आखिर क्या है तोशाखाना मामला? जिसके तहत पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को हुई जेल?

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हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी बीवी को 14 साल की जेल हो चुकी है…. यह मामला तोशाखाना मामला है… जिसके तहत पूर्व प्रधानमंत्री को और उनकी धर्मपत्नी को सजा मिली है… लेकिन एक सवाल कि आखिर यह तोशाखाना मामला क्या है? जिसके तहत पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 14 साल की सजा सुनाई गई है… तो आज हम आपको इसी मामले के बारे में जानकारी देने वाले हैं!

आपको बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी को सरकारी उपहारों की अवैध बिक्री से संबंधित एक मामले में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई है, इस्लामाबाद में भ्रष्टाचार विरोधी अदालत के जरिए जारी फैसले में यह भी कहा गया है कि दंपति को अगले 10 सालों के लिए सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य ठहराया जाएगा. दोनों पर ₹787 मिलियन का जुर्माना भी लगाया गया है. यह सजा 71 साल के खान और उनकी पार्टी के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी को आधिकारिक रहस्यों का खुलासा करने के लिए मंगलवार को 10 साल की जेल की सजा मिलने के एक दिन बाद सुनाई गयी है पाकिस्तान के सूचना मंत्री के अनुसार, घड़ियों में सबसे कीमती, “मास्टर ग्राफ़ सीमित संस्करण” की अनुमानित कीमत $300,000 हैउनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने बुधवार को कहा,”खान पर प्रधानमंत्री रहते हुए महंगे सरकारी उपहार अपने पास रखने का आरोप लगाया गया है.”.. रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद में भ्रष्टाचार विरोधी अदालत के जरिए जारी फैसले में यह भी कहा गया है कि दंपति को अगले 10 सालों के लिए सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य ठहराया जाएगा. दोनों पर ₹787 मिलियन का जुर्माना भी लगाया गया है. यह सजा 71 साल के खान और उनकी पार्टी के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी को आधिकारिक रहस्यों का खुलासा करने के लिए मंगलवार को 10 साल की जेल की सजा मिलने के एक दिन बाद सुनाई गयी है….

आइए अब आपको बताते हैं कि आखिर यह मामला है क्या? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तोशखाना नियम – राज्य के खजाने से उपहारों से संबंधित है – कहते हैं कि सरकारी अधिकारियों को तब तक उपहार रखने की अनुमति है जब तक वे उनके लिए कीमत चुकाते हैं. हालांकि, उपहार पहले जमा किए जाने चाहिए. यानी ये उपहार पहले सरकार के खजाने में जाने चाहिए. तोशाखाना कैबिनेट डिवीजन के अंतर्गत एक विभाग है जो सभी सार्वजनिक अधिकारियों को मिले उपहारों और महंगी चीज़ों को रखता है. नियम कहते हैं कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति 30,000 पीकेआर से कम कीमत वाले उपहार अपने पास रख सकते हैं… बता दें कि विवाद पहली बार तब उजागर हुआ जब पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के तहत बनी गठबंधन सरकार ने अगस्त 2022 में खान के खिलाफ मामला दर्ज किया. PML-N ने दावा किया कि खान ने तोशाखाना को दिए गए उपहारों के बारे में जानकारी का खुलासा नहीं किया और इसका सहारा भी लिया. कुछ उपहारों की “अवैध” बिक्री भी की. जब खान 2018 में सत्ता में आए थे तो उन्होंने अन्य देशों से मिले उपहारों का खुलासा करने के संबंध में प्रतिरोध दिखाया और कहा कि इससे विदेशी संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है….

सत्ता में रहते हुए, खान ने पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) को एक पत्र लिखकर कम से कम चार उपहार बेचने की बात स्वीकार की थी. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि उन्होंने सरकार को कीमत का एक प्रतिशत भुगतान करके उन्हें खरीदा है. इन गिफ्ट में मंहगे कफलिंक्स, रोलेक्स घड़ियां, अंगूठी और महंगे पेन थे. बता दे कि खान पर प्रधानमंत्री रहते हुए महंगे सरकारी उपहार अपने पास रखने का आरोप लगाया गया है.”.. रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद में भ्रष्टाचार विरोधी अदालत के जरिए जारी फैसले में यह भी कहा गया है कि दंपति को अगले 10 सालों के लिए सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य ठहराया जाएगा. दोनों पर ₹787 मिलियन का जुर्माना भी लगाया गया है. यह सजा 71 साल के खान और उनकी पार्टी के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी को आधिकारिक रहस्यों का खुलासा करने के लिए मंगलवार को 10 साल की जेल की सजा मिलने के एक दिन बाद सुनाई गयी है पाकिस्तान के सूचना मंत्री के अनुसार, घड़ियों में सबसे कीमती, “मास्टर ग्राफ़ सीमित संस्करण” की अनुमानित कीमत $300,000 है…. यानी सीधी सी बात यह है कि अब इमरान खान का शासन खत्म हो चुका है, जब वह प्रधानमंत्री बने थे तो लगा था कि शायद वह भारत के लिए एक अच्छा पड़ोसी मुल्क साबित होंगे… लेकिन जैसा कि पाकिस्तान की रंगत और नियत है, वैसा ही हमें भी देखने को मिला… खैर, यह था पाकिस्तान का सबसे चर्चित तोशाखाना मामला… आपको यह जानकारी कैसी लगी, अपना जवाब हमारे कमेंट बॉक्स में जरूर दीजिएगा!