समुद्र से लेकर अंतरिक्ष तक अब भारत और बांग्लादेश एक साथ खड़े होने वाले हैं! बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत दौरे पर दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए। भारत और बांग्लादेश ने ई-मेडिकल वीजा, नए वाणिज्य दूतावास, भारतीय रुपये में व्यापार और बिजली निर्यात जैसी पहलों के माध्यम से अपने संबंधों को विस्तार दिया है। दोनों देशों ने ग्रीन पार्टनरशिप, डिजिटल पार्टनरशिप, ब्लू इकॉनमी और स्पेस टेक्नॉलजी के क्षेत्रों में साझेदारी का निर्णय लिया। भारत और बांग्लादेश ने लंबे समय से एक करीबी रिश्ता साझा किया है, जो आपसी सम्मान और सहयोग पर आधारित है। दोनों देशों के बीच हाल के घटनाक्रमों ने इस बंधन को और मजबूत किया है, जिसमें कनेक्टिविटी, कॉमर्स और कोऑपरेशन को बढ़ाने के उद्देश्य से पहल की गई है। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच व्यापक बातचीत हुई। इस दौरान दोनों देशों ने व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर बातचीत शुरू करने, रक्षा सहयोग बढ़ाने और आपसी संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा विकास सहयोगी है और नई दिल्ली उसके साथ अपने संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा कि ‘आज नए क्षेत्रों में भारत-बांग्लादेश सहयोग के लिए एक भविष्यवादी दृष्टिकोण तैयार किया गया है।’ दोनों पक्षों ने डिजिटल क्षेत्र, समुद्री क्षेत्र और रेलवे संपर्क जैसे क्षेत्रों में संबंधों को और व्यापक बनाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
दोनों देशों के बीच हुई साझेदारियों की मुख्य घोषणाओं में से बांग्लादेश के नागरिकों के लिए भारत में इलाज करवाने के लिए ई-मेडिकल वीजा सुविधा शुरू करने का निर्णय है। यह कदम न केवल रोगियों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाएगा बल्कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच संबंधों को भी मजबूत करेगा। इसके अतिरिक्त, बांग्लादेश के रंगपुर में एक नए वाणिज्य दूतावास के खुलने से उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के लोगों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी, जिससे द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे। मोदी-हसीना वार्ता के बाद भारत और बांग्लादेश ने ‘ग्रीन पार्टनरशिप’ के लिए एक साझा दृष्टिकोण को अंतिम रूप देते हुए एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए।
दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग और नीली अर्थव्यवस्था पर समझौते को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों पक्ष आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि रक्षा उत्पादन और सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण सहित रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ। मोदी ने कहा, ‘हम भारत-प्रशांत महासागर पहल में शामिल होने के बांग्लादेश के फैसले का स्वागत करते हैं।’ व्यापार के मामले में भारत और बांग्लादेश ने भारतीय रुपये में व्यापार शुरू करके एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह व्यापार प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा और दोनों देशों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। इसके अलावा, भारतीय ग्रिड के माध्यम से नेपाल से बांग्लादेश को बिजली निर्यात को एक महत्वपूर्ण विकास के रूप में उजागर किया गया है, जो क्षेत्रीय सहयोग और ऊर्जा सुरक्षा की क्षमता को प्रदर्शित करता है।
भारत बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व देता है, यह बताते हुए उन्होंने कहा कि यह देश नई दिल्ली की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति, ‘एक्ट ईस्ट’ नीति, ‘विजन सागर’ और भारत-प्रशांत दृष्टि के संगम पर स्थित है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह एक स्थिर, समृद्ध और प्रगतिशील बांग्लादेश के बंगबंधु के दृष्टिकोण को साकार करने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। वहीं, बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना ने कहा, ‘भारत हमारा प्रमुख पड़ोसी और एक विश्वसनीय मित्र है’ और ढाका नई दिल्ली के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है जो ‘1971 में हमारे मुक्ति संग्राम’ में पैदा हुए थे।
दिल्ली के हैदराबाद हाउस में आयोजिच समारोह में भारत-बांग्लादेश के बीच जो समझौते हुए उनमें इन-स्पेस और बांग्लादेश के आईसीटी और दूरसंचार मंत्रालय के बीच हुआ समझौता भी शामिल है। इस समझौते पर बांग्लादेश सैटेलाइट कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष और सीईओ शाहजहां महमूद और अंतरिक्ष विभाग के सचिव एस सोमनाथ ने हस्ताक्षर किए।इस समझौते से दोनों देशों में स्पेस टेक्नॉलजी और सैटलाइट कम्यूनिकेशन में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, भारत और बांग्लादेश के रेल मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। रेलवे संपर्क बढ़ाने और सुचारू सीमा पार परिवहन की सुविधा के उद्देश्य से समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान मोहम्मद हुमायूं कबीर और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष जया सिन्हा ने किया। समुद्र विज्ञान में सहयोग के लिए एक और समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया ताकि समुद्री विज्ञान में संयुक्त अनुसंधान और अन्वेषण को बढ़ावा दिया जा सके, जिस पर भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त, मोहम्मद मुस्तफिजुर रहमान और बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने हस्ताक्षर किए। एनडीएमए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और बांग्लादेश के आपदा प्रबंधन और राहत मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण, आपदा प्रबंधन रणनीतियों और लचीलापन प्रयासों को मजबूत करने के लिए किया गया।