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क्या अब फ्रांस में होंगे मध्यावधि चुनाव?
Saturday, April 19, 2025
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क्या अब फ्रांस में होंगे मध्यावधि चुनाव?

आने वाले समय में फ्रांस में मध्यावधि चुनाव होने वाले हैं! फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने यूरोपीय संसद के लिए चुनाव में अपनी पार्टी की करारी हार के बाद रविवार को नेशनल असेंबली भंग कर दी और मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की। राष्ट्रपति भवन ‘एलिसी पैलेस’ से राष्ट्र के नाम संबोधन में मैक्रों ने कहा, “मैंने संसदीय चुनाव कराने का फैसला किया है। इसलिए मैं नेशनल असेंबली को भंग कर रहा हूं।” उन्होंने कहा कि मतदान 30 जून और 7 जुलाई को दो चरण में होगा। यूरोपीय संघ के संसदीय चुनाव में धुर दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली काफी आगे रही है जबकि मैक्रों की यूरोपीय समर्थक मध्यमार्गी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। मैक्रों ने अपनी करारी शिकस्त को स्वीकार करते हुए कहा, ”मैं आपका जनादेश स्वीकार करता हूं, आपकी चिंताओं से वाकिफ हुआ हूं और मैं इन्हें हल किये बिना नहीं जाऊंगा।” उन्होंने कहा कि अचानक चुनाव की घोषणा करना केवल उनकी लोकतांत्रिक साख को रेखांकित करता है।यूरोपीय संघ (ईयू) चुनावों में धुर दक्षिणपंथी दलों ने कई देशों की सत्तारूढ़ सरकारों की भारी नुकसान पहुंचाया और रविवार को हुए संसदीय चुनावों में बड़ी सफलता हासिल की। कुल 27 सदस्य देशों वाले यूरोपीय संघ में सत्ता की चाबी दक्षिणपंथी दलों के हाथों में खिसकती हुई नजर आई और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की पार्टी की सीट यूरोपीय संघ संसद में दोगुनी हो गयी। जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी ‘अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी’ को भले ही अपने उम्मीदवारों से जुड़े घोटाले का सामना करना पड़ा हो लेकिन पार्टी ने देश के चांसलर ओलाफ शोल्ज की ‘‘सोशल डेमोक्रेट्स’ पार्टी को मात देने के लिए पर्याप्त सीट जुटा लीं।

धुर दक्षिणपंथ दलों से हार के खतरे को भांपते हुए यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेन की पार्टी ‘क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स’ ने चुनावों से पहले ही प्रवासन और जलवायु के मुद्दे पर और अधिक दक्षिणपंथी रुख अपना लिया था, जिसके कारण 720 सीट वाली यूरोपीय संसद में उनकी पार्टी अब तक की सबसे बड़ी पार्टी बने रहने के रूप में सफल साबित हुई। इस बात में कोई शक नहीं कि रविवार रात को हुए संसदीय चुनावों में फ्रांस में मैरीन ले पेन की ‘नेशनल रैली’ पार्टी ने अपना दबदबा कायम किया, जिसके कारण मैक्रों ने राष्ट्रीय संसद को तुरंत भंग कर मध्यावधि चुनावों की घोषणा कर दी। मैक्रों के लिए यह बड़ा राजनीतिक जोखिम है, क्योंकि उनकी पार्टी को और अधिक नुकसान सहना पड़ सकता है।

ले पेन ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए कहा, ”हम देश को बदलने के लिए तैयार हैं, फ्रांस के हितों की रक्षा के लिए तैयार हैं, बड़े पैमाने पर प्रवासन की समस्या को समाप्त करने के लिए तैयार हैं।” मैक्रों ने अपनी करारी शिकस्त को स्वीकार करते हुए कहा, ”मैं आपका जनादेश स्वीकार करता हूं, आपकी चिंताओं से वाकिफ हुआ हूं और मैं इन्हें हल किये बिना नहीं जाऊंगा।” उन्होंने कहा कि अचानक चुनाव की घोषणा करना केवल उनकी लोकतांत्रिक साख को रेखांकित करता है।

यूरोपीय संघ के 27 सदस्यीय देशों में सबसे अधिक आबादी वाले देश जर्मनी में ‘अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी’ के कई शीर्ष उम्मीदवारों का नाम घोटालों में शामिल रहा लेकिन इसके बावजूद पार्टी का मत प्रतिशत बढ़ा। पार्टी ने 2019 में 11 प्रतिशत मत हासिल किये थे, बता दे कि जबकि मैक्रों की यूरोपीय समर्थक मध्यमार्गी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। यूरोपीय संघ (ईयू) चुनावों में धुर दक्षिणपंथी दलों ने कई देशों की सत्तारूढ़ सरकारों की भारी नुकसान पहुंचाया और रविवार को हुए संसदीय चुनावों में बड़ी सफलता हासिल की। कुल 27 सदस्य देशों वाले यूरोपीय संघ में सत्ता की चाबी दक्षिणपंथी दलों के हाथों में खिसकती हुई नजर आई और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की पार्टी की सीट यूरोपीय संघ संसद में दोगुनी हो गयी। जो बढ़कर 16.5 प्रतिशत हो गए।इस बात में कोई शक नहीं कि रविवार रात को हुए संसदीय चुनावों में फ्रांस में मैरीन ले पेन की ‘नेशनल रैली’ पार्टी ने अपना दबदबा कायम किया, जिसके कारण मैक्रों ने राष्ट्रीय संसद को तुरंत भंग कर मध्यावधि चुनावों की घोषणा कर दी। मैक्रों के लिए यह बड़ा राजनीतिक जोखिम है, क्योंकि उनकी पार्टी को और अधिक नुकसान सहना पड़ सकता है। वहीं जर्मनी के सत्तारूढ़ गठबंधन में तीन दलों का संयुक्त मत प्रतिशत मुश्किल से 30 प्रतिशत से ऊपर रहा। यूरोपीय संघ के 27 देशों में ये चार दिवसीय चुनाव, भारत के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव माना जाता है।

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