नई दिल्ली। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न होने के बाद अब तमाम राजनीतिक दलों के नेता प्रदेश में सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के पूर्व सीएम हरीश रावत ने मतदान संपन्न होने के अगले ही दिन मीडिया को बयान जारी मीडिया से बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। रावत के अनुसार, मैं यदि हूं तो अपनी सोच के उत्तराखंड का विकास करूंगा। यह जरूर है कि सभी की सोच को समावेशित करूंगा। अब वक्त नहीं है कि केवल पद के लिए मैं अपनी सोच के साथ समझौता कर लूं। रावत ने कहा कि अब मेरी उम्र यह नहीं रही है कि मैं मैं मैं कह कर कुछ करूं। यह साफ सी बात है कि हरीश रावत या तो मुख्यमंत्री बने या फिर घर बैठूं। मैं पद के लिए सोच के साथ समझौता नहीं कर सकता। इस बयान पर अब उनके ही पार्टी नेता और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने प्रतिक्रिया दी है कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की राय मेल नहीं खाती। संपर्क करने पर प्रभारी ने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी है। मैं अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। दूसरी तरफ,प्रीतम ने सीधा रावत पर कमेंट करने से परहेज किया। लेकिन जोर देते हुए कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व वर्तमान चुनाव को सामुहिक नेतृत्व के साथ लड़ाया है। 10 मार्च को पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद राष्ट्रीय नेतृत्व और विधायक दल जो भी सर्वसम्मति से तय करेगा, वहीं मान्य होगा। अभी कुछ भी कहने का औचित्य नहीं है।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न होने के बाद अब 10 मार्च को मतदान की गिनती की जाएगी. जिसको बाद ही तय होगा कि आखिर इस बार उत्तराखंड में किस की सरकार सत्ता पर काबिज रहेगी, लेकिन कांग्रेस में नतीजे आने से पहले ही सीएम पद को लेकर एक बार विवाद शुरू हो गया है.रावत के अनुसार, मैं यदि हूं तो अपनी सोच के उत्तराखंड का विकास करूंगा। अब उनके ही पार्टी नेता मुख्य प्रवक्ता सुरेंद्र कुमार ने रावत के बयान की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता रावत को ही मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है. इस चुनाव में ही नहीं बल्कि अब अब तक हुए हर चुनाव में रावत के नाम पर वोट पड़ते आए हैं. रावत को तो साल 2002 में ही मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए था. रावत ने अभी कुछ दिन पहले भी खुद को सीएम बनाने की बात कही है, और अब एक बार फिर उन्होंने जनता की भावना को ही सामने रखा है.