Monday, November 4, 2024
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वडोदरा नाव हादसे पर क्या बोला गुजरात हाईकोर्ट?

हाल ही में गुजरात हाईकोर्ट ने बड़ोदरा नाव हादसे पर एक बयान दे दिया है! गुजरात के वडोदरा नाव हादसे में दो पूर्व निगम आयुक्तों की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। गुजरात हाईकोर्ट ने दोनों पूर्व निगम आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार को कहा है। गुजरात हाईकोर्ट ने जिन दो पूर्व नगर निगम आयुक्तों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए कहा है उनमें सेवानिवृत्त हो चुके एच एस पटेल और वर्तमान में गुजरात सरकार में वरिष्ठ नौकरशाह आईएएस डॉ. विनोद राव का नाम शामिल है। पिछली सुनवाई में गुजरात हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुनील अग्रवाल की अगुवाई वाली बेंच ने राज्य सरकार की जांच रिपोर्ट को लौटा दिया था। हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि यह रिपोर्ट नहीं बल्कि कमिश्नर को बचाने के लिए एक स्टोरी लिखी गई है। हाईकोर्ट ने कहा था अगर ऐसा है तो पूरा सिस्टम ही सवालों के घेरे में है। अब गुजरात हाईकोर्ट ने दोनों पूर्व निगम आयुक्तों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने सरकार से यह भी कहा है कि वह सूचित करे कि क्या कार्रवाई की गई? 18 जनवरी को वडोदरा की हरनी झील में नाव पलटने से 12 बच्चों के साथ दो शिक्षकों की मौत हो गई थी। बच्चे पिकनिक पर गए थे। गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है वडोदरा में नाव पलटने में नगर निगम के दो पूर्व आयुक्तों कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करने और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के दोषी हैं। इस घटना के बाद गुजरात हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। हाईकोर्ट ने हमारा मानना है कि उक्त अवधि के दौरान पदस्थ दोनों नगर आयुक्त कर्तव्य की उपेक्षा करने और अपने पद के दुरुपयोग के दोषी हैं। किसी भी स्थिति में मेसर्स कोटिया प्रोजेक्ट्स को इस प्रक्रिया में बोली लगाने का पात्र नहीं कहा जा सकता, इसलिए इसके चयन का सवाल ही नहीं उठता। अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि समिति कोटिया प्रोजेक्ट्स को ठेका देने के मामले में बरती गई अवैधता को दबाने की कोशिश कर रही है। इसने कहा कि रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए और अदालत को परिणाम से अवगत कराया जाना चाहिए।

सेवानिवृत्त आईएएस एस एस पटेल 25 फरवरी, 2015 को वडोदरा नगर निगम के आयुक्त बने थे। इसके बाद वह 23 जून, 2016 तक इस पद पर रहे थे। इसके बाद वडोदरा नगर निगम के आयुक्त आईएएस डॉ. विनोद राव बन गए थे। वह 17 जुलाई, 2018 तक वडोदरा के निगम कमिश्नर रहे थे। हाईकोर्ट ने वडोदरा हरनी हादसे में नाव का संचालन एक बिना अनुभव वाली फर्म को देने के लिए इन दोनों अफसरों को दोषी माना है। वडोदरा में हुए इस दर्दनाक हादसे में काफी खामियां सामने आई थीं। पुलिस ने कुल 18 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। गुजरात में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी हादसे में हाईकोर्ट ने तत्कालीन आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। विनोद राव वर्तमान में राज्य सरकार के शिक्षण सचिव हैं। पिछले दिनों लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी वडोदरा की हरनी झील हादसे के पीड़ितों से मुलाकात की थी। राहुल गांधी ने इस मुद्दे को लोकसभा में उठाने का आश्वासन दिया है।

वडोदरा हरनी नाव हादसे के पीड़ितों के वकील हितेश गुप्ता कहते हैं कि गुजरात हाईकोर्ट का फैसला थाेड़ा सुकून देने वाला है। चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने उस वक्त निगम के आयुक्त रहे अफसरों को दोषी माना है। गुप्ता कहते हैं कि इस अनूठे मामले में जब मेसर्स कोटिया प्रोजेक्ट्स को नाव संचालन का ठेका दिया गया था तो 69 पार्षदों से सहयोग व्यक्त किया था। यह चौंकाता है कि किसी ने विरोधी क्यों नहीं किया? गुप्ता कहते हैं जिस तरह का आदेश हाईकोर्ट ने पारित किया है। उसके बाद दोनों अफसरों के विभागीय जांच होगी। पटेल रिटायर हो चुके हैं। ऐसे में उनके खिलाफ पूर्व आईएएस के नियमों के साथ कार्रवाई होगी। दूसरे निगम आयुक्त अभी ड्यूटी में हैं। उन्हें सस्पेंड किए बिना निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है। अब देखना है कि हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद सरकार क्या करती है। गुप्ता कहते हैं कि इस मामले में एक पीड़ित ने महीने पहले पुलिस आयुक्त वडोदरा और एंटी करप्शन ब्रांच को शिकायत देकर निगम के पदाधिकारियों और अफसरों की संपत्ति की जांच की मांग की है। अगर पुलिस कार्रवाई करेगी तो वह आने वाले दिनों गुजरात हाईकोर्ट में गुहार लगाएंगे।

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