आज हम आपको बताएंगे कि अमेरिका पहुंचकर पीएम मोदी ने क्या कुछ खास किया है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के तहत शनिवार को फिलाडेल्फिया पहुंचे। फिलाडेल्फिया एयरपोर्ट पर पहुंचने पर अमेरिका के चीफ ऑफ प्रोटोकॉल एथन रोसेनजवेग ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। अमेरिका के चीफ ऑफ प्रोटोकॉल का पद राजदूत और सहायक विदेश मंत्री के समकक्ष होता है। यहां से पीएम मोदी डेलावेयर में बाइडन से मिलने उनके निजी आवास पर पहुंचे हैं। फिलाडेल्फिया एयरपोर्ट पर भारतीय प्रवासी समुदाय ने पीएम मोदी को गर्मजोशी से स्वागत किया। अमेरिका के विभिन्न शहरों से भारतीय प्रवासी प्रधानमंत्री मोदी के आगमन पर उनका स्वागत करने के लिए फिलाडेल्फिया एयरपोर्ट पर पहुंचे हुए थे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने प्रवासी समुदाय के लोगों से मिलकर उनका उत्साह बढ़ाया। एयरपोर्ट पर पीएम मोदी के स्वागत के लिए भारतीय राजदूत विनय मोहन क्वात्रा और न्यूयॉर्क में भारत के कांसुलेट जनरल बिनय श्रीकांत प्रधान भी मौजूद रहे।
तीन दिनों की अमेरिका यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री डेलावेयर में क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन और न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भविष्य के शिखर सम्मेलन (एसओटीएफ) में भाग लेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दौरान कुछ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें भी करने वाले हैं। पीएम मोदी क्वाड बैठक में हिस्सा लेने के लिए फिलाडेल्फिया से डेलावेयर के लिए रवाना हो गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ट्वीट किया, ‘आज मैं प्रधानमंत्री अल्बनीज (ऑस्ट्रेलिया), मोदी और किशिदा का अपने घर डेलावेयर में स्वागत करूंगा। ये नेता न केवल एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं- वे मेरे और हमारे राष्ट्र के दोस्त हैं। शिखर सम्मेलन में हम जो कुछ भी हासिल करेंगे, उसे लेकर मैं आशान्वित हूं।’
क्वाड नेताओं की छठी बैठक अमेरिका के स्थानीय समयानुसार शाम 4 बजे आर्कमेरे अकादमी में होनी है, जहां बाइडन ने हाई स्कूल में पढ़ाई की थी। भारतीय समयानुसार यह बैठक रविवार सुबह 1.30 बजे शुरू होगी। प्रधानमंत्री मोदी बैठक के अतिरिक्त राष्ट्रपति बाइडन और क्वाड समूह के दूसरे नेताओं के साथ द्विपक्षीय चर्चा भी करेंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अमेरिका में क्वाड शिखर सम्मेलन की शुरुआत में चीन पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि क्वाड एक्टिव रहने के लिए बना है और यह किसी के खिलाफ नहीं है। बिना नाम लिए चीन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि क्वाड के नेता नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के सम्मान में खड़े हैं। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि दुनिया में संघर्ष चल रहा है और क्वाड हर संघर्ष का शांतिपूर्ण सम्माधान चाहता है।
उन्होंने कहा, ‘क्वाड का साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर मिलकर काम करना पूरी मानवता के लिए महत्वपूर्ण है। हम किसी के खिलाफ नहीं है। हम सभी नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझा प्रतिबद्धता है। हमने मिलकर स्वास्थ्य, सुरक्षा, उभरती टेक्नोलॉजी और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में कई सकारात्मक और समावेशी पहल की है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हमारा संदेश स्पष्ट है। क्वाड सहायता करने, साझेदारी करने और पूरक बनने के लिए है। मैं एक बार फिर राष्ट्रपति बाइडन और मेरे सभी सहयोगियों को बधाई देता हूं। हमें 2025 में भारत में क्वाड लीडर्स समिट आयोजित करने में खुशी होगी।’ इस साल क्वाड नेताओं का शिखर सम्मेलन पहले भारत में होने वाला था। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन इस कार्यक्रम को अपने गृहनगर में आयोजित करने के इच्छुक थे। बाइडन के लिए यह शिखर सम्मेलन किसी विदाई की तरह है, क्योंकि उनके राष्ट्रपति पद का कार्यकाल खत्म हो रहा है।
हिंद महासागर में भारत की नेवी लगातार एक्टिव है। हूती विद्रोहियों से जहाजों की सुरक्षा से लेकर हाईजैक जहाजों को डाकुओं से छुड़ाकर भारत ने अपनी ताकत दिखाई है। क्वाड नेताओं ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की भूमिका की सराहना की। शनिवार को क्वाड देशों ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में इस क्षेत्र में भारत के नेतृत्व से बहुत कुछ सीखना बाकी है। तीनों नेताओं ने हिंद महासागर में भारत की भूमिका को मजबूत करने के लिए पीएम मोदी की तारीफ की। रिपोर्ट्स के मुताबिक जापानी पीएम फुमियो किशिदा ने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के आयोजन में पीएम मोदी की पहल की सराहना की और इस प्रयास के लिए जापान का समर्थन बढ़ाया। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने पीए मोदी के नेतृत्व में हिंद महासागर में प्रमुख शक्ति के रूप में भारत की भूमिका बताई। वही राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत की प्रशंसा करते हुए कहा कि अमेरिका दो हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के अनुभव और नेतृत्व से बहुत कुछ सीखना है।