योगी अब उत्तर प्रदेश में शांति ला सकते हैं! अपराधियों और माफियाओं को मिट्टी में मिला दूंगा’ उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का ये बयान सिर्फ शब्दों तक ही सीमित नहीं है। ये सिर्फ डॉयलॉग नहीं है ये बात उमेश पाल हत्यकांड के आरोपी के एनकाउंटर के बाद काफी हद तक सही साबित होती नजर आ रही है। राजू पाल हत्याकांड के इकलौते गवाह उमेश पाल की दो दिन पहले दिन दहाड़े बम और गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। प्रयागराज में हत्या हुई तो गूंज पूरे प्रदेश में सुनाई दी। सवाल सरकार पर उठे, कि आखिर ये कैसी व्यवस्था जिसमें दिन दहाड़े एक गवाह को मौत के घाट उतार दिया जाता है। बस फिर क्या था। उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ-साथ खुद मुख्यमंत्री भी एक्शन में आते हैं और आरोपियों को जल्द से जल्द मिट्टी में मिलाने की बात होती है। शुक्रवार को उमेश पाल की हत्या हुई और सोमवार के दिन यानी तीन दिन के अंदर हत्या के एक आरोपी अरबाज को मार गिराया जाता है। दरअसल जिन लोगों ने उमेश पाल की हत्या की वो अतीक अहमद के गैंग के लोग थे, यहां तक की खुद अतीक अहमद का बेटा उस कार में सवार था जिसमें बैठकर बदमाशों ने उमेश पाल पर गोलियां बरसाईं।
इस हत्याकांड के बाद यूपी पुलिस के निशाने पर जो सबसे पहले आता है वो शूटर अरबाज। अरबाज को धूमनगंज के नेहरूपार्क इलाके में एनकाउंटर किया गया। अरबाज ने पुलिस पर गोलियां चलानी शुरू की जिसके बाद पुलिस ने उसके पैर में गोली मार दी। अरबाज को अतीक अहमद बेहद खास शूटर माना जाता है।पुलिस ने अतीक अहमद गैंग के गैंग के एक और शख्स को गिरफ्तार किया है जिसका नाम सदाकत है। ये भी उन सात आरोपियों में शामिल है जिन्होंने उमेश पाल की हत्या की। योगी आदित्यानाथ यूपी माफियाओं को लेकर शुरू से ही बेहद सख्त रुख अख्तियार किए हैं। वो कई बार इस बात को कह चुके हैं कि अपराधियों को नहीं बख्शा जाएगा। 2017 से लेकर अब तक यूपी में 172 इनामी बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया गया है। इनमें अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के कई शूटर भी शामिल हैं। योगी सरकार के आने के बाद से मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद पर लगातार शिकंजा बढ़ता चला गया। एक तरफ इनकी अवैध संपत्तियों से कब्जा हटाया गया तो दूसरी तरफ इनके शूटर्स को मारकर या गिरफ्तार करके इन्हें कमजोर किया गया।
साल 2021 में मुख्तार अंसारी के बेहद खास शूटर अलीशेर उर्फ डॉक्टर को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। अली शेर आजमगढ़ का रहने वाला था और उसे मुख्तार अंसारी का काफी भरोसेमंद शूटर माना जाता था। लखनऊ के मड़ियांव इलाके में यूपीएसटीएफ और 2 बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इन्हीं बदमाशों में से एक था अली शेर। इस मुठभेड़ में कई राउंड गोलियां चली, जिसके बदमाश दोनों बदमाश घायल हो गए। दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन वहां उनकी मौत हो गई।वो कई बार इस बात को कह चुके हैं कि अपराधियों को नहीं बख्शा जाएगा। 2017 से लेकर अब तक यूपी में 172 इनामी बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया गया है। इनमें अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के कई शूटर भी शामिल हैं। योगी सरकार के आने के बाद से मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद पर लगातार शिकंजा बढ़ता चला गया। एक तरफ इनकी अवैध संपत्तियों से कब्जा हटाया गया तो दूसरी तरफ इनके शूटर्स को मारकर या गिरफ्तार करके इन्हें कमजोर किया गया। अली शेर के अलावा इस एनकाउंटर में जो दूसरा बदमाश ढेर हुआ था उसका नाम कामरान था। अली शेर मुख्तार का शार्प शूटर था। उसके ऊपर एक लाश का ईनाम भी घोषित था।
2017 के बाद अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी गैंग के कई गुर्गे गिरफ्तार भी हो चुके हैं। वो कई बार इस बात को कह चुके हैं कि अपराधियों को नहीं बख्शा जाएगा। 2017 से लेकर अब तक यूपी में 172 इनामी बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया गया है। इनमें अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के कई शूटर भी शामिल हैं। योगी सरकार के आने के बाद से मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद पर लगातार शिकंजा बढ़ता चला गया। एक तरफ इनकी अवैध संपत्तियों से कब्जा हटाया गया तो दूसरी तरफ इनके शूटर्स को मारकर या गिरफ्तार करके इन्हें कमजोर किया गया।अभी करीब 6 महीने पहले ही मुख्तार अंसारी के एक शार्प शूटर रवि को लखनऊ के अलीगंज से गिरफ्तार किया गया। वो पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गया था जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। रवि पर एक पत्रकार की हत्या के आरोप लगे थे। रवि पर भी 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था।