आने वाले समय में अब सरकारी मंत्रालय तंबाकू की लत छुड़ाएंगे! विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ के मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अहम गाइडलाइंस जारी की हैं। शिक्षा मंत्रालय ने देश के सभी शिक्षा संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है, वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को तंबाकू की लत छुड़वाने में मदद करने के लिए देश के मेडिकल संस्थानों में विशेष सेंटर्स बनाने के लिए ऑपरेशनल गाइडलाइंस जारी की हैं। तंबाकू से हर साल होने वाली करीब 13 लाख मौतों का अनुमान लगाया गया है और यह पब्लिक हेल्थ के लिए भी गंभीर संकट बनकर उभर रहा है। इसको लेकर दोनों मंत्रालयों ने यह बड़ी पहल की है। शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने इन गाइडलाइंस का महत्व बताते हुए कहा कि हम सभी को अपने जीवन और स्वास्थ्य पर तंबाकू के हानिकारक प्रभाव को समझना चाहिए। इसलिए इससे आजीवन दूर रहना चाहिए।तंबाकू से होने वाली मौतों को कम से कम करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय कई अभियान चला रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि डेंटल कॉलेजों में तो इस तरह के सेंटर्स हैं और अब सभी मेडिकल कॉलेजों में भी ये सेंटर होंगे। इन सेंटर में आने वाले मरीजों की काउंसलिंग होगी, उनका ट्रीटमेंट किया जाएगा। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि ग्लोबल यूथ टबैको सर्वे 2019 का डेटा कहता है कि स्कूल जाने वाले बच्चों में से 13-15 आयु वर्ग के 8.5 पर्सेंट बच्चे किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। वहीं बहुत से लोग ऐसे हैं जो 20 वर्ष की आयु से पहले तंबाकू का सेवन करना शुरू कर देते हैं और आजीवन इसके आदी हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने की गाइडलाइंस के तहत कड़े कदम उठाए जाएंगे।
शिक्षा संस्थानों के आसपास तंबाकू उत्पादों को न बेचे जाने के नियम का कड़ाई से पालन करवाया जाएगा। मंत्रालय ने जो गाइडलाइंस तैयार की है, उसमें हर शिक्षा संस्थान को अपने परिसर में प्रमुख जगहों पर तंबाकू मुक्त एरिया के पोस्टर बैनर लगाने होंगे। शिक्षा संस्थानों में रैंडम चेकिंग करनी होगी। स्कूल के प्रमुख को टीचर्स, स्टाफ मेंबर्स में से एक ऐसे शख्स को टबैको मॉनिटर चुनना होगा, जो खुद तंबाकू का सेव न करता हो। यह शख्स शिक्षा संस्थानों में तंबाकू के प्रयोग को रोकने के लिए सभी जरूरी गतिविधियों में मदद करेगा। जो भी छात्र, टीचर या स्टाफ का सदस्य टबैको कंट्रोल के लिए अच्छा काम करेगा, उसे पुरस्कार भी दिया जाएगा। शिक्षा संस्थानों को सख्त कदम उठाने होंगे।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी बड़ा फैसला लिया है और हर मेडिकल कॉलेज में विशेष सेंटर्स बनाने के लिए ऑपरेशनल गाइडलाइंस जारी की हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने अपने संदेश में कहा है कि इन सेंटर्स में आने वाले मरीजों की पूरी मदद की जाएगी ताकि वे तंबाकू की आदत से मुक्त हो सकें। उन्होंने कहा कि तंबाकू से होने वाली मौतों को कम से कम करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय कई अभियान चला रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि डेंटल कॉलेजों में तो इस तरह के सेंटर्स हैं और अब सभी मेडिकल कॉलेजों में भी ये सेंटर होंगे। इन सेंटर में आने वाले मरीजों की काउंसलिंग होगी, उनका ट्रीटमेंट किया जाएगा। साथ ही मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को भी सीखने को मिलेगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने बेंगलुरु स्थित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं स्नायु विज्ञान संस्थान को 2024 के नेल्सन मंडेला अवॉर्ड फॉर हेल्थ प्रमोशन से सम्मानित किया है। शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने इन गाइडलाइंस का महत्व बताते हुए कहा कि हम सभी को अपने जीवन और स्वास्थ्य पर तंबाकू के हानिकारक प्रभाव को समझना चाहिए। इसलिए इससे आजीवन दूर रहना चाहिए।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने यह पुरस्कार मिलने पर बेंगलुरु के संस्थान को बधाई दी है और कहा कियह शख्स शिक्षा संस्थानों में तंबाकू के प्रयोग को रोकने के लिए सभी जरूरी गतिविधियों में मदद करेगा। जो भी छात्र, टीचर या स्टाफ का सदस्य टबैको कंट्रोल के लिए अच्छा काम करेगा, उसे पुरस्कार भी दिया जाएगा। शिक्षा संस्थानों को सख्त कदम उठाने होंगे। यह ‘समावेशी स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में भारत के प्रयासों की मान्यता है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्र ने भी निमहांस को बधाई दी है।