वर्तमान में भारत रूस और यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थ बन चुका है! रूस-यूक्रेन के बीच शांति को लेकर चर्चा गरम है। यूक्रेन के राष्ट्रपति भारत की भूमिका की अहमियत पहले ही बता चुके हैं। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस और यूक्रेन के शीर्ष नेताओं के साथ बैठकें संघर्ष में शामिल दोनों देशों के बीच ‘संवाद प्रक्रिया की शुरूआत’ है। एक टीवी चैनल की तरफ से आयोजित ‘कॉन्क्लेव 2024’ के एक परिचर्चा सत्र में, जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विश्व के उन गिने-चुने नेताओं में से एक हैं, जिनमें उन दोनों नेताओं (रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के वोलोदिमीर जेलेंस्की) से बात करने की ‘क्षमता’ है, जो उन पर ”विश्वास” करते हैं।
रूस-यूक्रेन संघर्ष में, मध्यस्थता में भारत की भूमिका के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘हम क्या करने का प्रयास कर रहे हैं? आपको अनिवार्य रूप से मध्यस्थता करने की आवश्यकता नहीं है… कभी-कभी आपको संवाद करना होता है। हम असल में, एक साथ दो देशों से बात कर रहे हैं, जिनके बीच संघर्ष जारी है।’ जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ कम से कम तीन बैठकें की हैं और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक बैठक की है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने भी सितंबर में पुतिन से मुलाकात की थी। डोभाल ने उन्हें जेलेंस्की के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बातचीत के बारे में जानकारी दी थी। जयशंकर ने कहा, ”स्पष्ट रूप से वह बातचीत इस बात पर केंद्रित थी कि संघर्ष क्यों हो रहा है। एनएसए डोभाल का रूस जाना जरूरी था, ताकि रूसियों को पता चले कि प्रधानमंत्री (मोदी) ने जेलेंस्की से क्या बात की।’ उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। दुनिया भर में इससे काफी जनहानि और गंभीर आर्थिक परिणाम हुए हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि आप इस संघर्ष को देख सकते हैं और कह सकते हैं कि हममें से कोई भी इसके बारे में कुछ नहीं कर सकता है, और कह सकते हैं कि यह जब समाप्त होगा तब समाप्त हो जाएगा। या आप कह सकते हैं कि मैं उन कुछ देशों में से एक हूं, जैसा कि हमारे मामले में है, उन कुछ प्रधानमंत्रियों में से एक हूं जो वहां बोलने की क्षमता रखता है तथा दोनों पक्ष उन पर भरोसा करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह एक संवाद प्रक्रिया की शुरुआत है। यह कहां तक पहुंचेगी, मैं अभी उस बिंदु पर नहीं पहुंचा हूं।’ जयशंकर ने कहा कि विश्व के नेता भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ”लोग आज बहुत खुश हैं। वे कहते हैं कि आपके (भारत के) पास प्रधानमंत्री मोदी जैसा व्यक्ति है जो दोनों देशों (रूस और यूक्रेन) की राजधानियों में जाने और उस तरह का संवाद करने की क्षमता रखते हैं।”बता दे कि तीन महीने से भी कम समय में तीसरी बार यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और पीएम मोदी की मुलाकात हुई। अमेरिका की यात्रा से लौटते वक्त आखिरी वक्त में सोमवार न्यूयॉर्क में पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच मीटिंग हुई। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि मोदी और जेलेंस्की के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई। मोदी ने जेलेंस्की से कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर दुनिया के कई नेताओं से बात की है और सभी इस बात पर सहमत हैं कि युद्ध को समाप्त करने का कोई रास्ता निकालना होगा। उन्होंने कहा इसके लिए हमारे प्रयास भी जारी हैं।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि यूक्रेन की ओर से बैठक का अनुरोध किया गया था और उसी के अनुसार ही मीटिंग हुई। मोदी ने पिछले महीने कीव में यूक्रेन के नेता से मुलाकात की थी और इससे कुछ सप्ताह पहले जुलाई में प्रधानमंत्री ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मॉस्को में मुलाकात की थी। एक सवाल के जवाब में मिस्री ने कहा कि वार्ता और कूटनीति के जरिए शांति का मार्ग तलाशने के प्रति हमारा समर्थन नई बात नहीं है। हमारे लिए यह भूमिका निभाना स्वाभाविक है।
मिस्री ने कहा कि जेलेंस्की के साथ अपनी मीटिंग में भी प्रधानमंत्री ने कहा कि वह हमेशा शांति एवं शांति के मार्ग पर चलने की बात कहते हैं। मिस्री ने कहा कि यह स्पष्ट है कि अगर शांति नहीं होगी तो सतत विकास नहीं हो सकता है क्योंकि ये दोनों बातें परस्पर जुड़ी हुई हैं। मिस्री ने यह भी कहा कि यह सिर्फ वक्त बताएगा कि क्या युद्ध समाप्त होगा क्योंकि सभी का प्रयास संघर्ष को समाप्त करने का रास्ता खोजने पर केंद्रित है। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत के इस तर्क को स्वीकार किया गया कि रूसी तेल का आयात उसके युद्ध प्रयासों को आगे बढ़ाने के रूप में नहीं है, इस पर मिस्री ने कहा आज की चर्चाओं में यह मुद्दा नहीं उठा।
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के समापन के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में मिस्री ने कहा कि बैठक से हाल के घटनाक्रमों का पुनः जायजा लेने का अवसर मिला। मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की। हम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए पिछले महीने यूक्रेन की मेरी यात्रा के परिणामों को क्रियान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मोदी ने पिछले महीने कीव की अपनी यात्रा और द्विपक्षीय मुद्दों एवं रूस-यूक्रेन संघर्ष से संबंधित सभी मामलों पर हुई चर्चाओं का उल्लेख किया।