आज हम आपको बताएंगे कि पेटीएम के चक्कर में आखिर किस कंपनी की वाहवाही हो चुकी है! बीते 31 जनवरी को बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट बैंक पर बड़ी कार्रवाई का ऐलान किया था। इसके बाद से ही पेटीएम की स्थिति खराब हो गई है। पिछले एक सप्ताह से शेयर बाजार में पेटीएम के शेयरों की पिटाई ही हो रही है। इस बीच खबर आई है कि रिजर्व बैंक और पेटीएम तनातनी मामले में कुछ अन्य वॉलेट्स की बल्ले-बल्ले हो गई है। बीते 31 जनवरी के बाद देखें तो फोनपे, गूगल पे और मोबिक्विक ऐप का डाउनलोड खूब बढ़ा है। ऐप इंटेलीजेंस प्लेटफार्म ऐपट्वीक के आंकड़ों के मुताबिक रिजर्व बैंक और पेटीएम की तनातनी में सबसे बड़ा लाभार्थी फोनपे रहा है। 31 जनवरी 2024 के बाद से वालमार्ट की कंपनी फोनपे के डाउनलोड में 40 फीसदी से भी ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई है। सिर्फ एक से छह फरवरी के बीच में ही गूगल प्ले स्टोर और ऐपल के ऐप स्टोर से फोनपे का 3.75 मिलियन डाउनलोड हुआ है। इसी दौरान गूगल पे ऐप का डाउनलोड भी 14 फीसदी बढ़ा है। मोबिक्विक का डाउनलोड भी करीब दूना हो गया है। उक्त अवधि के दौरान MobiKwik का 280,588 डाउनलोड हुआ।
ऐप इंटेलीजेंस प्लेटफार्म एप्पट्वीक का आंकड़ा बताता है कि 31 जनवरी 2024 के बाद पेटीएम का डाउनलोड करीब 32 फीसदी घटा है। इस अवधि में पेटीएम ऐप का डाउनलोड महज 998301 रहा है। आरबीआई की इस कार्रवाई से पहले इसका एक सप्ताह का डाउनलोड 1.48 मिलियन रहा था। मार्केट इंटेलीजेंस फर्म सेंसर टॉवर Sensor Tower के आंकड़े के अनुसार सप्ताह दर सप्ताह के हिसाब से पिछले सप्ताह पेटीएम ऐप का डाउनलोड 20 फीसदी घटा है। वहीं फोनपे और गूगलपे में औसत 52 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। फोनपे के कुल डाउनलोड में तो 76 फीसदी की बढ़ोतरी दिखी है। फिनटेक कंपनी MobiKwik ने इस बीच अपना वर्कफोर्स एक्सपेंशन करना शुरू कर दिया है। हाल ही में कंपनी ने मोहित नारायण को चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के रूप में एलिवेट किया है। कंपनी के पेमेंट गेटवे डिवीजन में हरविंदर सिंह चड्ढा को लाया गया है। पेटीएम पेमेंट बैंक पर आरबीआई के शिकंजे के बीच उसके प्रतिस्पर्धी एयरटेल पेमेंट बैंक भी अपने विस्तार का ताना-बाना बुन रहा है। बताया जाता है कि अगली तिमाही के दौरान बैंक अपने सेल्सफोर्स में पांच गुने की बढ़ोतरी करने वाला है। इस समय बाजार में कंपनी के तीन हजार से भी ज्यादा सेल्सपीपल काम कर रहे हैं। इस समय एयरटेल पेमेंट बैंक के 10 लाख से भी जयादा मर्चेंट लाइव हैं।इसी के साथ कंपनी ने अपने साउंडबॉक्स प्रोडक्ट मोबिक्विक वाइब का छोटे कारोबारियों के बीच डिप्लायमेंट बढ़ा दिया है। साथ ही पीओएस मशीनों की संख्या भी बढ़ा रहा है। खबर मिली है कि कंपनी हार्डवेयर इनवेस्टमेंट में 702.85 मिलियन रुपये का योगदान कर रहा है।
बाजार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पिछले आठ दिनों में मोबिक्विक के ऐप इंस्टालमेंट में शत-प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यह सब आर्गेनिक ग्रोथ बताया जाता है। यही नहीं, ऑफलान मर्चेंट जीएमवी भी 30 फीसदी बढ़ा है। ऑनलाइन मर्चेंट जीएमवी में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जबकि यूपीआई ट्रांजेक्शन भी 50 फीसदी बढ़ा है।पेटीएम पेमेंट बैंक पर आरबीआई के शिकंजे के बीच उसके प्रतिस्पर्धी एयरटेल पेमेंट बैंक भी अपने विस्तार का ताना-बाना बुन रहा है। बताया जाता है कि अगली तिमाही के दौरान बैंक अपने सेल्सफोर्स में पांच गुने की बढ़ोतरी करने वाला है। इस समय बाजार में कंपनी के तीन हजार से भी ज्यादा सेल्सपीपल काम कर रहे हैं। इस समय एयरटेल पेमेंट बैंक के 10 लाख से भी जयादा मर्चेंट लाइव हैं।
पेटीएम संकट से पहले की बात करें तो इसमें अमरीकी कंपनियों का ही बर्चस्व है। ये दो कंपनियां हैं वालमार्ट की कंपनी फोनपे और गूगल का लोकल पेमेंट सर्विस। 31 जनवरी 2024 के बाद से वालमार्ट की कंपनी फोनपे के डाउनलोड में 40 फीसदी से भी ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई है। सिर्फ एक से छह फरवरी के बीच में ही गूगल प्ले स्टोर और ऐपल के ऐप स्टोर से फोनपे का 3.75 मिलियन डाउनलोड हुआ है। इसी दौरान गूगल पे ऐप का डाउनलोड भी 14 फीसदी बढ़ा है। मोबिक्विक का डाउनलोड भी करीब दूना हो गया है। उक्त अवधि के दौरान MobiKwik का 280,588 डाउनलोड हुआ।हर महीने यूपीआई वॉल्यूम में इनकी on an average 80-85% की हिस्सेदारी है। एनपीसीआई NPCI के आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर 2023 के दौरान यूपीआई वॉल्यूम में PhonePe की हिस्सेदारी 46% की रही। इसके बाद गूगल पे Google Pay की हिस्सेदारी 36% की और पेटीएम पेमेंट बैंक Paytm Payments Bank की हिस्सेदारी 13% की रही।