Saturday, April 20, 2024
HomeGlobal Newsरूस -यूक्रेन विवाद को क्यों कहा जा रहा है तीसरा वर्ल्ड...

रूस -यूक्रेन विवाद को क्यों कहा जा रहा है तीसरा वर्ल्ड वार का जन्मदाता

लंबे समय से चल रहे विवाद के बीच रूसी सैनिकों ने यूक्रेन की सीमा को घेरकर सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है. रूसी सैनिकों की तरफ से यूक्रेन बॉर्डर घेरने की खबर से यूरोप और पश्चिमी देशों में हलचल तेज हो गई है. इसी बीच खबर है कि  आज शनिवार को जो बाइडेन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से फोन पर बात करेंगे.यूक्रेन (Ukraine) पर रूसी आक्रमण की आशंकाओं के बीच रूस (Russia) और बेलारूस (Belarus) ने 10 दिनों का संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया है.  बेलारूस रूस का करीबी सहयोगी है और यूक्रेन के साथ इसकी लंबी सीमा है.फ्रांस (France) ने इस सैन्य अभ्यास को शीत युद्ध के बाद से बेलारूस में रूस की सबसे बड़ी तैनाती मानते हुए इसे एक ‘हिंसक इशारा’ कहा. यूक्रेन का कहना है कि यह “मनोवैज्ञानिक दबाव” के बराबर हैं वही अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधियों ने चिंता जाहिर की है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन किसी भी समय यूक्रेन पर हमले का आदेश दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि रूस ने तीन तरफ से यूक्रेन सीमा को घेर रखा है और वहां आर्मी, नेवी और एयरफोर्स को तैनात किया है.

सेटेलाइट इमेज से  खुलासा

यूक्रेन सीमा को रूसी सैनिकों ने तीन ओर से घेर लिया है.ताजा सेटेलाइट इमेज से इसका खुलासा हुआ है. सीमा पर 550 से अधिक टेंट भी लगाए गए हैं. इसके अलावा रूस ने यूक्रेन सीमा से लगे ओजोव सागर में नौसेना अभ्यास भी शुरू कर दिया है.यूक्रेन ने दावा किया है कि रूस ने इंटरनेशल वॉटर से जुड़े उसके सारे कनेक्शन काट दिए हैं.

पुतिन विंटर ओलिंपिक के बाद हमला  कर सकते है

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया विभाग के अधिकारियों को इससे पहले लगा था कि व्लादिमीर पुतिन विंटर ओलिंपिक के बाद हमला करेंगे, ताकि उनके साथी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग नाराज न हों, लेकिन अब खुफिया विभाग को लगता है कि रूस 20 फरवरी को विंटर ओलिंपिक खत्म होने का इंतजार नहीं करेगा। चीन की राजधानी बीजिंग में 20 फरवरी तक विंटर ओलिंपिक खत्म होगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवन ने बताया कि हम रूस के बढ़ते कदमों को देख रहे हैं.यूक्रेन बॉर्डर पर रूस ने नई सेना तैनात की है. इसे देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि रूस विंटर ओलिंपिक के दौरान ही यूक्रेन पर हमला बोल सकता है .
ब्रिटेन (UK) के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने  पिछले गुरुवार को कहा कि यूरोप दशकों में अपने सबसे बड़े सुरक्षा संकट का सामना कर रहा है. सीमा पर 100,000 से अधिक सैनिकों को जमा करने के बावजूद रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण करने की किसी भी योजना से बार-बार इनकार किया है.सीमा पर 100,000 से अधिक सैनिकों को जमा करने के बावजूद रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण करने की किसी भी योजना से बार-बार इनकार किया है. लेकिन अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने चेतावनी दी है कि कभी भी हमला हो सकता है.

यूक्रेन-बेलारूसी सीमा के करीब हो रहा है युद्धाभ्यास

यह सैन्य अभ्यास – जिसे एलाइड रिज़ॉल्यूशन 2022 (Allied Resolve 2022) नाम दिया गया – यूक्रेन के साथ बेलारूसी सीमा के करीब  आ  रहा है, जो 1,000 किमी (620 मील) से थोड़ा अधिक लंबी है.इस अभ्यास ने रूसी सैनिकों को यूक्रेन की  राजधानी कीव (Kyiv) के करीब रखा है,  ऐसी आशंका है कि अगर रूस यूक्रेन पर
आक्रमण करने की कोशिश करता है,  तो शहर पर हमला आसान हो जाएगा.बेलारूस के नेता अलेक्जेंडर लुकाशेंको (Alexander Lukashenko) रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के दृढ़ सहयोगी हैं और दोनों देशों ने एक तथाकथित “संघ राज्य” बनाया है जिसमें आर्थिक और सैन्य एकीकरण शामिल है. क्रेमलिन (Kremlin) ने 2020 में एक विवादित चुनाव के बाद लुकाशेंको का समर्थन किया, जिसके कारण बेलारूस में विरोध हुआ.अमेरिका का कहना है कि बेलारूस के साथ अभ्यास में करीब 30,000 रूसी सैनिकों के भाग लेने की उम्मीद है, हालांकि मॉस्को और मिन्स्क (Minsk) ने प्रतिभागियों की सही संख्या का खुलासा नहीं किया है.

रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा सकते हैं  युरोपीय  देश

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूस के खिलाफ सख्त चेतावनी जारी की है.कहा जा रहा है कि 24 घंटे में स्थिति समान्य नहीं होने पर पश्चिमी देश रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा सकते हैं

यूक्रेन से रूस का विवाद क्या है?

यूक्रेन का पूर्वी भाग रूस के बॉर्डर से लगा हुआ है सोवियत संघ के विघटन के साथ लोग  अधिकांश रूसी मूल के लोग यूक्रेन में बस गए.इस वजह से दोनों देशों के बीच आपसी तालमेल बेहतर था, लेकिन 2014 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के करीबी विक्टर यानुकोविच की सत्ता चली गई. यानुकोविच के हटने के बाद से रूस और यूक्रेन में सियासी तनाव  शुरू हो गया.रूस ने इसके बाद यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर हमला कर कब्जा लिया। यूक्रेन को 1954 में सोवियत संघ के सर्वोच्च नेता निकिता ख्रुश्चेव ने क्रीमिया गिफ्ट में दिया था. क्रीमिया पर रूसी कब्जे के बाद यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से मित्रता बढ़ानी शुरू कर दी. ताजा विवाद यूक्रेन के नॉर्थ अटलांटिक ट्रिटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) में शामिल होने की खबर से शुरू हुई.यूक्रेन के NATO में शामिल होने की अटकलों से नाराज रूस ने सीमा पर लाखों सैनिकों की तैनाती किया .

रूस ने कहा अभ्यास के बाद लौट जाएंगे सैनिक

रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इसका उद्देश्य, “रक्षात्मक अभियान के साथ बाहरी आक्रमण को दूर रखने” का अभ्यास करना है. सैनिक सीमा की सुरक्षा के लिए अभ्यास भी करेंगे और हथियारों और गोला-बारूद के वितरण चैनलों को ब्लॉक करेंगे.रूस इस बात पर जोर दे रहा है कि उसे समझौते के मुताबिक अपने सैनिकों को अपने और सहयोगियों के क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से स्थानांतरित करने का अधिकार है. रूस ने कहा गया है कि अभ्यास के बाद बेलारूस में सैनिक अपने ठिकानों पर लौट आएंगे.दूसरी तरफ यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने सैन्य अभ्यास पर चिंता व्यक्त की है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने  कहा, “सीमा पर बलों का जमा होना हमारे पड़ोसियों की तरफ से मनोवैज्ञानिक दबाव है.”
विशेषज्ञों  का कहना है कि रूस इस ताक में है कि अगर नाटो, अमेरिका या यूक्रेन कोई रूस विरोधी कदम उठाता है तो मॉस्को इस बहाने यूक्रेन पर हमला कर सकता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मॉस्को को धमकी दी है कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो क्रेमलिन पर ऐसे-ऐसे प्रतिबंध लगाए जाएंगे जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देखे नहीं होंगे.कही एक्सपर्ट का मानना है की रूस -यूक्रेन विवाद  तीसरा  वर्ल्ड वार का कारण  भी बन सकता है .

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments