क्या अब पुणे में बंद होंगे खतरनाक पर्यटन स्थल?

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अब पुणे में खतरनाक पर्यटन स्थल बंद होने वाले है! तीन दिन पहले भुशी डैम पर एक भयावह हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें पूरा परिवार पानी में बह गया था। इसके बाद पुणे प्रशासन ने हादसे पर गंभीरता से संज्ञान लिया। कलेक्टर सुहास दिवसे ने पुणे के पर्यटन स्थलों के लिए एक अधिसूचना जारी की है। आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अनुसार, मावल, मुलशी, अंबेगांव, खेड़, जुन्नार, भोर, वेल्हा, इंदापुर और हवेली में धारा 163 लागू की गई है। पुणे जिला प्रशासन का दावा है कि वह मॉनसून के दौरान पर्यटकों का ख्याल रखता है। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए 2 से 31 जुलाई तक मावल तालुका में भूसी बांध और पावना झील क्षेत्र में पर्यटकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही प्रशासन ने पुणे जिले के खतरनाक स्थानों की एक सूची भी तैयार की है। ऐसी स्थिति में दुर्घटना होने की संभावना है। कोहरे के कारण रास्ता भटकना पड़ रहा है। वन संरक्षक चव्हाण ने कहा कि पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमने 1 जुलाई से 30 सितंबर तक पर्यटन के लिए सेंचुरी में सभी प्राकृतिक मार्गों को बंद करने का फैसला किया है।इसमें मावल तालुका के भूसी बांध, बेंडेवाडी, खंडाला के टाइगर पॉइंट, लायन पॉइंट, राजमाची पॉइंट, सहारा ब्रिज, पावना झील, टाटा बांध, घुबड़ फॉल्स पर पर्यटकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

कलेक्टर की ओर से जारी आदेश के मुताबिक पांच से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। गहरे पानी में रीलिंग और तस्वीरें लेने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। नियमों का उल्लंघन करने पर बीएनएनएस और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल जनवरी 2024 में पुणे जिले के लोनावाला में पावना झील के पास चार लोग डूब गए थे, जबकि वन्यजीव संरक्षक मावल की जानकारी के अनुसार, मार्च और मई के बीच मावल के जल पर्यटन स्थलों पर 27 लोगों की जान चली गई। इस खतरे को समझते हुए जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को खतरनाक पर्यटक स्थलों पर खतरनाक सामग्री के चेतावनी बोर्ड लगाने का निर्देश दिया है। भीमाशंकर देवस्थान दर्शन के लिए आ रहे पर्यटकों के लिए अहम खबर है। भीमाशंकर वाइल्डलाइफ सेंचुरी में दुर्घटना संभावित क्षेत्र में पर्यटकों का प्रवेश 30 सितंबर तक बंद कर दिया गया है। वन विभाग (वन्यजीव) ने आदेश जारी किया कि पर्यटक छुट्टियों के लिए इस क्षेत्र में न आएं। नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। दरअसल भीमाशंकर क्षेत्र में साल भर भक्तों की भारी भीड़ रहती है। मॉनसून के दौरान पर्यटक भी बड़ी संख्या में इस प्राकृतिक क्षेत्र में घूमने और झरने का आनंद लेने आते हैं।

भीमाशंकर सेंचुरी भाग एक और वन क्षेत्र के भाग दो में झरने के कुंडों में डुबकी लगाने के लिए स्थानीय लोगों के साथ छुट्टियों पर पुणे मुंबई से पर्यटक आते हैं। वर्तमान में इन झरनों में पानी तेज है। यदि आप तैरते समय पानी के प्रवाह और गहराई का अनुमान नहीं लगाते हैं तो यह एक घातक दुर्घटना का कारण बन सकता है। भीमाशंकर वाइल्डलाइफ सेंचुरी की पहाड़ी घाटियों में जंगल के रास्ते बारिश के कारण फिसलन भरे हो गए हैं। कई स्थानों पर घास उगने के कारण रास्ते बह गए हैं। ऐसी स्थिति में दुर्घटना होने की संभावना है। कोहरे के कारण रास्ता भटकना पड़ रहा है। वन संरक्षक (वन्यजीव) तुषार चव्हाण ने कहा कि पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमने 1 जुलाई से 30 सितंबर तक पर्यटन के लिए सेंचुरी में सभी प्राकृतिक मार्गों को बंद करने का फैसला किया है।

इस बीच भीमाशंकर में दर्शन के लिए आने वाले सभी पर्यटकों को सेंचुरी के चारों ओर घूमते समय नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। चव्हाण ने कहा कि बिना अनुमति के अवैध रूप से सेंचुरी में प्रवेश न करें और बिना अनुमति के प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने वाले पर्यटकों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि पर्यटकों की सुरक्षा के लिए 2 से 31 जुलाई तक मावल तालुका में भूसी बांध और पावना झील क्षेत्र में पर्यटकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही प्रशासन ने पुणे जिले के खतरनाक स्थानों की एक सूची भी तैयार की है। लोनावला के भूशी डैम इलाके में रविवार को हुए हादसे में एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद तम्हिनी घाट इलाके में एक 32 वर्षीय युवक बह गया। सोमवार को कोल्हापुर के कलम्मावाडी बांध क्षेत्र में दूधगंगा नदी के तल में पैर गिरने से दो युवक बह गए।