क्या अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं इजरायल और लेबनान?

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वर्तमान में इजरायल और लेबनान अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करते जा रहे हैं! इजरायल और लेबनान के बीच चल रही जंग में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएन) प्रस्ताव-1701 बेमतलब साबित हो रहा है। UNIFIL (यूनाइटेड नेशंस इंटरिम फ़ोर्स इन लेबनान) का कहना है कि लगातार इजरायली सैनिक उनकी चौकी को निशाना बना रहे हैं। दूसरी तरफ इजरायली डिफेंस फोर्सेस का कहना है कि हिजबुल्लाह के ठिकाने UNIFIL की चौकियों के पास हैं जहां से हिजबुल्लाह इजरायल पर रॉकेट और मिसाइल दाग रहा है। इजरायल ने जब लेबनान पर ग्राउंड अटैक शुरू किया था तब UNIFIL से वहां से पीछे हट जाने को कहा था लेकिन UNIFIL ने इससे इनकार किया और वहां डटे रहे। इज़राइल और लेबनान के बीच के एरिया को ब्लू लाइन के नाम से जाना जाता है। इसकी कुल लंबाई 120 किलोमीटर है। ये एक बफ़र ज़ोन है जहां यूएन फ़ोर्स तैनात है, जो पीसकीपिंग फोर्स है। UNIFIL के तहत भारत सहित दुनिया के 50 देशों की सेना के 10 हज़ार से ज़्यादा सैनिक तैनात हैं। इसमें भारत के भी करीब 900 सैनिक हैं।

UNIFIL पिछले कई दिनों से लगातार कह रहा है कि इजरायली डिफेंस फोर्सेस उनकी चौकियों पर भी हमला कर रहा है जिसमें पीसकीपिंग फोर्स के सैनिक जख्मी भी हुए। UNIFIL ने कहा कि रविवार को राम्याह में यूएन चौकी पर तैनात पीसकीपर्स ने देखा कि इजरायली डिफेंस फोर्सेस के तीन प्लाटून ब्लू लाइन को पार करते हुए लेबनान में घुस गए। सुबह तड़के साढ़े चार बजे इजरायल के दो मर्कवा टैंकों ने यूएन चौकी के मुख्य गेट को नष्ट कर जबरदस्ती प्रवेश किया और चौकी की लाइट बंद करने को कहा। विरोध करने पर इजरायली टैंक वहां से चले गए। UNIFIL ने कहा कि इससे पहले इजरायली सैनिकों ने मेइस एज जेबेल के पास UNIFIL के लॉजिस्टिक मूवमेंट को भी रोका। UNIFIL ने कहा कि किसी यूएन चौकी में घुसना अंतरराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 का स्पष्ट उल्लंघन है। पीसकीपर्स पर जानबूझकर हमला अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून और प्रस्ताव 1701 का गंभीर उल्लंघन है।

दूसरी तरफ इजरायली डिफेंस फोर्सेस का कहना है कि हम यूएन चौकी को नहीं बल्कि हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रहे हैं। इजरायली डिफेंस फोर्सेस (आईडीएफ) ने कहा है कि दक्षिण लेबनान में UNIFIL चौकियों के पास हिजबुल्लाह के ठिकाने हैं और पिछले महीनों में वहां से कीरब 25 रॉकेट और मिसाइलें इजरायली समुदाय और इजरायली सैनिकों पर दागी गई। इन हमलों में दो इजरायली सैनिक मारे भी गए। इजरायली डिफेंस फोर्सेस ने कहा कि हिजबुल्लाह अपनी अंडरग्राउंड ठिकानों से हमला कर रहा है। आईडीएफ ने कहा कि खुफिया जानकारी के आधार पर हमारे सैनिकों हिजबुल्लाह के उन ठिकानों का पता लगाया जहां सैकड़ों हथियार थे जिससे इजरायली क्षेत्र में हमला करने की प्लानिंग थी। ये ठिकाने UNIFIL की चौकियों के एकदम पास ब्लू लाइन के पास थे।

आईडीएफ ने ये भी कहा कि लेबनान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने प्रस्ताव 1701 को लागू करने में विफलता दिखाई है, जबकि इसे लागू करने के लिए बार-बार अनुरोध किए गए हैं। आईडीएफ ने कहा कि कई सालों से हिज़्बुल्लाह ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का गंभीर उल्लंघन करते हुए दक्षिणी लेबनान बना हुआ है। साथ ही इज़राइली नागरिकों को निशाना बनाने के लिए बड़े पैमाने पर हथियार इकट्ठे किए हैं और जानबूझकर अपने हमले के ढांचे को UNIFIL की चौकियों के पास बनाया है। आईडीएफ ने कहा कि हम हिजबुल्लाह पर हमले कर रहे हैं और लगातार UNIFIL के साथ संपर्क में हैं ताकि पीसकीपर्स को नुकसान होने से बचाया जा सके।

2006 में इजरायल-लेबनान युद्ध को खत्म करने के लिए यूएन का प्रस्ताव 1701 आया था। इसमें इजरायल और हिजबुल्ला के बीच के संघर्ष को पूरी तरह खत्म करने, लेबनान से इजरायली सेना को वापस बुलाने और उनकी जगह लेबनान में UNIFIL के सैनिकों को तैनात करने का प्रस्ताव था। इसमें दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह को डिसआर्म (बिना हथियारों का) करना शामिल था। इज़राइल और लेबनान के बीच के एरिया को ब्लू लाइन के नाम से जाना जाता है। इसकी कुल लंबाई 120 किलोमीटर है। ये एक बफ़र ज़ोन है जहां यूएन फ़ोर्स तैनात है, जो पीसकीपिंग फोर्स है। UNIFIL के तहत भारत सहित दुनिया के 50 देशों की सेना के 10 हज़ार से ज़्यादा सैनिक तैनात हैं।इसमें कहा गया कि लितानी नदी के दक्षिण में UNIFIL और लेबनानी सेना के अलावा कोई और सशस्त्र बल नहीं होगा। साथ ही कहा गया कि लेबनान का सरकारी नियंत्रण पूरी तरह से लागू हो। इसका मतलब था कि हिजबुल्लाह का जो कंट्रोल है वह खत्म हो।