आज हम आपको बताएंगे कि देश में बारिश कब शुरू होगी! दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देशभर के कई राज्यों में इन दिनों भीषण गर्मी से बुरा हाल है। पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक हीट वेव चल रही है। मौसम विभाग लगातार लू का अलर्ट जारी कर रहा है। अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डॉक्टर लोगों को घर से कम से कम निकलने की सलाह दे रहे हैं। वहीं मॉनसून के आने में भी वक्त है। मौसम विभाग ने जून में कम बारिश का अनुमान जताया है। दिल्ली में बुधवार को 12 साल बाद सबसे गर्म रात रही और न्यूनतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के सामान्य तापमान से आठ डिग्री अधिक है। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी। दिल्ली में इससे पहले जून 2012 में सबसे गर्म रात दर्ज की गई थी और उस दौरान न्यूनतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात यहां इस मौसम की सबसे गर्म रात रही और 33.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। भीषण गर्मी से राहत न मिलने के कारण दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में हीट स्ट्रोक और थकावट की शिकायत लाने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। चिकित्सकों ने बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले मरीजों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।
राजधानी दिल्ली में पिछले 72 घंटों में तेज गर्मी की वजह से 5 लोगों की मौत हो गई है। ये मौतें हीटस्ट्रोक से हुई हैं और इन मौतों की जानकारी तीनों अलग-अलग अस्पतालों से मिली है। वहीं नोएडा के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में हीटस्ट्रोक की वजह से संदेहजनक रूप से 14 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। हालांकि, मौत की सही वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगी। दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल और सफदरजंग अस्पताल में हीटस्ट्रोक से एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल में गर्मी से प्रभावित करीब 36 लोग भर्ती हैं।
मौसम विभाग ने दिल्ली समेत कई जगहों पर ली का अलर्ट जारी किया है। IMD के अनुसार, पश्चिमी और पूर्वी यूपी में 19 और 20 जून को हीटेवव का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और बिहार में लू का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पिछले 24 घंटों में उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में, हरियाणा, चंडीगढ़-दिल्ली, पंजाब के कई हिस्सों में, दक्षिण उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में, बिहार के कुछ इलाकों में, उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड और जम्मू संभाग में लू से लेकर गंभीर लू का प्रकोप रहा। इन इलाकों में अधिकतम तापमान 44-46°C के बीच रहा।
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून मुंबई पहुंचने के बाद थोड़ा रुक गया था, लेकिन अब रफ्तार पकड़ रहा है और 21-22 जून तक और आगे बढ़ने की उम्मीद है। मॉनसून आगे बढ़ने से उत्तर भारत को भीषण गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है। मुंबई मौसम विभाग के प्रमुख सुनील कांबले ने बताया कि मुंबई पहुंचने के बाद मॉनसून थोड़ा कमजोर पड़ गया था, लेकिन अब धीरे-धीरे ठीक हो रहा है। 21-22 जून तक यह और मजबूत हो जाएगा और महाराष्ट्र के समुद्र के किनारे वाले इलाकों में अच्छी बारिश होने की संभावना है। उसी समय, मध्य महाराष्ट्र में, जिसमें मराठवाड़ा भी शामिल है, हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। मुंबई के कुछ इलाकों में बुधवार सुबह हल्की बारिश हुई, लेकिन गर्मी इतनी तेज है कि इससे खास राहत नहीं मिली। मॉनसून समय से पहले 9 जून को मुंबई पहुंच गया था, लेकिन उसके बाद से इसकी गति धीमी हो गई है। अभी तक उत्तर महाराष्ट्र और विदर्भ के कुछ इलाकों में बारिश नहीं हुई है। 1 जून से शुरू हुए मॉनसून सीजन में अब तक भारत में सामान्य से 20% कम बारिश हुई है, क्योंकि 12 से 18 जून के बीच बारिश वाली हवाओं ने ज्यादा गति नहीं पकड़ी।
मौसम विभाग ने मंगलवार को बताया कि जून में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। जून और जुलाई कृषि के लिए मॉनसून के सबसे महत्वपूर्ण महीने माने जाते हैं क्योंकि इस दौरान खरीफ की फसलों की बुवाई ज्यादातर हो जाती है। कम बारिश का मतलब है कि इस साल फसलों की बुवाई प्रभावित हो सकती है।
मौसम विभाग ने बुधवार को अपने पूर्वानुमान में बताया कि जून में पूरे देश में औसत वर्षा सामान्य से कम रहने की संभावना है, क्योंकि मॉनसून की प्रगति धीमी हो गई है। जून में दक्षिणी राज्यों और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है, जबकि गर्मी की लहर से जूझ रहे उत्तरी और मध्य राज्यों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है। आईएमडी के एक बयान के अनुसार, ‘दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक मासिक वर्षा होने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम और उससे सटे मध्य भारत के कई क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।’ इस महीने के दौरान 11 उप-मंडलों में सामान्य से अधिक तथा 25 में सामान्य से बहुत कम वर्षा हुई।