Sunday, September 8, 2024
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आखिर क्या है शहरों में डॉग्स फीडिंग पर लोगों की सोच?

आज हम आपको बताएंगे कि शहरों में डॉग्स फीडिंग पर लोगों की सोच क्या है! आईपीसी की धारा 289 के मुताबिक – अगर कोई शख्स अपने पालतू जानवर से दूसरे व्यक्ति के जीवन को संकट में डालेगा या किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाएगा, तो ऐसे शख्स की लापरवाही पूर्ण रवैये के लिए उसे 6 महीने की जेल हो सकती है और साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है। खैर ये तो बात हुई तमाम जानवरों की, लेकिन इन दिनों शहरों में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय है कुत्तों को पालना, उन्हें फीड करना और उनसे जुड़े नियम। कुछ महीने पहले गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से 14 साल के एक बच्चे की मौत हो गई थी। बच्चे को कुत्ते के काटने की वजह से रेबीज हो गया था। वो बच्चा कई दिनों तक तड़पता रहा और फिर 45 दिन बाद अपने पिता के हाथों में उस बच्चे की जान चली गई। उनका कहना है कि स्ट्रे डॉग की वजह से खतरा बना रहता और अगर कोई कुत्तों को खाना देता है तो कुत्ते सोसाइटी के पास इकट्ठा होने लगते हैं और ये खतरा कई गुना बढ़ जाता है। आरडब्ल्यूए भी इस मामले में काफी सख्त रहती हैं और यही वजह है कि समाज दो हिस्सों में बंटता दिखता है।ये घटना बेहद खौफनाक थी। उनके लिए भी जो कुत्ते पालते हैं और उनके लिए भी जो कुत्तों से डरते हैं।

खैर ये मामला तब से ही चर्चा में आ गया। वो लोग भी सवालों के घेरे में आए जो कुत्ते तो पालते हैं, लेकिन नियमों को ताक पर रखते हैं। पालतू कुत्तों को लेकर जिम्मेदारी उसके मालिक की मानी जाती है और इसलिए कई तरह के नियम भी तय हैं। जैसे कुत्ते के मुंह पर जाली बांध कर रखना, उसे चेन से बांधकर ही घुमाना, उसकी वैक्सीनेशन और दूसरी जरूरी चीजों का ध्यान रखना ताकि उसकी वजह से किसी और को परेशानी का सामना न करना पड़े, लेकिन अगर कोई भी लापरवाही होती है और कुत्ते की वजह से किसी को चोट पहुंचती है तो मालिक के खिलाफ केस किया जा सकता है।

अगर पालतू कुत्ते की वजह से किसी जान का खतरा बनता है तो कुत्ते के मालिक को जेल भी जाना पड़ सकता है, लेकिन ये सब बातें तो पालतू कुत्तों की हुई। पालतू कुत्तों के साथ-साथ स्ट्रे डॉग्स पर भी बंट रहा है समाज। दरअसल दिल्ली एनसीआर में लोग गली को कुत्तों को फीडिंग करने से नाराज रहते हैं। कई लोग गली के आवारा कुत्तों को फीड करवाते हैं, लेकिन ये बात आमतौर पर ज्यादातर लोगों पसंद नहीं आती। इस मामले में कानून के भी कोई प्रावधान नहीं है। कुत्तों को फीड करवाना कानून जुर्म नहीं हो सकता, लेकिन ये जरूर है कि अगर फीड करवाने वाले शख्स को कोई परेशान करता है तो उसके खिलाफ जरूर कार्रवाई हो सकती है।

हालांकि महानगरों की सोसाइटी में रहने वाले लोगों के लिए इस बात को पचाना मुश्किल है। उनका कहना है कि स्ट्रे डॉग की वजह से खतरा बना रहता और अगर कोई कुत्तों को खाना देता है तो कुत्ते सोसाइटी के पास इकट्ठा होने लगते हैं और ये खतरा कई गुना बढ़ जाता है। आरडब्ल्यूए भी इस मामले में काफी सख्त रहती हैं और यही वजह है कि समाज दो हिस्सों में बंटता दिखता है।

हालांकि जो लोग स्ट्रे डॉग से परेशान रहते हैं उनके लिए हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट ने थोड़ा राहत भरा आदेश जरूर दिया है। इस आदेश के मुताबिक अगर कोई स्ट्रे डॉग किसी को काटता है उसके एक दांत के निशान के बदले सरकार को 10 हजार रुपये पीड़ित को देने पड़ेंगे। जितने दांत के निशान पैसे की राशि उतनी ज्यादा बढ़ जाएगी। इसके अलावा अगर पीड़ित के शरीर से 2 इंच मांस बाहर आ जाता है तो जुर्माने की राशि पर बाइट 20 हजार रुपये हो जाएगी। मकसद एक है जानवरों को पूरी सुरक्षा मिले,इसलिए कई तरह के नियम भी तय हैं। जैसे कुत्ते के मुंह पर जाली बांध कर रखना, उसे चेन से बांधकर ही घुमाना, उसकी वैक्सीनेशन और दूसरी जरूरी चीजों का ध्यान रखना ताकि उसकी वजह से किसी और को परेशानी का सामना न करना पड़े, लेकिन अगर कोई भी लापरवाही होती है और कुत्ते की वजह से किसी को चोट पहुंचती है तो मालिक के खिलाफ केस किया जा सकता है। लेकिन साथ ही साथ आम जनता को भी इससे परेशानी न हो। जहां पालतू जानवरों के लिए केयर के लिए उनके मालिक जिम्मेदार हैं वहीं स्ट्रे डॉग्स को लेकर सरकार की जिम्मेदारी भी बेहद अहम है।

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