अब आने वाले समय के लिए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए इंतजार करना होगा! जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। शुक्रवार को चुनाव आयोग ने दोनों राज्यों में चुनावी कार्यक्रम की घोषणा कर दी। जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद पहला विधानसभा चुनाव है, ऐसे में चुनाव आयोग ने खास तैयारी की है। यहां तीन चरणों में चुनाव होंगे। वहीं हरियाणा में एक ही फेज में वोटिंग होगी। दोनों राज्यों के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे। चुनाव आयोग ने जैसे ही दो राज्यों ने इलेक्शन शेड्यूल घोषित किया तो सवाल उठे कि महाराष्ट्र और झारखंड में भी चुनाव होने हैं फिर वहां तारीखों का ऐलान क्यों नहीं किया गया। इसके अलावा देशभर की 50 सीटों पर उपचुनाव भी कराए जाने हैं। जानिए महाराष्ट्र-झारखंड को लेकर चुनाव आयोग ने जवाब दिया है। यही नहीं जम्मू-कश्मीर का चुनाव कार्यक्रम एक नया पहलू है जो 2019 के चुनावी चक्र में नहीं था। जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने से सुरक्षा के मद्देनजर कई चुनौतियां हैं। हाल ही में हुए आतंकी हमलों और एक दशक बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, ECI के पास बहुत काम है। चुनाव आयोग ने बताया कि महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों को फिलहाल टाल दिया गया है। इसके दो कारण बताए जा रहे- पहली वजह जम्मू-कश्मीर के चुनाव हैं और दूसरा कारण महाराष्ट्र के कई इलाकों बाढ़ के हालात हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि इन्हीं दो वजहों से महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव कराना अभी मुश्किल है। आपको याद होगा कि 2019 में महाराष्ट्र और हरियाणा में एक साथ चुनाव हुए थे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। इसके साथ ही अलग-अलग राज्यों में करीब 50 सीटों पर उपचुनाव भी वेटिंग लिस्ट में है।
भले ही महाराष्ट्र और झारखंड में अभी चुनाव घोषित नहीं किया गया है, इसका मतलब ये नहीं है कि दोनों राज्यों में चुनाव ज्यादा देर से होंगे। महाराष्ट्र में 26 नवंबर 2024 तक और झारखंड में 5 जनवरी 2025 तक नई विधानसभा का गठन होना जरूरी है। झारखंड के पास थोड़ा समय है, लेकिन महाराष्ट्र के पास नहीं। यही कारण है कि महाराष्ट्र के चुनाव अक्सर हरियाणा के साथ ही कराए जाते हैं। हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त हो रहा है, जो महाराष्ट्र से कुछ ही दिन पहले है। दिल्ली में 23 फरवरी 2025 तक नई विधानसभा का गठन होना है, जो झारखंड की समय सीमा के एक महीने बाद है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि महाराष्ट्र चुनाव को इस बार अलग से क्यों कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का चुनाव कार्यक्रम एक नया पहलू है जो 2019 के चुनावी चक्र में नहीं था। जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने से सुरक्षा के मद्देनजर कई चुनौतियां हैं। हाल ही में हुए आतंकी हमलों और एक दशक बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, ECI के पास बहुत काम है। इसलिए ECI अभी सिर्फ हरियाणा जैसे छोटे राज्य में ही चुनाव करा पाएगा।
CEC राजीव कुमार ने दूसरा कारण बताते हुए कहा कि महाराष्ट्र में बाढ़ ने ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के काम को प्रभावित किया है। बता दें कि देशभर की 50 सीटों पर उपचुनाव भी कराए जाने हैं। जानिए महाराष्ट्र-झारखंड को लेकर चुनाव आयोग ने जवाब दिया है। चुनाव आयोग ने बताया कि महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों को फिलहाल टाल दिया गया है। इसके दो कारण बताए जा रहे- पहली वजह जम्मू-कश्मीर के चुनाव हैं और दूसरा कारण महाराष्ट्र के कई इलाकों बाढ़ के हालात हैं।
इससे राज्य में मतदाता सूची से जुड़ी कुछ प्रक्रियाओं में देरी हुई है। उम्मीद है कि जल्द ही यह काम पूरा हो जाएगा। भले ही महाराष्ट्र और झारखंड में अभी चुनाव घोषित नहीं किया गया है, इसका मतलब ये नहीं है कि दोनों राज्यों में चुनाव ज्यादा देर से होंगे। महाराष्ट्र में 26 नवंबर 2024 तक और झारखंड में 5 जनवरी 2025 तक नई विधानसभा का गठन होना जरूरी है।चुनाव आयोग का कहना है कि इन्हीं दो वजहों से महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव कराना अभी मुश्किल है। आपको याद होगा कि 2019 में महाराष्ट्र और हरियाणा में एक साथ चुनाव हुए थे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।हालांकि, वरिष्ठ ECI अधिकारी महाराष्ट्र और झारखंड दोनों जगहों का दौरा कर चुके हैं, लेकिन CEC राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू के नेतृत्व में पूरा आयोग अभी तक समीक्षा के लिए इन दोनों राज्यों का दौरा नहीं कर पाया है।