Thursday, April 25, 2024
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जानिए नरेंद्र मोदी स्टेडियम में उस दिन क्या हुआ खास?

हाल ही में नरेंद्र मोदी स्टेडियम में ऐतिहासिक क्रिकेट मैच खेला गया! भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अहमदाबाद टेस्ट का आगाज बेहद फ्रेंडली माहौल में शुरू हुआ। भारती के पीएम नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज ने न केवल नरेंद्र मोदी स्टेडियम में बैठकर दोनों टीमों के खेल का लुत्फ उठाया, बल्कि दोनों कप्तानों को टॉस से पहले खास कैप भी थमाई गई। दोनों देशों की दोस्ती के 75 वर्ष पूरा होने के मौके पर टॉस भी खास तरह के सिक्के से कराया गया और अब पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली ने 1204 दिन बाद टेस्ट शतक जड़ते हुए इस पूरे माहौल को वाकई क्रिकेटीय अमृत महोत्सव में तब्दील कर दिया। विराट कोहली ने वनडे और टी-20 इंटरनेशनल में तो फॉर्म पा ली थी, लेकिन टेस्ट में अभी उनके बल्ले से रन नहीं बन रहे थे। इसे लेकर दबी जुंबा से लोग उनकी आलोचना भी कर रहे थे। इस बात का अंदाजा विराट कोहली को भी था। वह भी पूरी कोशिश कर रहे थे कि कैसे एक बड़ी पारी खेली जाए। जब ऑस्ट्रेलिया ने 480 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया तो फैंस भारतीय सूरमा बल्लेबाजों से भी बड़ी पारी की उम्मीद करने लगे। कप्तान रोहित शर्मा 35 रन बनाकर आउट हुए तो दीवार कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा 42 रन पर निपट गए।

युवा शुभमन गिल ने जुझारू बैटिंग करते हुए 235 गेंदों में 12 चौके और एक छक्का के दम पर 128 रन की पारी खेली तो तीसरे दिन विराट कोहली हाफ सेंचुरी जड़कर नाबाद लौटे। चौथे दिन शुरुआत से ही विराट कोहली अलग कमिटमेंट और टेम्परामेंट के साथ बैटिंग करते नजर आए। उनके धैर्य का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने शतक पूरा करने तक चौथे दिन एक भी चौका नहीं लगाया। 241 गेंदों में सेंचुरी पूरी करने के बाद कोहली ने धड़ाधड़ 5 चौके उड़ा डाले।

वह दोहरा शतक के करीब दिख रहे थे कि अक्षर पटेल के बाद उमेश यादव रन आउट हुए और यहीं से माहौल बदल गया। कोहली के पास अब बाउंड्री से रन बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था, क्योंकि स्टीव स्मिथ ने 9 फील्डरों को बाउंड्री पर लगा रखा था। दरअसल, वह जानते थे कि श्रेयस अय्यर बैटिंग के लिए उतरेंगे नहीं तो भारत के पास एक बल्लेबाज कम है। ऐसे में कोहली ने टॉड मर्फी की गेंद पर हवाई शॉट खेला, जिसे मार्नस लाबुशेन ने लपका। इस तरह से कोहली की मैराथन पारी का अंत हुआ। उन्होंने 364 गेंदों में 15 चौके जड़े।

विराट कोहली ने आखिरी शतक नवंबर, 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ लगाया था, जबकि आखिरी अर्धशतक जनवरी 2022 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ केप टाउन में जड़ा था। इस तरह वह तिहाई के अंकों तक पहुंचने के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे थे, लेकिन आज की इस पारी में जिस धैय के साथ बैटिंग की वह कोहली के अदम्य साहस और गजब के धैर्य का परिचायक है। विराट कोहली की यह पारी इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ऑस्ट्रेलिया जैसी बड़ी टीम के खिलाफ आया है। कंगारू टीम के खिलाफ उनका यह 8वां टेस्ट शतक है।

खैर, नरेंद्र मोदी और एंथनी अल्बनीज ने जिस तरह से क्रिकेट के मैदान से दोस्ती का मेसेज दिया तो दूसरी ओर विराट कोहली के इस 75वें शतक ने मैच को और भी यादगार बना दिया।कोहली के पास अब बाउंड्री से रन बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था, क्योंकि स्टीव स्मिथ ने 9 फील्डरों को बाउंड्री पर लगा रखा था। दरअसल, वह जानते थे कि श्रेयस अय्यर बैटिंग के लिए उतरेंगे नहीं तो भारत के पास एक बल्लेबाज कम है। ऐसे में कोहली ने टॉड मर्फी की गेंद पर हवाई शॉट खेला, जिसे मार्नस लाबुशेन ने लपका। इस तरह से कोहली की मैराथन पारी का अंत हुआ।कोहली के पास अब बाउंड्री से रन बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था, क्योंकि स्टीव स्मिथ ने 9 फील्डरों को बाउंड्री पर लगा रखा था। दरअसल, वह जानते थे कि श्रेयस अय्यर बैटिंग के लिए उतरेंगे नहीं तो भारत के पास एक बल्लेबाज कम है। ऐसे में कोहली ने टॉड मर्फी की गेंद पर हवाई शॉट खेला, जिसे मार्नस लाबुशेन ने लपका। इस तरह से कोहली की मैराथन पारी का अंत हुआ। उन्होंने 364 गेंदों में 15 चौके जड़े। उन्होंने 364 गेंदों में 15 चौके जड़े। कोहली के शतक को लेकर दर्शक कितना बेसब्र थे इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 90 के पार होने के बाद फैंस एक-एक रन को शतक की तरह चीयर कर रहे थे। जब कोहली 99 पर थे तो हर कोई अपनी-अपनी सीट पर खड़ा हो गया था। यह सिर्फ एक शतक नहीं है, बल्कि बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के इतिहास और विराट कोहली के इंटरनेशनल क्रिकेट करियर का अमृत महोत्सव भी है, जिसे किंग ने अपने गले में लटके प्यार की निशानी लकी ‘रिंग’ को चूम कर सेलिब्रेट किया।

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