यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या ताजमहल पर प्राकृतिक मुसीबत आ गई है या नहीं! सितंबर में हुई भारी बारिश के बाद, आगरा में स्थित ताजमहल में दरारें और पानी रिसने की घटना सामने आई है। इससे इस विश्व धरोहर की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सहित कई लोगों ने इस घटना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की है और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की देखभाल पर सवाल उठाए हैं। सोशल मीडिया पर ताजमहल की दीवारों से पौधे उगने के वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला गरमाया है। एएसआई ने हालांकि किसी भी गंभीर संरचनात्मक क्षति से इनकार किया है। सितंबर में हुई भारी बारिश के बाद ताजमहल की संगमरमर की दीवारों पर दरारें दिखाई देने लगी हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बारिश के बाद ताजमहल की दीवारों, फर्श और अन्य हिस्सों में दरारें आ गई हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में इस धरोहर स्थल की टूटी हुई जाली और दीवारों में दरारें साफ देखी जा सकती हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि मुख्य गुंबद पर उकेरे गए कुरान के छंद भी फीके पड़ने लगे हैं। टूरिस्ट गाइड फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव शकील चौहान ने टीओआई को बताया कि मुख्य गुंबद के आसपास के दरवाजों पर अरबी भाषा में कुरान की आयतें खुदी हुई हैं, जिनके अक्षर मिटने लगे हैं। शकील चौहान ने आगे कहा कि पिएत्रा ड्यूरा की जटिल तकनीक से दीवारों में जड़े गए अर्ध-कीमती पत्थर भी समय की मार झेल रहे हैं। पश्चिम दिशा में, शाही मस्जिद के सामने फर्श से पत्थर उखड़ गए हैं। मुख्य मकबरे के कुछ हिस्सों और प्रतिष्ठित गुंबद की दीवारों पर भी नुकसान देखा जा सकता है।
एएसआई के सुपरीटेंडिंग ऑर्कियोलॉजिस्ट राजकुमार पटेल ने बताया कि स्मारक की दीवारों पर उगे सभी पौधों को अगस्त में हटा दिया गया था। उन्होंने कहा कि वीडियो में दिख रहा पौधा पिछले 15 दिनों में उगा है और इसे भी जल्द ही हटा दिया जाएगा। हालांकि, एक रिटायर्ड एएसआई अधिकारी ने चेतावनी दी है कि अगर पौधों की जड़ों को नहीं हटाया गया तो स्मारक को दीर्घकालिक संरचनात्मक क्षति हो सकती है।
ताजमहल की संगमरमर की दीवार पर पौधे उगने की यह खबर तब आई जब कुछ दिनों पहले ही इस धरोहर स्थल पर पानी रिसने की खबरें आई थीं। सोशल मीडिया पर परिसर के अंदर बने बगीचे में पानी भरा होने के वीडियो वायरल हुए थे। आगरा में मूसलाधार बारिश के कारण पानी रिसने लगा था और पानी की बूंदें निचले कक्ष तक पहुंच गई थीं जहां मुगल बादशाह शाहजहां और उनकी पत्नी मुमताज महल की कब्रें स्थित हैं।
दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल के रखरखाव के लिए एएसआई के संरक्षण प्रयासों पर सवाल उठ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें ताजमहल के सफेद संगमरमर पर पौधे उगे हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने 19 सितंबर को ट्वीट में लिखा कि बीजेपी सरकार और उसके सुस्त विभाग दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करने वाले इस अजूबे ताजमहल के रखरखाव में पूरी तरह विफल रहे हैं। मुख्य गुंबद से पानी टपक रहा है, पौधे उग रहे हैं। अगर इस तरह के पेड़ों की जड़ें बढ़ती रहीं तो ताजमहल में दरारें पड़ सकती हैं।
हर साल लगभग 80 लाख पर्यटक ताजमहल देखने आते हैं। अपनी बेगम मुमताज के लिए शाहजहां द्वारा बनवाया गया यह स्मारक प्यार का प्रतीक है। टूर ऑपरेटरों और आम जनता ने इस 17वीं सदी के स्मारक को लेकर चिंता जताई है। टूरिस्ट गाइड फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव चौहान ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि एएसआई ताजमहल के संरक्षण पर सालाना 4 करोड़ रुपये खर्च करता है। ऐसी तस्वीरें स्मारक की प्रतिष्ठा को धूमिल करती हैं। एएसआई ने दावा किया है कि ताजमहल में कोई गंभीर संरचनात्मक समस्या नहीं है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ड्रोन से मुख्य गुंबद का सर्वेक्षण किया गया। फाइनियल के बेस पर जंग लगी हुई पाई गई। हो सकता है कि इस जंग के कारण पत्थर में दरारें आ गई हों, जिससे पानी रिस रहा हो। भविष्य में पानी के रिसाव को रोकने के लिए अब इस दरार की मरम्मत का काम किया जाएगा। मुख्य मकबरों के अंदर नमी देखी गई, जिससे संकेत मिलता है कि गुंबद के पत्थरों में बारीक दरार हो सकती है।