Saturday, October 19, 2024
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क्या आप कटहल से जुड़ी दिलचस्प बातों को जानते हैं?

भारत का एक फल किसी देश का राष्ट्रीय फल हो सकता है यह किसने सोचा होगा, अगर कटहल की बात की जाए तो वह एक देश का राष्ट्रीय फल है! कटहल को आमतौर पर सब्जी के तौर पर ही जाना जाता है। क्योंकि उत्तरी भारत के घरों में कटहल की स्वादिष्ट सब्जी बनकर तैयार होती है। यहां तक कि कटहल को वेजिटेरियन लोगों का मीट भी कहा जाता है। क्योंकि इसकी सब्जी काफी मसालेदार होती है। कटहल से जुड़ी और भी कई दिलचस्प बातें हैं। जिनके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं।

कटहल दुनिया का सबसे वजनी फल है। आमतौर पर एक कटहल का वजन दस किलो से 25 किलो तक हो सकता है। अब आप सोच रहे होंगे कि इसे हम फल क्यों बोल रहे हैं। क्योंकि इसकी तो सब्जी बनती है। लेकिन वनस्पति शास्त्र में इसे सब्जी नहीं बल्कि फल माना जाता है।

कटहल ऐसा फल है जो हजारों सालों से भारत में होता आ रहा है। दक्षिण भारत के साथ ही उत्तर भारत के राज्यों में कटहल के पेड़ हजारों सालों से हैं। जिसे लोग खाना पसंद करते हैं। मोटे तने और उनमे लगे फूलों से कटहल उगता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में उल्लेख है कि इसकी उत्पत्ति तीन हजार ईसा पूर्व से ही हो रही है। भारत के साथ ही कटहल पड़ोसी देश बांग्लादेश, मलेशिया, बर्मा, श्रीलंका, इंडोनेशिया, फिलीपींस और पश्चिम अफ्रीका में भी पाया जाता है।

भारत में उत्पन्न कटहल पड़ोसी देशों तक पहुंचा। जहां से ये उत्तरी आस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्राजील में भी उगाया जाने लगा। क्षीलंका और बांग्लादेश में इस कटीले छिलके वाले फल को राष्ट्रीय फल घोषित किया गया है। वहीं तमिलनाडु और केरल का ये राजकीय फल है।

सबसे खास बात कि कटहल के पेड़ पर लगने वाले फूलों में केवल मादा फूल से ही कटहल होता है। नर फूल खिलकर जमीन पर बिखर जाता है। फूलों से इसकी उत्पत्ति होने की वजह से ही कटहल सब्जी ना होकर फल माना जाता है। आयुर्वेद ग्रंथ चरक संहिता में पके कटहल को खाने की सलाह दी जाती है। कटहल में विटामिन और फाइबर से भरपूर मात्रा में होता है।

दक्षिण भारत सहित उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों में हजारों सालों से कटहल के पेड़ पाए जाते हैं और इसकी उत्पत्ति मोटे तने से निकले फूलों से होती है. भारत के आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसकी जानकारी दी गई है और कहा जाता है कि देश में इसकी उत्पत्ति 3000 ईसा पूर्व से हो रही है. भारत के अलावा कटहल का पेड़ बांग्लादेश, मलेशिया, बर्मा, श्रीलंका, इंडोनेशिया, फिलीपींस, कैरीबियाई द्वीपों में, पश्चिम अफ्रीका में भी पाया जाता है.

इसके अलावा उत्तरी ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील आदि देशों में यह उगाया और खाया जाता है. भारत में ही उत्पत्ति के बाद कटहल पड़ोसी देशों तक पहुंचा, फिर इसने आगे की रफ्तार पकड़ी.कटहल की एक बड़ी विशेषता यह है कि जो लोग शाकाहारी हैं और वे नॉनवेज को खाए बिना उसका स्वाद पाना चाहते हैं तो मसाले में अच्छी तरह से बनी हुई कटहल की सब्जी को खाकर देखें, उन्हें पता चल जाएगा कि मटन मसाले का स्वाद कैसा होता है. यह साइज में बड़ा होता है, बहुत महंगा भी नहीं बिकता, इसलिए लोग इसे खूब खाते हैं. बांग्लादेश और श्रीलंका ने तो कटहल को राष्ट्रीय फल घोषित कर रखा है तो भारत में केरल व तमिलनाडु में इसे राजकीय फल का दर्जा हासिल है.यह सब्जी के बजाय फल इसलिए है कि इसकी उत्पत्ति फूलों से होती है. विशेष बात यह है कि कटहल के पेड़ पर नर और मादा फूल लगते हैं, लेकिन मादा फूल से ही कटहल बनता है. नर फूल खिलने के बाद सूखकरबिखर जाता है.! 

आहार विशेषज्ञ व योगाचार्य रमा गुप्ता के अनुसार इन्हीं गुणों के चलते कटहल बालों की जड़ों को मजबूत करता है, आंखों के लिए गुणकारी है. यह शरीर में खून को बढ़ाता है, जिससे एनीमिया की समस्या नहीं होती. कटहल शरीर की सूजन रोकने में कारगर है और हार्ट को फिट रखता है. यह झुर्रियों को रोकता है. इसमें मौजूद कैल्शियम हड्डियों को पुष्ट करता है. यह लूज मोशन को भी रोकता है. इसके नुकसान यह हैं कि अधिक खाने से पाचन संबंधी समस्या पैदा हो सकती है. कभी-कभी यह मुंह व गले में खराश भी पैदा कर देता है. जिनको शुगर है, उन्हें भी इसका ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए!

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