आज हम आपको जापान के टॉपलेस हेल्थ चेकअप विवाद के बारे में जानकारी देने वाले हैं! जापान में स्वास्थ्य जांच के नाम पर छात्र और छात्राओं को कपड़े उतारने पर मजबूर किया जा रहा है। सरकार के इस फैसले से छात्रों, गार्जियन और शिक्षकों के बीच विवाद बढ़ गया है। दरअसल, जापान में छात्रों को स्वास्थ्य जांच के लिए जाना पड़ता है, जिनमें से कुछ की उम्र 13 साल है। इस दौरान उन्हें अपनी शर्ट और कुछ मामलों में ब्रा को भी उतारने को कहा जाता है। बच्चों के परिवारों का कहना है कि इससे उन पर भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ रहा है। हाल में ही किए गए एक सर्वेक्षण में पता चला है कि मिडिल स्कूल के 95 प्रतिशत छात्र-छात्राओं ने स्वास्थ्य जांच के लिए कपड़े उतराने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे खुद के लिए मुश्किल कदम और शर्मिंदगी की वजह करार दिया है। छात्राओं के स्वास्थ्य जांच के दौरान कपड़े उतारने चाहिए या नहीं, इसको लेकर कोई राष्ट्रव्यापी नीति नहीं है। इस कारण नियमों में एकरूपता नहीं है। स्थानीय शिक्षा बोर्ड आने वाले डॉक्टरों और कंपाउंडरों के सहयोग से स्वास्थ्य जांच के लिए प्रक्रिया को निर्धारित करते हैं। मंत्रालय के एक नोटिस में स्थानीय शिक्षा बोर्डों को सलाह दी गई है कि अगर इससे परीक्षा की सटीकता से समझौता नहीं होता है तो छात्रों को कपड़े उतारने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।यूनिवर्सिटी अस्पताल में संक्रामक रोगों के प्रोफेसर केंटारो इवाता ने छात्रों को कपड़े उतारने के लिए बाध्य करने के चिकित्सा औचित्य के बारे में संदेह व्यक्त किया है। इवाता ने स्वीकार किया कि कपड़े उतारने से दिल की धड़कन की आवाज की स्पष्टता में थोड़ा सुधार हो सकता है, लेकिन यह सटीक स्वास्थ्य आकलन के लिए आवश्यक नहीं है। इसमें छात्रों को जिम के कपड़े पहनने या अपने शरीर को ढकने के लिए तौलिये का उपयोग करने जैसे विकल्प सुझाए गए हैं।इस कारण पूरे देश में नियमों में काफी भिन्नता है। कुछ स्कूलों में, जिसमें सीनियर हाई स्कूल की छात्राएं शामिल हैं, उनको भी अपनी शर्ट और ब्रा उतराने के लिए बाध्य किया जा रहा है। जबकि अन्य छात्रों को कपड़े पहने रहने की अनुमति है।
नियमों में भिन्नता ने माता-पिता और बाल अधिकार समूहों की चिंता और गुस्से को बढ़ा दिया है। उदाहरण के लिए, कुछ पश्चिमी जापानी शहरों में, हाई स्कूल के छात्राओं को स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान टॉपलेस होना आवश्यक है। प्रथाओं में यह भिन्नता उपयोग की जा रही प्रक्रियाओं की पर्याप्तता और निष्पक्षता के बारे में चिंताएं पैदा करती है।
जापान मेडिकल एसोसिएशन ने टॉपलेस स्वास्थ्य जांच की प्रथा का बचाव करते हुए तर्क दिया है कि व्यापक जांच के लिए कपड़े उतारना आवश्यक है। हालांकि, इस रुख को चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा चुनौती दी गई है जो ऐसी प्रथाओं की आवश्यकता पर सवाल उठाते हैं। द गार्जियन के अनुसार, कोबे यूनिवर्सिटी अस्पताल में संक्रामक रोगों के प्रोफेसर केंटारो इवाता ने छात्रों को कपड़े उतारने के लिए बाध्य करने के चिकित्सा औचित्य के बारे में संदेह व्यक्त किया है। इवाता ने स्वीकार किया कि कपड़े उतारने से दिल की धड़कन की आवाज की स्पष्टता में थोड़ा सुधार हो सकता है, लेकिन यह सटीक स्वास्थ्य आकलन के लिए आवश्यक नहीं है।
बढ़ती आलोचना के जवाब में, जापान के शिक्षा मंत्रालय ने 23 जनवरी, 2024 को एक नोटिस जारी किया, जिसका उद्देश्य स्कूल स्वास्थ्य जांच के दौरान गोपनीयता संबंधी चिंताओं को दूर करना था। द मेनिची की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय के एक नोटिस में स्थानीय शिक्षा बोर्डों को सलाह दी गई है कि अगर इससे परीक्षा की सटीकता से समझौता नहीं होता है तो छात्रों को कपड़े उतारने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। इसमें छात्रों को जिम के कपड़े पहनने या अपने शरीर को ढकने के लिए तौलिये का उपयोग करने जैसे विकल्प सुझाए गए हैं। बता दें कि मिडिल स्कूल के 95 प्रतिशत छात्र-छात्राओं ने स्वास्थ्य जांच के लिए कपड़े उतराने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे खुद के लिए मुश्किल कदम और शर्मिंदगी की वजह करार दिया है। छात्राओं के स्वास्थ्य जांच के दौरान कपड़े उतारने चाहिए या नहीं, इसको लेकर कोई राष्ट्रव्यापी नीति नहीं है। नियमों में भिन्नता ने माता-पिता और बाल अधिकार समूहों की चिंता और गुस्से को बढ़ा दिया है। उदाहरण के लिए, कुछ पश्चिमी जापानी शहरों में, हाई स्कूल के छात्राओं को स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान टॉपलेस होना आवश्यक है।नोटिस में जांच के दौरान गोपनीयता और सम्मान सुनिश्चित करने के उपायों की भी सिफारिश की गई है, जिसमें लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग जांच आयोजित करना और पर्दे का उपयोग करना शामिल है।