मंकी पॉक्स अब आने वाले समय में खतरा बन सकता है! कोराना के बाद एक और वायरस एमपॉक्स भारत सहित पूरी दुनिया को टेंशन दे रहा है। भारत के लिए राहत की बात यह है कि यहां अभी एक भी केस रिपोर्ट नहीं किया गया है। सरकार भी समय से पहले इसे लेकर अलर्ट हो गई है। आज प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशन में मंकीपॉक्स यानी चेचक जैसी बीमारी की तैयारियों पर चर्चा की गई। एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी इस स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। बता दें कि एक दिन पहले यानी शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी स्वास्थ्य अधिकारियों संग एक मीटिंग की थी। पीएम मोदी के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा ने एमपॉक्स(mpox) को लेकर की गई मीटिंग के बारे में बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के पहले के एक बयान के अनुसार, साल 2022 से अब तक 116 देशों में कुल 99,176 मामले और 208 मौतें मंकीपॉक्स के कारण हुई हैं।NCDC द्वारा पहले जारी की गई मंकीपॉक्स पर संक्रामक रोग अलर्ट को नए घटनाक्रमों को शामिल करने के लिए अपडेट किया जा रहा है। देश में आने वाले मुख्य रास्तों, यानी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर तैनात मेडिकल स्टाफ को जागरूक करने और तैयार करने की कोशिशें की गई हैं। इसके बाद, उन्होंने बताया कि कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में मंकीपॉक्स के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले साल, मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई थी, और इस साल अब तक के मामलों की संख्या पिछले साल के कुल मामलों से भी ज्यादा हो गई है। अब तक 15,600 से ज्यादा मामले और 537 मौतें हो चुकी हैं।
प्रमुख सचिव ने निगरानी बढ़ाने और मामलों का जल्दी पता लगाने के लिए प्रभावी उपाय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जल्दी निदान के लिए जांच प्रयोगशालाओं के नेटवर्क को बढ़ाने का भी निर्देश दिया है। फिलहाल 32 प्रयोगशालाएं जांच के लिए तैयार हैं। इसके अलावा, पीके मिश्रा ने बीमारी की रोकथाम और इलाज के तरीकों को व्यापक रूप से फैलाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मचारियों को लक्षणों की पहचान करने और निगरानी प्रणाली को समय पर सूचना देने की आवश्यकता पर जागरूकता अभियान चलाने के महत्व पर बल दिया। बैठक में नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव अपूर्व चंद्रा, स्वास्थ्य अनुसंधान सचिव डॉ. राजीव बहल, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य सचिव कृष्णा एस वत्स, सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू और गृह सचिव गोविंद मोहन सहित अन्य मंत्रालयों के अधिकारी उपस्थित थे।
जारी बयान के अनुसार, स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं… 12 अगस्त, 2024 को, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) ने भारत के लिए संभावित खतरे का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों की एक बैठक बुलाई। NCDC द्वारा पहले जारी की गई मंकीपॉक्स पर संक्रामक रोग अलर्ट को नए घटनाक्रमों को शामिल करने के लिए अपडेट किया जा रहा है। देश में आने वाले मुख्य रास्तों, यानी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर तैनात मेडिकल स्टाफ को जागरूक करने और तैयार करने की कोशिशें की गई हैं।
शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की थी, जिसमें बंदर चेचक की स्थिति और देश की तैयारियों का आकलन किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अफ्रीका सीडीसी ने इस हफ्ते मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है।एक दिन पहले यानी शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी स्वास्थ्य अधिकारियों संग एक मीटिंग की थी। पीएम मोदी के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा ने एमपॉक्स को लेकर की गई मीटिंग के बारे में बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के पहले के एक बयान के अनुसार, साल 2022 से अब तक 116 देशों में कुल 99,176 मामले और 208 मौतें मंकीपॉक्स के कारण हुई हैं। मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई थी, और इस साल अब तक के मामलों की संख्या पिछले साल के कुल मामलों से भी ज्यादा हो गई है। अब तक 15,600 से ज्यादा मामले और 537 मौतें हो चुकी हैं।यह बीमारी अफ्रीका के 13 देशों में फैल गई है, जिनमें से चार नए देश हैं। बयान में कहा गया है कि वर्ष 2022 में WHO द्वारा अंतरराष्ट्रीय चिंता के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किए जाने के बाद से भारत में 30 मामले सामने आए थे। बंदर चेचक का आखिरी मामला मार्च 2024 में पाया गया था। भारत में अभी तक बंदर चेचक के कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।