हर्नडॉन में भारतीय-अमेरिकियों की एक सभा में राहुल ने कहा था, ‘सबसे पहले, आपको यह समझना होगा कि लड़ाई किस बारे में है। यह लड़ाई राजनीति की नहीं है। लड़ाई इस बात पर है कि क्या उन्हें एक सिख के रूप में भारत में पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाएगी या उन्हें एक सिख के रूप में भारत में कड़ा पहनने की अनुमति दी जाएगी। या फिर वह एक सिख के तौर पर गुरुद्वारे जा पाएंगे। लड़ाई इसी बात को लेकर है। और सिर्फ उनके लिए नहीं सभी धर्मों के लिए है।’
BJP ने कई सिख समूहों के संयुक्त बयान का हवाला देते हुए शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से अमेरिका में दिए बयान को वापस लेने को कहा। BJP नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि कई सिख और गुरुद्वारा प्रबंधन निकायों ने इस मुद्दे पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात की और उन्होंने कहा कि सिखों के बलिदान ने देश को मजबूत बनाया है। सिरसा ने कहा कि सिख संगठनों ने गांधी से बयान वापस लेने का आग्रह किया है क्योंकि यह उन्हें नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि गुरपतवंत सिंह पन्नू जैसी राष्ट्र विरोधी ताकतों ने गांधी की टिप्पणी का फायदा उठाया है।