भारत और सऊदी की दोस्ती भी बेमिसाल है! कॉलेज और स्कूल से अलग किन्हीं दो देशों के बीच जो दोस्ती होती है, वो भी बहुत रोचक होती है। भारत और सऊदी अरब के बीच भी आज ऐसे ही रिश्ते हैं। दोनों देशों के बीच दोस्ती का सिलसिला यूं तो कई बरस पुराना है। लेकिन साल 2015 में इस दोस्ती ने एक ऐसा टेस्ट पास किया था जिसने कई हजार भारतीयों की जान बचाई थी। उस समय यमन में जंग शुरू हो गई थी। इस जंग में जहां भारत ने सऊदी अरब की परीक्षा ली तो उसने भी अपना वादा पूरा करके इस परीक्षा को पास कर लिया था। उस जंग से जुड़ा एक किस्सा भारत की विदेश मंत्री रहीं स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने साझा किया था। उन्होंने बताया था कि कैसे सऊदी किंग सलमान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बस कुछ मिनटों की बातचीत ने उस सवाल का हल दे दिया था जो यमन में बसे 4000 भारतीय नागरिकों की जान से जुड़ा था।
हर बार परखे गए रिश्ते
सुषमा स्वराज ने पहले सिंगापुर और फिर एक कार्यक्रम के दौरान उस किस्से को सबसे साझा किया था जो बैकडोर डिप्लोमैसी से जुड़ा था। सुषमा ने कहा था, ‘कई बार लोग सवाल करते हैं कि पीएम मोदी इतनी विदेश यात्राएं करते हैं तो उससे होता क्या है?’ पूर्व विदेश मंत्री ने इसी सवाल के जवाब में यमन की जंग से जुड़ा किस्सा साझा किया था। उन्होंने कहा था कि ये यात्राएं दो देशों के बीच रिश्तों के लिए और व्यक्तिगत संबंधों के लिए होती हैं। इनसे दोस्ती भी मजबूत होती है। सुषमा के शब्दों में इन रिश्तों की ताकत को कई बार परखा भी गया है और हर बार ये रिश्ते कसौटी पर खरे उतरे हैं। उन्होंने उदाहरण के तौर पर यमन में जंग का जिक्र किया। सुषमा ने बताया कि उस समय आसमान से गोले बरस रहे थे, समुद्र में लुटेरे बैठे थे और जमीन पर लड़ाई हो रही थी। जल, थल और नभ से मिलती चुनौती के बीच भारतीयों को निकालना आसान काम नहीं था। तीनों रास्ते बंद थे और भारतीयों को कैसे निकाला जाए, कुछ समझ नहीं आ रहा था।
सुषमा ने बताया, ‘मुझे तभी याद आया कि ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक मीटिंग सऊदी के नरेश से हुई थी। मैं फौरन पीएम के पास गई और मैंने उनसे कहा कि आप सऊदी नरेश को फोन करिए।’ सुषमा ने पीएम मोदी से कहा कि वो सऊदी किंग से 7 दिनों के लिए गोलीबारी रोकने के लिए कहें तों हम सारे भारतीयों को निकाल लेंगे। इस पर पीएम मोदी ने जवाब दिया, ‘मैं अभी फोन करता हूं।’ पीएम मोदी ने सऊदी किंग को फोन किया और उनसे यह बात कही। इस पर किंग ने जवाब दिया, ‘मुझे एक घंटा दीजिए।’ एक घंटे के बाद किंग ने फोन किया। किग ने पीएम मोदी से कहा, ‘मैंने अपने लोगों से बात की है और सात दिनों के लिए बमबारी रोकना असंभव है। लेकिन हम दो घंटों के लिए रोज बमबारी रोक सकते हैं और 7 दिनों तक ऐसा कर सकते हैं।’
2 घंटे के लिए रुकी बमबारी
पीएम मोदी ने जब सुषमा स्वराज को जब ये बात बताई तो उन्होंने कहा कि 2 घंटे हमारे लिए काफी हैं। इसके बाद एयरपोर्ट को खुलवाना दूसरी सबसे बड़ी चुनौती थी। मगर ये बाधा भी दूर हो गई जब एयरपोर्ट की तरफ से जवाब मिला कि वो दो घंटे के लिए एयरपोर्ट को खोल सकते हैं। इसके बाद सुषमा ने रिटायर्ड जनरल वीके सिंह को यमन जाने का आदेश दिया। जनरल वीके सिंह यमन पहुंच और 4,000 भारतीयों के अलावा कुछ और देशों के 1972 लोगों को यमन से भारत ने सफलतापूर्वक निकाला था। ये आपरेशन 1 अप्रैल 2015 में लॉन्च हुआ था और 11 अप्रैल 2015 को अंजाम पर पहुंचा था। जंग के समय मोहम्मद बिन सलमान की देखरेख में ही यमन पर बम बरसाए जा रहे थे। उन्हें उसी साल किंग सलमान ने क्राउन प्रिंस घोषित किया था।
सुषमा उस समय देश की विदेश मंत्री थीं तो जनरल वीके सिंह विदेश राज्य मंत्री थे। सुषमा ने बताया था कि अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस और जर्मनी ने भारत से अनुरोध किया था कि वो उनके नागरिकों को सुरक्षित निकाल ले। भारत की तरफ से चलाए गए ‘ऑपरेशन राहत’ में करीब 5000 नागरिकों 11 दिन के अंदर निकाल लिया गया था। पीएम मोदी और सऊदी किंग सलमान की जिस मीटिंग का जिक्र सुषमा ने किया था वो जी-20 से इतर हुई थी। साल 2016 मे पीएम मोदी सऊदी की यात्रा पर गए थे। 6 साल के बाद कोई भारतीय पीएम इस देश की यात्रा पर पहुंचा था। इसके बाद फरवरी 2019 में मोहम्मद बिन सलमान पहली बार भारत आए थे।