वर्तमान में उम्मीदवारों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में खींचतान हो रही है! कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर बीजेपी और एनडीए नेताओं की ओर से लगातार किए जा रहे कमेंट पर सियासी पारा चढ़ने लगा है। पहले केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने राहुल गांधी को नंबर वन आतंकी कहा था। फिर बीजेपी सांसद अनिल बोंडे ने राहुल गांधी को लेकर विवादित कमेंट किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की जीभ जला देनी चाहिए। वहीं शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड ने राहुल गांधी की जीभ काटने वाले को 11 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया था। राहुल गांधी के खिलाफ लगातार दिए जा रहे बयानों पर कांग्रेस ने सवाल उठाए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस संबंध में पीएम मोदी को पत्र भी लिखा। खरगे ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वे बीजेपी नेताओं के बीच मर्यादा और शालीनता सुनिश्चित करें। ऐसी टिप्पणियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भारतीय लोकतंत्र को पतन से बचाया जा सके। भले ही कांग्रेस इस समय राहुल गांधी के मुद्दे पर लोकतंत्र की बात कर रही। लेकिन वो ये भूल गई कि कांग्रेस नेताओं की ओर से पीएम मोदी को लेकर कैसे-कैसे विवाद कमेंट किए गए। सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को ‘मौत का सौदागर’ कहा था। कांग्रेस के मौजूदा सांसद इमरान मसूद को भला कौन भूल सकता है, जिसने करीब 10 साल पहले पीएम मोदी को लेकर विवादित बयान दिया था।
इमरान मसूद उस समय कांग्रेस से लोकसभा उम्मीदवार थे। उन्होंने तब पीएम मोदी को लेकर ‘बोटी-बोटी काट देंगे’ वाला कमेंट किया था। उस समय मसूद पर कांग्रेस नेतृत्व ने एक्शन लेने के बजाय प्रमोशन दिया था। इमरान मसूद को यूपी कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया दिया गया था। यही नहीं 2024 के चुनाव में कांग्रेस ने इमरान मसूद को फिर लोकसभा का टिकट दिया और अब वो सांसद बन गए हैं। यही नहीं कांग्रेस उस समय को भूल गई जब किसान आंदोलन में ‘मोदी मर जा तू’ के गीत गाए गए। कांग्रेस ने उसे लेकर कोई रिएक्शन नहीं दिया। इतना ही नहीं अमित शाह जब बीमार पड़े तो उनके भी मरने की कामना की गई। ये सब ऐसे मुद्दे हैं जिस पर कांग्रेस को चुप्पी तोड़नी चाहिए।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी इस पर रिएक्ट किया। उन्होंने कांग्रेस मुखिया खरगे को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस नेताओं की ओर से इस्तेमाल किए गए अपमानजनक शब्दों की सूची दी है। नड्डा ने कांग्रेस पर राजनीतिक शिष्टाचार भूलने का आरोप लगाया। राहुल गांधी पर तंज कसते हुए जेपी नड्डा ने लिखा कि कांग्रेस ने एक बार फिर फेल हो चुके प्रोडक्ट को पॉलिश करके रीलॉन्च करने की कोशिश की है जिसे जनता कई बार खारिज कर चुकी है। क्या यह राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी नहीं थीं जिन्होंने मोदी जी के लिए ‘मौत का सौदागर’ जैसा अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया था? आपकी पार्टी ने ऐसे बेशर्म बयानों का महिमामंडन किया। क्या तब कांग्रेस राजनीतिक मर्यादा भूल गई थी?
जेपी नड्डा ने अपने पत्र में लिखा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी राहुल गांधी के दबाव के कारण कॉपी एंड पेस्ट पार्टी बन गई है और उनकी बुराइयों को आत्मसात कर चुकी है। कांग्रेस नेताओं ने, प्रधानमंत्री मोदी को सांप, बिच्छू, राक्षस, जेबकतरा और डरपोक तक कहा। यहां तक कि उनके माता-पिता का भी अपमान किया गया। बीजेपी अध्यक्ष ने राहुल गांधी पर आरक्षण और जाति की राजनीति का सहारा लेने और लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काने का आरोप लगाया।
जेपी नड्डा ने कहा कि फिर वह विदेश जाते हैं और आरक्षण खत्म करने और दलितों, पिछड़े वर्गों और आदिवासी समुदायों के लोगों से उनके अधिकार छीनने की बात करते हैं। नड्डा ने कहा कि यह कांग्रेस ही है जिसने भारतीय लोकतंत्र का सबसे ज्यादा अपमान किया है। कांग्रेस ने आपातकाल लगाया, तीन तलाक का समर्थन किया, संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम किया और उन्हें कमजोर किया। नड्डा ने खरगे के पीएम मोदी को लिखे लेटर पर उन्ही के अंदाज में जवाब दिया है।
कुल मिलाकर बीजेपी और एनडीए नेताओं की ओर से दिए जा रहे विवादित बयान कहीं से भी उचित नहीं कहे जा सकते। यही वजह है कि बीजेपी नेतृत्व ने इन बयानों से खुद को अलग कर लिया है। लेकिन सवाल ये भी उठना लाजमी है कि आज जिस तरह से कांग्रेस बीजेपी पर उंगली उठा रही और गुस्सा दिखा, पहले उन्हें अपने गिरेबां पर झांककर देखना चाहिए। पीएम मोदी को लेकर पूर्व किए गए विवादित कमेंट को कहीं से भी जायज नहीं ठहराया जाना चाहिए। अगर उस समय कांग्रेस ने अपने नेताओं पर एक्शन लिया होता तो शायद स्थिति अलग होती।