शराब घोटाले में कैसे फसाए मनीष सिसोदिया?

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दिल्ली में हुए शराब घोटाले और उसमें फंसे मनीष सिसोदिया के बारे में तो आपने सुना ही होगा! सीबीआई ने उप मुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर छापेमारी के लिए चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार की जांच को आधार बनाया। कुमार ने जुलाई में जांच के बाद पाया था कि आबकारी नीति 2021-22 को लागू करने में बड़े पैमाने पर ‘गड़बड़‍ियां’ हुईं। शराब लाइसेंसियों को ‘फायदा’ पहुंचाने के लिए प्रक्रिया को ताक पर रख दिया गया। इस बात के तगड़े सबूत थे कि टॉप पॉलिटिकल लेवल पर ‘एक हाथ दे, दूसरे हाथ ले’ वाला हाल था। सूत्रों के मुताबिक, सिसोदिया ने ‘खुद नियमों को ताक पर रखकर बड़े-बड़े फैसले लिए और करवाए।’ कुमार ने अपनी जांच में जो आरोप लगाए थे, उनमें से कुछ सीबीआई की एफआईआर में भी हैं। लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्‍सेना के आदेश पर हुई एक और जांच में पता चला कि ‘आबकारी विभाग के अधिकारियों ने मंत्री के कहने पर अवैध आदेश जारी किए।’ 8 जुलाई, 2022 को कुमार ने जो पहली रिपोर्ट सौंपी, उसमें आबकारी नीति लागू करने में हुई सात ‘प्रक्रियागत खामियों’ का जिक्र था। सात ‘खामियां’ ही सीबीआई के लिए सिसोदिया पर छापेमारी का आधार बनीं।

सीबीआई ने आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों से संबंधित आईपीसी की धाराओं में सिसोदिया सहित 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सिसोदिया के अलावा आरोपियों के रूप में तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण, तत्कालीन उप आबकारी आयुक्त आनंद कुमार तिवारी, सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर व 9 व्यवसायी विजय नैयर, मनोज राय, अमरदीप ढल, समीर महेन्द्रू, अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा, सन्नी मारवाह, अरूण रामचंद्र पिल्लै, अर्जुन पांडेय व एमएस महादेव लिकर्स, बड्डी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड का नाम दर्ज है।

सीबीआई की एफआईआर में आरोप है कि सिसोदिया के एक सहयोगी द्वारा संचालित कंपनी को एक शराब कारोबारी ने कथित तौर पर एक करोड़ रुपये का भुगतान किया। सीबीआई ने शुक्रवार को सिसोदिया के सरकारी आवास, ऑफिस और 7 राज्यों के 31 स्थानों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान सीबीआई को आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल रेकॉर्ड मिले हैं। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया और अन्य आरोपी अधिकारी ने टेंडर के बाद लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देने के इरादे से सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना आबकारी नीति 2021-22 से संबंधित सिफारिश की और निर्णय लिया।

मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, ‘सीबीआई आई है, उनका स्वागत है। हम कट्टर ईमानदार हैं। बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है, उसे इसी तरह परेशान किया जाता है। इसीलिए हमारा देश अभी तक नंबर-1 नहीं बन पाया।’ अन्‍य ट्वीट्स में सिसोदिया ने कहा कि ‘हम सीबीआई का स्वागत करते हैं। जांच में पूरा सहयोग देंगे ताकि सच जल्द सामने आ सके। अभी तक मुझ पर कई केस किए लेकिन कुछ नहीं निकला। इसमें भी कुछ नहीं निकलेगा। देश में अच्छी शिक्षा के लिए मेरा काम रोका नहीं जा सकता। ये लोग दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य के शानदार काम से परेशान हैं। इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री को पकड़ा है ताकि शिक्षा स्वास्थ्य के अच्छे काम रोके जा सकें। हम दोनों के ऊपर झूँठे आरोप हैं। कोर्ट में सच सामने आ जाएगा।’

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम पूरा सहयोग करेंगे। पहले भी कई जांच और रेड हुईं, कुछ नहीं निकला। अब भी कुछ नहीं निकलेगा। डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम ने कहा कि अमेरिका के सबसे बड़े अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स के पहले पन्ने पर दिल्ली के ‘शिक्षा मॉडल’ की तारीफ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी है। यह भारत के लिए गर्व की बात है, लेकिन उसी दिन केंद्र ने मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई भेज दी। ये इसे रोकना चाहते हैं इसीलिए रेड और गिरफ्तारी की कार्रवाई हो रही है। केजरीवाल ने कहा, ‘सीबीआई को हम अपना काम करने दें। सीबीआई को ऊपर से आदेश है कि इनको तंग करना है। आदेश है कि अड़चनें अड़ाओ। अड़चनें आएंगी, पर काम नहीं रुकेगा।’

बीजेपी ने सीबीआई की छापेमारी पर दिल्ली सरकार पर सवाल उठाए। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘जांच के डर से दिल्ली के सीएम को शिक्षा के बारे में बोलना पड़ा। यह शिक्षा की बात नहीं है, यह आबकारी नीति का मामला है।’ उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सीबीआई को जांच सौंपे जाने के दिन आबकारी नीति को पलट दिया। यह कदम क्यों उठाया गया, क्योंकि शराब के कारोबार के लाइसेंस जारी करने में भ्रष्टाचार किया गया है। लोगों को मूर्ख मत समझिए। ठाकुर ने कहा कि लोगों को जवाब चाहिए।