Thursday, May 16, 2024
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आखिर कैसा होगा इस साल के मौसम का हाल?

आज हम आपको बताएंगे कि आखिर इस साल के मौसम का हाल कैसा होगा! दिल्ली एनसीआर में मौसम खुशनुमा रहा। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दो दिनों तक दिल्ली एनसीआर ही नहीं उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में बारिश हो सकती है। बारिश के साथ ही तेज हवाओं के चलने का भी अनुमान लगाया जा रहा है। इन सबके बीच मौसम विभाग ने मॉनसून को लेकर भी भविष्यवाणी कर रही है। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने अपने पूर्वानुमान में सोमवार को बताया कि इस साल मॉनसून के दौरान पूरे देश में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। लेकिन विभाग ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने के आसार हैं।आईएमडी के महानिदेशक डीजी मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के तहत एक जून से 30 सितंबर के बीच मॉनसून ऋतुनिष्ठ वर्षा दीर्घावधि औसत लांग पीरियड एवरेज एलपीए का 106 फीसदी होने की संभावना है। मौसम विभाग ने इस साल मॉनसून में अच्छी बारिश का अनुमान जता दिया है। इसके साथ ही उन 20 राज्यों के बारे में भी बताया है जहां इस मॉनसून में जमकर बारिश होगी। इस साल केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र , गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, प.बंगाल, सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, पुड्डुचेरी, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षदीप, दादरा और नगर हवेली, दमन-दीव खूब बरसात देखने को मिलेगी।

महापात्र ने कहा कि आईएमडी अपने पूर्वानुमान में अल नीनो, ला नीनो, हिंद महासागर द्विध्रुव स्थितियां और उत्तरी गोलार्ध में बर्फीले आवरण संबंधी स्थिति के प्रभाव पर विचार करता है और यह सभी स्थितियां इस बार भारत में अच्छे मॉनसून के अनुकूल हैं।उन्होंने बताया कि उत्तर पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से ज्यादा वर्षा होने की प्रबल संभावना है।लेकिन आईएमडी प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल और उत्तराखंड में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना दिख रही है। उनके मुताबिक इसी तरह से पूर्वोत्तरी राज्यों–असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, नगालैंड और अरूणाचल प्रदेश के आसपास के इलाकों में भी सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही पूर्वी राज्यों- ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के कुछ हिस्सों व पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों में भी सामान्य से भी कम वर्षा होने का अनुमान है।

महापात्र ने कहा कि 1971 से 2020 तक के बारिश के आंकड़ों के आधार पर हाल के वर्षों में नया दीर्घावधि औसत पेश किया गया है जिसके तहत एक जून से 30 सितंबर के बीच पूरे देश में औसतन 87 सेंटीमीटर बारिश होती है। उन्होंने कहा कि अगर ऋतुनिष्ठ वर्षा दीर्घावधि औसत की 96 फीसदी से 104 प्रतिशत के बीच होती है तो वह सामान्य मानी जाती है।दीर्घावधि औसत की 106 फीसदी बारिश सामान्य से अधिक की श्रेणी में आती है और अगर वर्षा दीर्घावधि औसत की 105 फीसदी से 110 फीसदी के बीच होती है तो इसे सामान्य से अधिक माना जाता है।

मौसम विभाग के मुताबिक, अगर बारिश एलपीए का 90-96 प्रतिशत के बीच होती है तो उसे सामान्य से कम माना जाता है।आईएमडी प्रमुख के मुताबिक, वर्तमान में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र पर अल नीनो की मध्यम स्थिति बनी हुई है तथा मॉनसून ऋतु के शुरुआती दौर में अल नीनो की स्थिति और कमजोर होकर तटस्थ अल नीनो-दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) स्थितियों में परिवर्तित होने की संभावना है और इसके बाद अगस्त-सितंबर में ला नीना स्थितियां विकसित होने की संभावना है।उन्होंने कहा कि जब अल नीनो की स्थिति होती हैं जो ज्यादातर वर्षों में बारिश पर इसका नकारात्मक असर होता है।

वर्तमान में हिंद महासागर पर तटस्थ हिंद महासागर द्विध्रुव आईओडी स्थितियां मौजूद हैं और सकारात्मक आईओडी स्थितियां दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ऋतु के उत्तरार्ध के दौरान विकसित होने की संभावना है जो मॉनसून के लिए अच्छा है।महापात्र ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इन स्थितियों की वजह से मॉनसून की शुरुआत की तुलना में अगस्त-सितंबर में ज्यादा बारिश होने की संभावना है।नगालैंड और अरूणाचल प्रदेश के आसपास के इलाकों में भी सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही पूर्वी राज्यों- ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के कुछ हिस्सों व पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों में भी सामान्य से भी कम वर्षा होने का अनुमान है।आईएमडी प्रमुख ने कहा कि पिछले तीन महीनों जनवरी से मार्च 2024 के दौरान उत्तरी गोलार्ध, खासकर यूरोप और एशिया में कम बर्फबारी हुई। उन्होंने कहा कि उत्तरी गोलार्ध और यूरेशिया में बर्फ आवरण क्षेत्र सामान्य से कम था और सामान्य से कम हिमपात होना भारत में जून से सितंबर के दौरान बारिश के लिए अनुकूल है।

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