वर्तमान में फिल्मों की रिलीज की तारीख आगे बढ़ती जा रही है! फिल्मी दुनिया में चर्चा गर्म है कि बीते दिनों 15 अगस्त की रिलीज डेट से दिसंबर के लिए पोस्टपोन हुई सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘पुष्पा 2’ अब इस साल रिलीज नहीं हो पाएगी। पहले जहां फिल्म का वीएफएक्स कार्य पूरा नहीं होना इसकी वजह बताई गई थी, वहीं अब कई दूसरे कारणों की चर्चा है। इससे पहले प्रभास की ‘कल्कि 2898 एडी’ और कमल हासन की ‘इंडियन 2’ समेत साउथ सिनेमा की बड़ी फिल्में भी पोस्टपोन हो चुकी हैं। वहीं जूनियर एनटीआर की ‘देवरा’ और चियान विक्रम की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘थंगलान’ की रिलीज को भी कई बार आगे बढ़ाया जा चुका है। बात अगर बॉलीवुड की करें, तो साल 2023 में सुपरस्टार शाहरुख खान की फिल्म ‘जवान’ को आखिरी मौके पर जून से सितंबर के लिए पोस्टपोन किया गया था। बेशक इस तरह आखिरी मौके पर बड़ी फिल्मों के पोस्टपोन होने के चलते न सिर्फ उन फिल्मों दूसरी फिल्मों का भी गेम बिगड़ जाता है। फिल्मी दुनिया के जानकार बताते हैं कि किसी भी बड़ी फिल्म की रिलीज से एक हफ्ता पहले और दो हफ्ता बाद तक कोई दूसरी बड़ी फिल्म रिलीज नहीं होती है। ऐसे में, अगर फिल्म की रिलीज डेट आखिरी मौके पर पोस्टपोन होती है, तो उससे न सिर्फ उसकी मौजूदा रिलीज डेट पर तीन हफ्ते की रिलीज विंडो खाली हो जाती है, बल्कि वह पोस्टपोन होकर जहां पहुंचती है, वहां पर भी दूसरी फिल्मों की रिलीज डेट आगे पीछे करनी पड़ती है।
मसलन ‘पुष्पा 2’ के आने से पहले ‘सिंघम अगेन’ की रिलीज डेट आगे बढ़ी थी। लेकिन अब 15 अगस्त को ‘पुष्पा 2’ की जगह कई फिल्में रिलीज हो रही हैं। वहीं ‘पुष्पा 2’ दिसंबर में ‘छावा’ की रिलीज डेट पर पहुंच गई है। अगर यह तय समय पर रिलीज हुई, तो ‘छावा’ की रिलीज डेट भी बदल सकती है। इसी तरह बीते साल ‘जवान’ की रिलीज डेट आगे बढ़ने के चलते सिनेमावालों को जून में नुकसान उठाना पड़ा था। वहीं सितंबर में उसके आने के कारण ‘फुकरे’ की रिलीज डेट को आगे बढ़ाना पड़ा। बेशक फिल्मों की रिलीज डेट आगे बढ़ने से खुद उन फिल्मों पर भी अच्छा असर नहीं पड़ता। फिल्मी दुनिया के जानकार कहते हैं कि बार-बार फिल्मों की रिलीज डेट बदलने से फैंस के बीच कंफ्यूजन हो जाता है। दरअसल, फिल्म की पुरानी रिलीज डेट वाले पोस्टर भी इंटरनेट पर मौजूद रहते हैं। कई बार फैन उन्हें सही समझ लेते हैं।
फिल्मों की रिलीज डेट को आगे बढ़ाए जाने से होने वाले नुकसान के बारे में बात करने पर प्रोड्यूसर व फिल्म बिजनेस एनालिस्ट गिरीश जौहर कहते हैं, ‘किसी फिल्म की रिलीज डेट आगे बढ़ने से उसकी लागत में बढ़ोत्तरी होती है। साथ ही दूसरी फिल्मों को भी उसके चलते नुकसान उठाना पड़ता है। दरअसल, किसी भी बड़ी फिल्म को एक रिलीज डेट चाहिए होती है, जिस पर उनको बड़ी रिलीज विंडो मिल जाए। साल में गिनी चुनी बड़ी रिलीज डेट होने के चलते बड़े निर्माता काफी पहले ही उन डेट्स को अपनी फिल्मों के लिए बुक कर लेते हैं। लेकिन फिर कई बार उनका प्रॉडक्शन उस तारीख तक पूरा नहीं हो पाता, तो फिल्म की रिलीज डेट आगे पीछे करनी पड़ती है, जिसके चलते सबको नुकसान होता है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘वैसे भी आजकल फिल्मों में वीएफएक्स का काफी इस्तेमाल होने लगा है। लेकिन अगर आप दो तीन महीने पुराने वीएफएक्स को अपडेट नहीं करेंगे, तो वह पुराना लगने लगता है। दरअसल, आजकल लोग ओटीटी पर दुनियाभर का कॉन्टेंट देखने लगे हैं। ऐसे में, डायरेक्टर के सामने इस बात की चुनौती रहती कि वह लोगों के सामने लेटेस्ट वीएफएक्स को पेश करे।’
वहीं ट्रेड एनालिस्ट कोमल नाहटा ने बताया, ‘ज्यादातर बड़ी फिल्में वीएफएक्स का काम पूरा नहीं होने के चलते ही पोस्टपोन होती हैं। बेशक वीएफएक्स के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।ऐसे में, अगर फिल्म की रिलीज डेट आखिरी मौके पर पोस्टपोन होती है, तो उससे न सिर्फ उसकी मौजूदा रिलीज डेट पर तीन हफ्ते की रिलीज विंडो खाली हो जाती है, बल्कि वह पोस्टपोन होकर जहां पहुंचती है, वहां पर भी दूसरी फिल्मों की रिलीज डेट आगे पीछे करनी पड़ती है। इसके दो दिन के काम में दो महीने भी लग सकते हैं। जबकि निर्माता अपनी फिल्म की रिलीज डेट काफी पहले फिक्स कर देता है। इसलिए वीएफएक्स का काम पूरा नहीं होने के चलते फिल्म पोस्टपोन होने में किसी की गलती नहीं है। हालांकि इससे दूसरी फिल्मों का रिलीज शेड्यूल जरूर बिगड़ जाता है।’