Monday, April 7, 2025
HomeIndian Newsक्या हरियाणा चुनाव के लिए बीजेपी को संभाल कर चलना होगा?

क्या हरियाणा चुनाव के लिए बीजेपी को संभाल कर चलना होगा?

यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या हरियाणा चुनाव के लिए बीजेपी को संभाल कर चलना होगा या नहीं! हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने जैसे ही उम्मीदवारों की पहली लिस्ट घोषित की मानो पार्टी में घमासान ही मच गया। 67 उम्मीदवारों की पहली सूची आने के बाद पार्टी में सिरफुटौव्वल शुरू हो गई। जिन नेताओं को बीजेपी से टिकट की उम्मीद थी उन्होंने मोर्चा खोल रखा है। पहली लिस्ट के बाद हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ने वाले नेताओं की लाइन लग गई है। पार्टी छोड़ने वालों में कैबिनेट मंत्री से लेकर कई पूर्व विधायक भी शामिल हैं। बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसमें हरियाणा के कैबिनेट मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला का नाम भी शामिल है। उन्होंने रानिया विधानसभा से टिकट नहीं देने पर नाराजगी जताई। यही नहीं रणजीत चौटाला ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है। रणजीत चौटाला ही नहीं कई और दिग्गजों ने बीजेपी छोड़ने का फैसला लिया है। चुनावी रण से ठीक पहले ये कहीं से भी पार्टी के लिए अच्छी खबर नहीं मानी जा सकती। हालांकि, बीजेपी नेतृत्व ने जिस तरह से टिकट बंटवारा किया है उसके पीछे खास प्लानिंग मानी जा रही है। पार्टी ने इसी साल जून में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को देखते हुए टिकट बंटवारा किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार लोकसभा चुनाव में राज्य की 10 में से 5 सीट पर ही बीजेपी कब्जा जमाने में सफल रही। बाकी बची 5 सीटें कांग्रेस के खाते में गईं। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां सभी 10 सीटों पर कब्जा जमाया था। 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन को देखते हुए पार्टी कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती। इसके पीछे एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर भी अहम है।

राज्य में पार्टी विरोधी लहर को देखते हुए बीजेपी नेतृत्व हर कदम बहुत फूक-फूक कर रहा है। यही वजह है टिकट बंटवारे में पार्टी ने सियासी समीकरण का ध्यान रखा है। इसका खुलासा खुद पार्टी के प्रदेश प्रभारी बिप्लब देब ने किया। उन्होंने गुरुवार को कहा कि उम्मीदवारों की सूची तैयार करने में सामाजिक समीकरणों का पूरा ध्यान रखा गया है। हर समाज को प्रतिनिधित्व दिया गया है। त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। इन सभी सीटों पर जीत का परचम लहराने के लिए हमारी पार्टी तैयार है। पहली लिस्ट में 14 पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधि शामिल हैं। सभी सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशियों का चयन किया गया है।

बिप्लब देब ने कहा कि हमने दलित समुदाय से जुड़े लोगों को भी जगह दी है। इस बात का विशेष ध्यान रखा है कि किसी भी समाज का व्यक्ति वंचित न रहे। हर समाज को राजनीति में अपनी भागीदारी निभाने का मौका मिले। उन्होंने ये भी बताया कि पार्टी ने नौ मौजूदा विधायकों के भी टिकट काटे हैं। इनमें मंत्री भी शामिल हैं। मौजूदा समय में राजनीतिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए हमने यह कदम उठाया है, लिहाजा कोई भी उसे निजी तौर पर न ले।

90 सदस्यीय हरियाण विधानसभा चुनाव में बीजेपी का टारगेट जीत की हैट्रिक लगाने पर है। यही वजह है कि पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। ऐसे में पार्टी ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए सूबे के सीएम नायब सिंह सैनी की सीट भी बदल दी। सैनी को उम्मीद थी कि एक बार फिर वो करनाल सीट से दावेदारी करेंगे। ये सीट मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। लोकसभा चुनाव से पहले एमएल खट्टर ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें लोकसभा चुनाव मैदान में उतारा गया था। ऐसे में नायब सिंह सैनी को सूबे का सीएम बनाया गया। यही नहीं वो जाटलैंड की मजबूत पकड़ के चलते करनाल से जीत दर्ज करने में सफल रहे। हालांकि, अब पार्टी ने सैनी को लाडवा से चुनाव में उतारा है। वहीं करनाल से बीजेपी ने जगमोहन आनंद को टिकट दिया है। वो पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के मीडिया सलाहकार भी रहे हैं।

हरियाणा चुनाव में बीजेपी ने जो पहली लिस्ट जारी की उनमें कई पूर्व सांसदों के साथ ही जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) छोड़कर पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं के भी टिकट कटे हैं। वहीं पार्टी के कई बड़े नाम भी उम्मीदवारों की सूची से गायब हैं। हिसार के बीजेपी जिला उपाध्यक्ष तरुण जैन ने पार्टी से नाता तोड़ दिया। उन्होंने कमल गुप्ता को टिकट दिए जाने पर नाराजगी जताते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। बीजेपी व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक नवीन गोयल ने पार्टी को अलविदा कह दिया। वो गुरुग्राम विधानसभा से टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। हालांकि पार्टी ने गुरुग्राम से मुकेश शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। नवीन गोयल ने गुरुग्राम से निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।

बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे और पूर्व विधायक सुखविंदर मांढी का चरखी-दादरी जिले के बाढड़ा से टिकट कट गया। ऐसे में उनके समर्थकों ने सड़क पर उतरकर आक्रोश व्यक्त किया। उमेद सिंह पातुवास को यहां से टिकट दिए जाने पर सुखविंदर मांढी के समर्थकों ने बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन किया। बीजेपी से इस्तीफा देने वालों की लिस्ट में सुनील राव, आदित्य चौटाला, सावित्री जिंदल, सोनीपत से पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन के नाम शामिल हैं। लक्ष्मण नापा ने रतिया से टिकट नहीं मिलने के बाद बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। वो जल्द ही कांग्रेस दामन थाम सकते हैं। बीजेपी ने रतिया से सुनीता दुग्गल को टिकट दिया है। हरियाणा बीजेपी ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज ने इंद्री विधानसभा सीट से टिकट कटने के बाद सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, बीजेपी में इस्तीफों की झड़ी के बीच पार्टी कैसे इस चुनौती से पार पाएगी, ये देखना दिलचस्प होगा।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments