Friday, October 18, 2024
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‘टमाटर फ्लू’ : कोरोनावायरस के बाद अब एक और नई बीमारी, टमाटर फ्लू के वजह से केरल में 80 से अधिक बच्चे बीमार 

कोरोनावायरस का खतरा अभी भी पूरी तरह से चला भी नहीं है कि एक और बीमारी ने लोगों में दहशत फैला दिया है। केरल में कोरोनावायरस और फूड प्वाइजनिंग के बाद एक और ‘टमाटर फ्लू’ का नया खतरा पैदा हो गया है। केरल में अब तक 80 से ज्यादा बच्चे उसकी चपेट में आ गए हैं।  टमाटर फ्लू से शिकार छोटे बच्चे ज्यादा हो रहे हैं। टमाटर फ्लोर को लेकर सभी चिकित्सा को में भी असमंजस है। यह वायरल फीवर, डेंगू या चिकनगुनिया का साइड इफेक्ट तो नहीं है। आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं नई बीमारी के बारे में…

केरल में कोविड संक्रमण और फूड प्वाइजनिंग की घटनाओं के बीच टोमैटो फ्लू ने दस्तक दे दी है। सिर्फ कोल्लम से 80 से ज्यादा बच्चों के इस वायरल बुखार की चपेट में आने की खबर है। अभी तक यह बुखार सिर्फ छोटे बच्चों में और सीमित क्षेत्र में ही देखा जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जल्द एहतियाती कदम नहीं उठाए गए तो यह बहुत ही तेजी फैल सकता है। केरल की घटनाओं के बाद तमिलनाडु ने उससे लगने वाले जिलों में एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। आइए जानते हैं कि टोमैटो फ्लू क्या है, इसके लक्षण क्या हैं और इसका उपचार क्या है?

टोमैटो फ्लू का सबसे ज्यादा असर केरल के कोल्लम, नेदुवथुर, आंचल और आर्यनकावु आदि क्षेत्रों में है. केरल के अलावा पड़ोसी राज्यों में इसकी जांच की जा रही है. एक मेडिकल टीम तमिलनाडु के कोयंबटूर में टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) को लेकर चकत्ते और अन्य बीमारियों की जांच कर र ही है.

क्या है टमाटर फ्लू

दरअसल, टोमैटो फ्लू एक बहुत ही दुर्लभ वायरल बुखार है, जिसमें बड़े-बड़े लाल चकत्ते, त्वचा में जलन और शरीर में पानी की कमी होने लगती है। इस बीमारी का नाम ऐसा इसलिए पड़ा है, क्योंकि इसमें बना फफोला टमाटर की तरह दिखता है। जानकारी के मुताबिक इसके बारे में यह बहस भी होती है कि यह एक वायरल बुखार ही है या फिर चिकनगुनिया या डेंगू बुखार की वजह से होता है। वैसे यह केरल के एक खास हिस्से में ही देखा जा रहा है, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर एहतियाती उपाय नहीं किए गए तो यह दूसरे इलाकों में भी तेजी से फैल सकता है।

क्या है लक्षण टमाटर फ्लू का

इसके मुख्य लक्षण लाल रंग के चकत्ते और छाले होते हैं। पीड़ित बच्चों को टमाटर के आकार के फफोले पड़ सकते हैं, जो कि लाल रंग के होते हैं।इससे मरीज को त्वचा का संक्रमण और अपच भी हो सकता है। इसके अलावा बाकी संक्रमित बच्चों को तेज बुखार, बदन दर्द, जोड़ों में सूजन, थकान, पेट में थकान, उल्टी, दस्त, हाथ, घुटनों का रंग बदलना, खांसी, छींकना और नाक बहने जैसी आदि लक्षण देखने को मिल सकती हैं। कोल्लम के अलावा आंचल और नीतू माथुर में भी इसके केस मिलने की सूचना है।

टोमैटो फीवर बचाव के उपाय

टोमैटो फ्लू (Tomato flu Prevention) के चपेट में आने पर हमें उबला हुआ पानी पीकर हाइड्रेट रहना चाहिए. इससे बनने वाले चकते या फफोले को खरोंचे या फोड़े नहीं. संक्रमित व्यक्ति से उचित दूरी बनाकर रखें. पीड़ित व्यक्ति को फफोले को नोचने से रोके और साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखें। सबसे जरूरी है कि इसके लक्षण दिखते ही डॉक्टर की सलाह पर उचित इलाज लें. संक्रमित लोगों को आराम करने दें और उसके शरीर में डिहाइड्रेशन की स्थिति पैदा ना हो, इसलिए तरल पदार्थों का डॉक्टरी सलाह के मुताबिक सेवन करवाते रहें। शरीर में पानी कमी ना हो इस पर ध्यान दे ना बहुत आवश्यक है।

तमिलनाडु में भी एहतियाती ऐक्शन

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पड़ोसी राज्य में टोमैटो फ्लू के प्रकोप को देखते हुए तमिलनाडु ने सीमावर्ती जिलों में मेडिकल टीम उतार दी है। यहां फ्लू के तरह की लक्षणों की जांच की जा रही है। वलायार जिले में दो मेडिकल ऑफिसरों के नेतृत्व में टीम केरल से आने वाले यात्रियों, खासकर बच्चों की जांच कर रहे हैं। आंगनवाड़ी में भी पांच साल से छोटे बच्चों की सेहत पर नजर रखने के लिए 24 सदस्यीय टीम गठित की गई है।

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