मध्य प्रदेश के सागर से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है! जागते रहो! जागते रहो! ये आवाज़ बंद हुई तो हो सकता है कत्ल। मध्य प्रदेश के सिक्योरिटी गार्ड्स पर मंडरा रहा है मौत का खतरा। उसकी नज़र हर पल लोगों की सुरक्षा कर रहे इन गार्ड्स पर लगी है। थोड़ी सी गलती, एक छोटी सी चूक या फिर आपकी पलक झपकी तो हो सकता है मर्डर क्योंकि यह कातिल दिनभर सोता है और फिर रात होते ही सड़कों पर निकल जाता है अपना निशाने की तलाश में। उसकी नज़रें शिकार ढूंढती रहती हैं। रात के अंधेरे में वो बड़ी ही बेरहमी से खौफनाक वारदात को अंजाम देता है। वो कातिल मध्य प्रदेश का सीरियल किलर बन चुका है जिसने पिछले कुछ दिनों में ऐसी दहशत फैलाई है कि आम लोग क्या पुलिस की भी नींद उड़ गई है। लोगों में खौफ है, खासकर उनमें जो नाइट वॉचमैन यानी रात को चौकीदारी करते हैं। कोई नहीं जानता कि इस सीरियल किलर के निशाने पर अगला शख्स कौन होगा।
मध्यप्रदेश के सागर ज़िले में दो दिनों में दो सिक्योरिटी गार्ड्स की मौत पर गहमागहमी खत्म भी नहीं हुई कि अचानक मंगलवार की रात एक और सिक्योरिटी गार्ड पर हमला हो गया। पुलिस के भी होश उड़ जाते हैं। दोनों कत्ल एक ही अंदाज में बड़ी ही बेरहमी से किए गए और जिस तीसरे गार्ड पर भी जो हमला हुआ वो भी उसी पैटर्न पर था। जांच शुरू हुई तो पुलिस को कुछ ऐसे क्लू मिले जिससे मई में हुई एक और सिक्योरिटी गार्ड की हत्या की गुत्थी समझ में आने लगी है।
दरअसल, इन तीनों हत्याओं का पैटर्न एक सा है। अब जब दो महीने बाद उसी तरह की तीन और वारदात सामने आईं तो पूरे ज़िले में सनसनी फैल गई है और सामने आ रही है सीरियल किलिंग की खौफनाक कहानी।
इन तीनों हत्याओं और चौथे हमले को ज़िस तरह से अंजाम दिया गया था, उसे जानकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे। तीनों हत्याएं इतनी बर्बर और दर्दनाक थीं कि जिसने भी उस क्राइम सीन को देखा उसके चेहरे का रंग बदल गया। सभी हत्याओं को रात में अंजाम दिया गया। हत्या में सीरियल किलर ने हथौड़े, पत्थर और फावड़े में लगे डंडे का इस्तेमाल किया। सोए हुए गार्ड्स के सिर पर इस बेरहमी से हथौड़े और पत्थरों से इतने वार किए कि गार्ड्स का सिर पूरी तरह से कुचल चुका था। चौथे गार्ड्स पर भी इसी तरह हमला किया गया था लेकिन हत्यारा उसे मारने में कामयाब नहीं हो पाया। सिर में हथौड़े और पत्थर से वार करने की वजह से गार्ड के सिर पर गहरी चोटें आई। गार्ड को इलाज के लिए भोपाल रैफर किया गया जहां अब उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।
मारे गए तीनों गार्ड्स की उम्र 50 से 60 साल के बीच है। इन गार्ड्स का जब कत्ल किया गया तब ये सभी नाइट ड्यूटी कर रहे थे। दरअसल सीरियल किलिंग का ये सिलसिला शुरू हुआ मई महीने से। मई में उत्तम रजक नाम के 58 साल के एक गार्ड की हत्या की खबर सामने आयी। उत्तम, सागर में ही एक कंस्ट्रकशन साइट पर रात की ड्यूटी करते थे। पिपरिया करकट इलाके का रहने वाले ये गार्ड डेली नाइट ड्यूटी करने 15 किलोमीटर दूर इस साइट पर आते थे। हत्या वाली रात गार्ड की वहीं ड्यूटी थी लेकिन वो सोया हुआ था और उसी दौरान उसपर पत्थर और हथौड़े से हमला कर दिया गया। हत्यारे ने गार्ड के चेहरे को बुरी तरह से बिगाड़ दिया। इतना ही नहीं पुलिस जब मौके पर पहुंची तो लाश के चेहरे पर एक जूता रखा हुआ था। हालांकि जब मई में पहला कत्ल हुआ तो पुलिस ने इसे सामान्यतौर पर लिया और हत्या का केस दर्ज कर लिया।
दो दिन पहले जब रविवार और सोमवार की रात लगातार दो गार्ड्स कल्याण लोधी और शंभुराम दूबे की निर्मम हत्या हुई तो मामले की गंभीरता बढ़ गई। ये दोनों कत्ल भी उत्तम के कत्ल की तरह ही किए गए थे। दोनों के चेहरे को बुरी तरह से कुचले हुए थे। तस्वीर तब और साफ हो गई जब पुलिस मंगलवार की सुबह सागर ज़िले के आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज में पहुंची जहां शंभुराम दूबे की लाश मिली थी। दूबे यही रात की ड्यूटी पर थे। पुलिस को डेड बॉडी के पास से एक मोबाइल मिला। मोबाइल से सिम कार्ड गायब था लेकिन जब जांच की गई तो पता चला कि मोबाइल कल्याण लोधी का था, यानी उस गार्ड का जिसकी एक रात पहले ही निर्मम हत्या हुई थी। लोगों ने इस घटना के विरोध में सड़क में जाम लगा दिया और जल्द से जल्द हत्यारे को पकड़ने की मांग की।
इससे पहले की कि पुलिस कुछ समझ पाती, अगले ही दिन यानी मंगलवार की रात को फिर एक और गार्ड मंगलराम अहिरवार सीरियल किलर के निशाने पर आ गया लेकिन अच्छा हुआ कि ऐन वक्त पर मंगल की आंख खुल गई और उसकी जान बच गई। पुलिस ने मंगल से बात कि तो पता चला कि हत्यारा काली रंग की पैंट और सफेद कमीज़ पहने हुआ था। अब मध्यप्रदेश पुलिस तमाम कड़ियों को जोड़कर केस की जांच में जुट गई है ताकि आगे कोई और जान न जाए। सीरियल किलिंग की बात अब तक साफ तौर पर नहीं की गई लेकिन इन तीनों मर्डर केस की मिस्ट्री इसी के आसपास घूम रही है।