Sunday, December 22, 2024
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क्या योगी आदित्यनाथ धर्मांतरण पर लेंगे फैसला?

योगी आदित्यनाथ धर्मांतरण पर फैसला ले सकते हैं, उनकी मुलाकात हाल के दिनों में मोहन भागवत से हुई! राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की बड़ी बैठकों के दौरान या समापन के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आते रहे हैं। इस बार भी प्रयागराज में ऐसा ही देखने को मिला। यहां आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक चल रही है। इस सम्मेलन के लिए संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत 12 अक्टूबर से ही प्रयागराज में हैं। सीएम योगी ने गुरुवार को मोहन भागवत सहित संघ के प्रमुख लोगों से मुलाकात की। करीब घंटा भर चली इस बैठक में मोहन भागवत और योगी के अलावा भैया जी जोशी, डॉ कृष्ण गोपाल, रामलाल, क्षेत्र प्रचारक और प्रांत प्रचारक मौजूद रहे। वैसे तो एहसास यही दिलाया गया कि ये आम औपचारिक बैठक थी लेकिन लखनऊ के सत्ता के गलियारे में इसे लेकर चर्चाएं तेज हैं।

जानकारी के अनुसार बैठक में संघ की तरफ से जनसंख्या कानून, धर्मांतरण (संघ इसे मतांतरण कहता है) जैसे अहम मुद्दों पर सीएम योगी से बात हुई और इस पर ठोस नीति बनाने के रास्ते पर आगे बढ़ने का आग्रह किया गया। सूत्रों के अनुसार इस बैठक संघ ने तमाम विषयों को लेकर अपनी प्राथमिकता सीएम योगी से साझाा की और भविष्य के आयोजनों, कार्यक्रमों आदि की भी जानकारी साझा की गई।

दरअसल संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने पिछले दिनों कुछ मुद्दों पर संघ की प्राथमिकता का जिक्र किया था। उन्होंने बताया कि संघ का मानना है कि आरक्षण का लाभ लेने वाले हिंदू अगर मतांतरित होते हैं तो उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। मतांतरण रोकने के लिए कानून को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। कई राज्यों में घुसपैठ के कारण जनसंख्या असंतुलन की स्थिति बनी है। कन्वर्जन के कारण भी जनसंख्या असंतुलन बढ़ा है, इसे दूर करना होगा।यही नहीं विश्व में जनसंख्या असंतुलन के कारण विभाजन की स्थिति आई है। हमें उससे सबक लेना होगा। देश में युवाओं और बुजुर्गों का अनुपात भी सही होना चाहिए। चीन और जापान जैसी स्थिति हुई तो भी ठीक नहीं होगा।

वैसे बता दें सीएम योगी आदित्यनाथ 2020 में ही अवैध धर्मांतरण को लेकर कानून बना चुके हैं। उत्तर प्रदेश में अगर जबरन धर्मांतरण होता है तो उसमें एक से 10 साल तक जेल हो सकती है। यही नहीं 15 से 50 हजार रुपये तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इस कानून में शादी के लिए धर्मांतरण अमान्य है। इसमें साफ किया गया कि अगर धर्मांतरण सामूहिक है तो सजा के साथ ही संबंधित संगठन का लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा। यही नहीं अगर कोई शादी के लिए इच्छा से धर्म बदलना चाहता है तो इसके लिए दो महीने पहले उसे डीएम के पास नोटिस देना होगा।

अब संघ की तरफ से धर्मांतरण करने वाले को आरक्षण का लाभ नहीं देने की बात सामने आई है।वैसे बता दें सीएम योगी आदित्यनाथ 2020 में ही अवैध धर्मांतरण को लेकर कानून बना चुके हैं। उत्तर प्रदेश में अगर जबरन धर्मांतरण होता है तो उसमें एक से 10 साल तक जेल हो सकती है। यही नहीं 15 से 50 हजार रुपये तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इस कानून में शादी के लिए धर्मांतरण अमान्य है। इसमें साफ किया गया कि अगर धर्मांतरण सामूहिक है तो सजा के साथ ही संबंधित संगठन का लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा। यही नहीं अगर कोई शादी के लिए इच्छा से धर्म बदलना चाहता है तो इसके लिए दो महीने पहले उसे डीएम के पास नोटिस देना होगा। वहीं जनसंख्या नीति लाने की मांग भी है। माना जा रहा है कि संघ की बैठक से लौटे योगी जल्द ही इस पर कोई ठोस रणनीति सामने ला सकते हैं। चर्चाएं इसलिए और भी तेज हैं क्योंकि योगी सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ‘व्यक्तिगत बयान’ बताते हुए अहम बात कही है।

लखनऊ में जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर सरकार द्वारा नीति लाए जाने के सवाल केशव प्रसाद ने कहा कि एक बार इसे लेकर बैठक हो जाने पर हमें इंतजार करना होगा कि सरकार क्या करेगी। मैं जो कुछ कह रहा हूं वह मेरी व्यक्तिगत राय है।यही नहीं अगर कोई शादी के लिए इच्छा से धर्म बदलना चाहता है तो इसके लिए दो महीने पहले उसे डीएम के पास नोटिस देना होगा। वहीं जनसंख्या नीति लाने की मांग भी है। माना जा रहा है कि संघ की बैठक से लौटे योगी जल्द ही इस पर कोई ठोस रणनीति सामने ला सकते हैं। चर्चाएं इसलिए और भी तेज हैं क्योंकि योगी सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ‘व्यक्तिगत बयान’ बताते हुए अहम बात कही है। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग इस मुद्दे पर विरोध कर रहे हैं, उनकी संख्या समर्थन करने वालों की तुलना में बहुत कम है। 10 लोगों के लिए बने मकान में अगर 100 लोग रहेंगे तो समस्याएं तो आएंगी ही।

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