आने वाले समय में भारत कनाडा को कनाडा की भाषा में ही जवाब देगा! भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाह के तौर पर उभरे कनाडा में दंगाइयों ने हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया है। श्रद्धालुओं पर हमले किए हैं। भारतीय राजनयिकों पर हमले की कोशिश की है। जस्टिन ट्रूडो की सरकार भारतीय राजनयिकों की निगरानी कर रही है। उनकी जासूसी कर रही है। कनाडाई आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद ट्रूडो ने भारत पर बेतुके आरोप लगाए। तब से दोनों देशों के रिश्ते गर्त में पहुंच चुके हैं। अब हिंदू मंदिरों पर ट्रूडो सरकार के पाले गुंडों और दंगाइयों के हमले ने लक्ष्मण रेखा पार कर दी है। तभी तो ट्रूडो के बेसिर पैर के बेतुके आरोपों के बाद भी संयम बरतने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार कनाडाई सरकार को ‘न्याय सुनिश्चित’ करने और ‘कानून का शासन’ स्थापित करने की नसीहत दी है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी मंदिरों पर हमले को ‘बेहद चिंताजनक’ करार दिया है। विदेश मंत्री ने ये भी कहा है कि कनाडा ने बिना किसी सबूत के आरोप लगाने का एक पैटर्न विकसित कर लिया है। पीएम मोदी का बयान बताता है कि भारत के सब्र का बांध अब टूट चुका है और उन्होंने संकेत दे दिया है कि कनाडा को अब उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा। हिंदू मंदिरों पर हमले की निंदा करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा, ‘कनाडा में हिंदू मंदिर पर जो हुआ वह बेहद चिंताजनक है।’ उन्होंने ये बात ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में कही।
इससे पहले सोमवार को पीएम मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिरों पर जानबूझकर किए गए हमले और भारतीय राजनयिकों को डराने की कायराना कोशिशों पर बहुत ही तल्ख भाषा में जस्टिन ट्रूडो सरकार को नसीहत दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए जानबूझकर किए गए हमले की मैं कड़ी निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने की कायराना कोशिशें भी उतनी ही निंदनीय हैं। हिंसा के ऐसे कृत्य भारत के संकल्प को कमजोर नहीं कर सकते। हम कनाडा सरकार से न्याय सुनिश्चित करने और कानून का राज कायम करने की उम्मीद करते हैं।’ इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा में भारतीय राजनयिकों की निगरानी पर उसे चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कनाडा ने बिना सबूत दिए आरोप लगाने का एक पैटर्न विकसित कर लिया है। जयशंकर ने कहा, ‘भारतीय राजनयिकों पर निगरानी रखी जा रही है जो अस्वीकार्य है। कनाडा में चरमपंथी ताकतों को राजनीतिक जगह दी जा रही है।’
ऐसा लगता है जैसे जस्टिन ट्रूडो सरकार बिना किसी शर्म-हया के खुलकर आतंकियों के साथ खड़ी है, तभी तो कनाडाई पुलिस भी दंगाइयों को नियंत्रित करने के बजाय पीड़ित हिंदुओं पर बल प्रयोग करती दिखी। एक हिंदू लड़के को पुलिस इस अंदाज में गिरफ्तार करती दिखी जैसे 2020 में अमेरिका के मिनियापोलिस में जॉर्ज फ्लायड नाम के एक अश्वेत को पुलिस ने जमीन पर गिराकर गर्दन दबाया था। फ्लायड की दम घुटने से मौत हो गई थी और दुनियाभर में उस कांड के बाद अमेरिका की किरकिरी हुई थी। लेकिन जस्टिन ट्रूडो सरकार और उनकी पुलिस बेशर्मी की सारी सीमाएं पार कर चुकी हैं। ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हमला करने वाले दंगाइयों की भीड़ में कनाडा पुलिस का एक ऑफ ड्यूटी अफसर भी शामिल था। दबाव के बाद उसे सिर्फ सस्पेंड करके कार्रवाई का दिखावा किया गया है।
इससे पहले सोमवार को विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि भारत उग्रवादियों और अलगाववादियों की तरफ से की गई हिंसा की निंदा करता है। साथ ही, भारत सरकार को उम्मीद है कि हिंसा में शामिल लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हम ओंटारियो के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में उग्रवादियों और अलगाववादियों की तरफ से की गई हिंसा की निंदा करते हैं। हम कनाडा सरकार से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि सभी पूजास्थलों को ऐसे हमलों से बचाया जाए। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि हिंसा में शामिल लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा। हम कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं। भारतीयों और कनाडाई नागरिकों को सेवाएं प्रदान करने के लिए हमारे दूतावास के अधिकारियों के प्रयासों को धमकी, उत्पीड़न और हिंसा से नहीं रोका जा सकता है।’