अब दिल्ली से जयपुर सिर्फ 4 घंटे में जाया जा सकता है! दिल्ली से जयपुर की तरफ जाना है तो तैयार हो जाएं। बस कुछ दिनों बाद आप सिर्फ चार घंटे में धौला कुआं से सेंट्रल जयपुर पहुंच पाएंगे। सोहना से दौसा के बीच 180 किलोमीटर लंबे स्ट्रेच के उद्घाटन की तारीख तय की जा रही है। इस बीच नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया NHAI ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले चरण को फिनिशिंग टच देना शुरू किया है। 1,386 किलोमीटर लंबा नया एक्सप्रेसवे का जो 247KM स्ट्रेच पूरा हो चुका है, वह राजस्थान में बोनली तक जाता है। जयपुर जाने वालों को 180KM पर एग्जिट लेना पड़ेगा जो उन्हें दौसा में आगरा-जयपुर हाइवे से जोड़ेगा। मार्च तक, सवाई माधोपुर तक एक्सप्रेसवे का कंस्ट्रक्शन पूरा हो जाएगा। उसके बाद वहां से रणथंभौर और टोंक के लिए एग्जिट ले सकेंगे। 11,000 करोड़ रुपये की लागत से बने एक्सप्रेसवे की दूरी तय करने में 90 मिनट से थोड़े ज्यादा लगे। बीच-बीच में अधिकतम 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गाड़ी चली। ट्रैफिक खुलने पर आप भले ही मैक्सिमम स्पीड तक न पहुंच पाएं, सोहना-दौसा की दूरी दो घंटे से कम में पूरा करना आसान हो जाएगा। इन दो शहरों में घुसना और बाहर निकलना चुनौती साबित हो सकता है। उदाहरण के लिए, दिल्ली के धौला कुआं से लेकर सोहना में एलिवेटेड रोड पर चढ़ने तक में आपको घंटा भर लग सकता है। रविवार को गूगल मैप्स बता रहा था कि दौसा के एग्जिट से सेंट्रल जयपुर तक पहुंचने में 75-80 मिनट और लगते। यानी दिल्ली से जयपुर पहुंचने में करीब 4 घंटे का वक्त लग जाता। गूगल मैप के अनुसार, अभी NH-48 के जरिए दिल्ली से जयपुर जाने में लगभग 5 घंटे लगते हैं।
60 किलोमीटर लंबे एक और दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (DND) फ्लाइवे के बन जाने से वक्त और कम लगेगा। दिल्ली-सोहना के बीच लगने वाला वक्त घटेगा। एक्सप्रेसवे से जयपुर तक डायरेक्ट कनेक्टिविटी के लिए NHAI 70 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड लिंक बना रहा है। दोनों छोर पर ये दो रोड्स 2024 के अंत तक बन जाने की उम्मीद है। यानी तब तक आपको नई सड़क से गुजरने पर भी सिटी ट्रैफिक से जूझना पड़ेगा। एक बार आप हाइवे पर पहुंच गए, फिर मजे हैं। कुछ जगह थोड़ा उतार-चढ़ाव है जिसे NHAI अगले कुछ दिन में ठीक कर लेगा। अधिकारियों के अनुसार, वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को नैशनल एक्सप्रेसवे 4 से जोड़ने वाला लिंक भी अगले हफ्ते तक तैयार हो जाएगा।
सोहना-दौसा एक्सप्रेसवे पर भरपूर वेसाइड सुविधाएं मिलेंगी। खाने-पीने की जगहों से लेकर, बच्चों के लिए प्ले एरिया, मोटल्स के लिए जगह, लॉरी ड्राइवर्स के लिए रेस्ट एरिया, बैंक्वेट हॉल्स, फ्यूल स्टेशंस, यहां तक कि ऑपरेशन थियेटर्स और ICU बेड्स से लैस अस्पताल भी तैयार हैं। ट्रैफिक स्टार्ट होने के साथ ही ये सब शुरू हो जाएंगे। ज्यादातर सुविधाएं इंडियन ऑयल, द फ्यूल रिटेलर जैसी एजेंसियों के जिम्मे हैं।
जहां तक प्रस्तावित अस्पतालों और ट्रॉमा सेंटर्स की बात है, प्राइवेट प्लेयर्स को लाने में वक्त लग सकता है। एक्सप्रेसवे के सोहना-दौसा स्ट्रेच पर एक्सीडेंट विक्टिम्स को रेस्क्यू करने के लिए सात हेलीपैड भी बनाए गए हैं। एक्सप्रेसवे जिस तरह से बना है, हर 30-35 किलोमीटर पर वेसाइड सुविधाएं मिलेंगी। कुछ 35 हेक्टेयर तक के एरिया में फैली हैं।दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर टू-वीलर्स, थ्री-वीलर्स और ट्रैक्टर्स नहीं जा सकेंगे। हर एंट्री पॉइंट पर इन्हें रोकने के लिए मार्शल्स तैनात होंगे। चूंकि एक्सप्रेसवे एक्सेस-कंट्रोल्ड है, ऐसे में गाड़ियां केवल तय जगहों से ही एंटर कर पाएंगी।
अभी लोगों को इस हाई स्पीड रोड पर चलने की प्रीमियम कीमत चुकानी होगी। टोल की जानकारी पब्लिक नहीं की गई है। संभावना है कि मोटर वीइकल्स से 2 रुपये प्रति किलोमीटर और ट्रक जैसे हेवी वीइकल्स से 7 रुपये प्रति किलोमीटर तक टोल वसूला जा सकता है। अधिकारियों ने कहा कि टोल की दरें यात्रियों को अखरेगी नहीं। हेवी वीइकल मालिक कम समय में लंबी दूरी तय करेंगे और ईंधन भी बचाएंगे, ऐसे में उन्हें भी फायदा है।
सोहना-दौसा स्ट्रेच को दिसंबर 2021 तक पूरा होना था मगर कोविड-19 के चलते देरी हुई। NHAI ने पूरे स्ट्रेच पर करीब डेढ़ लाख पौधे लगाए हैं। पूरे स्ट्रेच पर सीसीटीवी सर्विलांस है जिसके जरिए ट्रैफिक उल्लंघन से लेकर किसी तरह के हादसे व क्राइम पर नजर रखी जा सकेगी। हर 50 किलोमीटर पर NHAI स्पीड गन भी लगा रहा है। हर 20 किलोमीटर पर ड्राइवर्स को अलर्ट करने के लिए स्पीड डिटेक्शन बोर्ड होंगे। सूत्रों के अनुसार, कंट्रोल रूम से विजुअल प्रूफ के साथ जुर्माना कटेगा और लोकल पुलिस के पास चालान काटने को भेजा जाएगा।