आज हम आपको बताएंगे कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण में क्या-क्या हुआ है! दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनावी महाकुंभ का विधिवत शंखनाद हो गया है। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले फेज में शुक्रवार को 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर जमकर वोटिंग हुई। चुनाव आयोग के मुताबिक, देशभर में रात 9 बजे तक 62.37 फीसदी मतदान हुआ। इस दौरान मणिपुर में भारी हिंसा की सूचना मिली है। पश्चिम बंगाल में भी हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाएं सामने आईं। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में एक पोलिंग बूथ पर लाठी-डंडे चले। कांग्रेस-बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प हुई। इसमें कुछ लोग घायल भी हुए। हालांकि, जल्द पुलिस प्रशासन ने स्थिति को संभाला। वहीं छत्तीसगढ़ में एक ग्रेनेड लॉन्चर के गोले में दुर्घटनावश ब्लास्ट होने से सीआरपीएफ के एक जवान की मौत हो गई। चुनाव के दौरान कुछ और जगहों से भी छुटपुट घटनाओं की सूचना आई। फिलहाल पहले दौर की वोटिंग संपन्न हो चुकी है। ECI की ओर से रात 9 बजे तक जारी आंकड़ों में 62.37 फीसदी मतदान हुआ। ये साल 2019 लोकसभा चुनाव के आंकड़ों से कुछ कम ही रहा। लोकसभा चुनाव में पहले फेज के लिए मतदान सुबह सात बजे आरंभ हुआ और शाम छह बजे तक चला। चुनाव आयोग के मुताबिक, शाम 7 बजे तक 60.03 फीसदी वोटिंग हुई। जिन बूथ पर 6 बजे के बाद भी वोटर्स की लाइन लगी थी वहां तय वक्त से आगे भी वोटिंग को जारी रही। इससे संभावना जताई जा रही कि वोटिंग पर्सेंट में आगे कुछ बदलाव आ सकता है। वहीं अलग-अलग राज्यों में शुक्रवार शाम 6 बजे तक के वोटिंग पर्सेंट देखें तो पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा वोटिंग दर्ज की गई। यहां 77.57 फीसदी मतदान हुआ। दूसरे नंबर त्रिपुरा रहा, जहां 76.10 फीसदी वोटिंग हुई। मेघालय में 69.91 फीसदी, मध्य प्रदेश में 63.25, तमिलनाडु में 62.08, यूपी में 57.54 फीसदी, बिहार में 46.32 फीसदी मतदान हुआ। महाराष्ट्र में 54.85, उत्तराखंड में 53.56, जम्मू-कश्मीर में 65.08, राजस्थान में 50.27, छत्तीसगढ़ में 63.41, असम में 70.77 फीसदी वोटिंग हुई। अरुणाचल में 64.07, नगालैंड 56.18, मिजोरम में 53.96, सिक्किम 68.06 फीसदी, मणिपुर 68.62 फीसदी, अंडमान निकोबार में 56.87, लक्षद्वीप में 59.02, पुडुचेरी में 72.84 फीसदी मतदान हुआ।
2024 के चुनावी रण में पहले फेज की वोटिंग के दौरान युवा मतदाताओं में खासा उत्साह देखने को मिला। मतदान केंद्रों पर पहली बार मतदान करने वालों में विवाह परिधान में आए कई नवविवाहित जोड़े नजर आए। वहीं दिव्यांग लोग और स्ट्रेचर, व्हीलचेयर पर आए कुछ बुजुर्ग शामिल अपने मताधिकार के इस्तेमाल को लेकर एक्टिव नजर आए। पहले चरण में 102 सीटों पर मतदान हुआ। इसके साथ ही 8 केंद्रीय मंत्रियों, विपक्ष के कई बड़े नेताओं की किस्मत का फैसला वोटिंग मशीन में कैद हो गया। इन 102 सीटों पर कुल 1,625 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे।
चुनाव के दौरान कुछ जगहों पर हिंसा की शिकायतें आईं। सबसे ज्यादा हिंसा की सूचना मणिपुर से आई। इनर मणिपुर लोकसभा सीट के तहत आने वाले थोंगजु विधानसभा क्षेत्र में स्थानीयों और अज्ञात लोगों के बीच झड़प की खबरें आईं। मणिपुर में कुछ जगहों पर ईवीएम को नुकसान पहुंचाए जाने की भी खबरें आईं। उधर पूर्वी नगालैंड के छह जिलों में सन्नाटा पसरा रहा। यहां अलग राज्य की मांग को लेकर आदिवासी संगठनों के एक संघ ने अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया। इसके कारण लोग घरों में ही रहे।
नगालैंड के छह पूर्वी जिलों में मतदान कर्मी वोटिंग सेंटर्स पर नौ घंटे तक इंतजार करते रहे, लेकिन कोई वोटर नहीं आया। ‘फ्रंटियर नगालैंड टेरिटरी’ (एफएनटी) की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए एक संगठन की ओर से बुलाए गए बंद के बाद क्षेत्र के चार लाख मतदाताओं में से कोई भी वोटिंग करने नहीं आया। मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की कि राज्य सरकार को ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) की एफएनटी की मांग से कोई दिक्कत नहीं है। वह पहले ही इस क्षेत्र के लिए स्वायत्त शक्तियों की सिफारिश कर चुकी है। ईएनपीओ पूर्वी क्षेत्र के सात जनजातीय संगठनों की शीर्ष संस्था है। अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन और अन्य आपातकालीन सेवाओं से जुड़े लोगों और गाड़ियों को छोड़कर सड़कों पर किसी भी व्यक्ति या वाहन की कोई आवाजाही नहीं दिखी। नगालैंड के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी आवा लोरिंग ने बताया कि 20 विधानसभा क्षेत्रों वाले इस क्षेत्र के 738 मतदान केंद्रों पर मतदान कर्मी सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक मौजूद रहे। सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि इन नौ घंटों में कोई भी वोट डालने नहीं आया। बीस विधायकों ने भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया। नगालैंड के 13.25 लाख मतदाताओं में से पूर्वी नगालैंड के छह जिलों में 4,00,632 मतदाता हैं।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर वोटिंग हुई। इस दौरान रामपुर में सपा प्रत्याशी मोहिबुल्लाह नदवी की पुलिस से तीखी नोकझोंक हो गई। वहीं, मुरादाबाद के सपा सांसद एसटी हसन ने पुलिस पर अभद्रता का आरोप लगाया है। रामपुर से सपा उम्मीदवार मोहिबुल्लाह नदवी ने पुलिस-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि खास वर्ग के मतदाताओं को पुलिस परेशान कर रही है। पूरे जिले से शिकायतें आई है। उनका यह वीडियो वायरल हो रहा है। मुरादाबाद से सपा सांसद डॉक्टर एसटी हसन ने एक सब इंस्पेक्टर पर बड़ा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि दरोगा ने ऑफिस में घुसकर उनके और स्टाफ से बदसलूकी की। एसटी हसन ने कहा कि मामले की शिकायत चुनाव आयोग और पुलिस-प्रशासन से की जाएगी।