Friday, September 20, 2024
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शिल्पी कौन है ? शिल्पी ने क्यों 18,00 लड़कियों की शादी नहीं होने दी ?

भारत में महिला तस्करी और बलात्कार के अधिक मामले हैं लेकिन कुछ समय से यह मामले बिहार में बढ़ते जा रहे हैं. काम करने के लिए महिलाओं को ख़रीद कर दूसरे प्रदेश भेजा जाता है. जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जहाँ उनसे बहुत ही कम पैसों में ज़बरदस्ती काम करवाया जाता है या फिर उनके साथ यौन शोषण किया जाता है ऐसे कई मामले सामने आए हैं. इसे हम ब्राइड ट्रैफ़िकिंग का नामदे सकते हैं. ऐसा ही मामला बिहार के सीमांचल क्षेत्र से रहा है जहाँ महिलाओं के साथ शोषण किया जाता है और कम पैसों में काम करवाया जाता है. बिहार में महिलाओं के साथ अपराध के आंकड़ों की बात करें तो साल 2020 में ऐसे 15,359 मामले सामने आए हैं और अगर साल 2021 की बात करें तो यह बढ़कर 17,950 हो गए हैं जो समय के साथ कम होने के बजाए बढ़ते ही जा रहे हैं लेकिन भूमिका विहार की डायरेक्टर शिल्पी सिंह ने 1890 लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद होने से बचा ली उनकी शादी रुकवा कर और क़रीब 1050 लड़कियों का स्कूल में दाख़िला करवा चुकी है.

शिल्पी ने आज तक के वेबसाइट से बातचीत की है जिस वेबसाइट का नाम गुड न्यूज़ टूडे (GNT) है. शिल्पी ने इस वेबसाइट पर बातचीत में बताया किमैं जब बहुत छोटी थी तभी पापा के साथ मिल कर इन सब विषयों पर बात करती थी और इन सब विषयों को समझना शुरू कर दिया था और अब तक हज़ारों लड़कियों की मदद कर चुकी हूँ. क़रीब साल 2002-2003 से भूमिका विहार के लिए काम कर रही हूँ’. शिल्पी बिहार मेरी स्थित कटिहार की रहने वाली है शिल्पी ने अपनी स्कूली शिक्षा और कॉलेज की पढ़ाई अपने हीराज्य से की हुई है. शिल्पी के पिता का नाम अरुण कुमार सिंह हैं जिन्होंने भूमिका विहार की स्थापना की थी उनके निधन के बाद यह ज़िम्मेदारी शिल्पी ने अपने ऊपर ले लिया.

क्या आप जानते हैं शिल्पी एक थियेटर आर्टिस्ट भी थी ? जी हाँ, शिल्पी एक थियेटर आर्टिस्ट भी रह चुकी है. शिल्पी ने अपने पिता अरुण कुमार सिंह जी से सीखा था कैसी समाज में सामाजिक परिवर्तन को उजागर किया जा सकता है कई पाक पापा से सीखा है मैंने जैसे की कैसे लोगों से बात करना है, कैसे लोगों से कनेक्ट होना है, लोगों के लिए काम करना और अन्य कई चीज़ें पापा से सीखने को मिली है. यह सब काम मैंने बचपन में ही सीख लिया था हंसी मज़ाक़ के दौरान. मुझे बचपन से ही शोक था कि मैं लोगों की मदद करूँ, लड़कियों के लिए कुछ अच्छा काम कर सकूं. जिसके कारण मुझे इंटरनेशनल फ़ेलोशिप भी मिली है. थॉमस रॉयटर्स फाउंडेशनस्टॉप स्लेवरी हीरो अवार्डकी फाइनलिस्ट बनीं. वाइटल वॉयस और रिलायंस फाउंडेशन ने महिला लीड इंडिया फेलोशिप के लिए भारत की टॉप 50 महिला लीडर में से एक के रूप में चुना गया है. जिसका पूरा क्रेडिट मेरे पापा को जाता है. क्योंकि उन्होंने मुझे अलग परवरिश दी. जिसकी वजह से आज मैं यहाँ खड़ी हूँ. मेरी सोच थी कि मैं आगे बढ़कर पापा के नाम को आगे लेकर जाऊंगी. तो मुझे लगता है कि अपने सपनों को लेकर हमें जिद्दी बनना पड़ेगा तभी हम कुछ हासिल कर पाएँगे. उन्होंने मुझे एक सैनिक की तरह तैयार किया है.’

हमारे देश में शादियों को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है साथ ही मज़बूत धार्मिक संस्कार माना गया है लेकिन आपको बता दे हैं कि इसी की आड़ में कई अपराध किये जाते हैं जैसे ब्राइट ट्रैफ़िकिंग के नाम से जाना जाता है जिसमें शादी करने के बाद दुल्हनों को बेच दिया जाता है. इस अपराध को करने ठीक है पहले तो लड़की को फुसला जाता है अच्छे घर और पैसे दिखाकर और शादी करने के बाद लड़की को बेच दिया जाता है. यह तो ये सब ज़बरदस्ती करवाया जाता है या फिर झूठ के बलबूते पर होती है. इसी को लेकर शिल्पी नेअपने विचार प्रकट किए हैं अगर किसी गरीब लड़की की शादी हो रही है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह लड़की झूठी है ऐसी कई शादियों से मैंने लड़कियों को बचाया है और उन्हें मंडपों से उठाया है.

वे बताती हैं, ‘कई बार डराने-धमकाने के लिए कॉल आए. कई बार धमकी दी गई कि लड़की हो तो लड़की वाला काम करो. कई लोगों ने मुझे कहा कि ऐसे रात-रात को पुलिस स्टेशन में नहीं बैठना चाहिए या दलालों से मुझे लड़ाई मोल नहीं लेनी चाहिए. क्योंकि ट्रैफिकिंग एक अन ऑर्गनाइज़्ड क्राइम है. ये करोड़ों का बिजनेस है. आप समझिए कि कैसे एक गांव में रहने वाले परिवार के बारे में दलाल को पता चल जाता है कि ये इस घर में इस लड़की को ले जाया जा सकता है. ऐसी में दलालों के नेटवर्क को तोड़ना बहुत ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है.

 

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