आज हम आपको मार्गदर्शक मंडल वाला विवाद के बारे में बताने जा रहे हैं !एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद गुरुवार को अचानक पीएम नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस तरह के ट्वीट आने लगे कि पीएम मोदी और राजनाथ सिंह को बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल में भेज दिया गया है। विपक्षी दल कांग्रेस की केरल यूनिट में इस संबंध में ट्वीट किया। केरल कांग्रेस ने बीजेपी वेबसाइट का हवाला देते हुए दोनों नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में भेजे जाने की बात कही। केरल कांग्रेस ने एक्स पर ट्वीट में लिखा कि भाजपा की वेबसाइट के अनुसार मोदी और राजनाथ सिंह आधिकारिक तौर पर मार्गदर्शक मंडल में शामिल हो गए हैं। सीएएस एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, सीएनएस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और अन्य अधिकारियों के साथ 100-दिवसीय योजना बैठक की।क्या यह संकेत है कि फ्लोर टेस्ट विफल होने जा रहा है और क्या यह आपदा के बाद पेज का ड्राई रन है? इसके बाद कई लोगों ने इस संबंध में ट्वीट किए। इसके बाद कई लोगों ने पीएम मोदी का मार्गदर्शक मंडल में स्वागत किया। वहीं, कुछ लोगों ने सवाल उठाए कि क्या पीएम मोदी अब अपने पद से इस्तीफा देंगे। वहीं, कुछ लोग सरकार के चलने पर भी सवाल उठाने लगे।
कांग्रेस और अन्य लोगों की तरफ से मोदी और राजनाथ सिंह के मार्गदर्शक मंडल में शामिल किए जाने को लेकर सफाई आई। पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट कर इस बारे में स्थिति स्पष्ट की। पूनावाला ने ट्वीट में कहा कि हकीकत यह है कि दोनों नेता साल 2014 से ही मार्गदर्शक मंडल का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि साल 2014 में अटल बिहारी वाजपेयी, नरेंद्र मोदी, लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और राजनाथ सिंह को मार्गदर्शक मंडल का सदस्य बनाया गया था। शहजाद ने कहा कि भाजपा का प्रेस नोट उसी वेबसाइट पर है, लेकिन गालीबाज- कांग्रेस फर्जी खबरों की फैक्ट्री बन गई है। फर्जी वीडियो से लेकर सरासर झूठ तक! इस बात के फैक्ट चेक की उम्मीद मत कीजिए।
इससे पहले राजनाथ सिंह ने गुरुवार को रक्षा मंत्रालय में पदभार संभाला। पद संभालने के बाद राजनाथ ने ट्वीट में लिखा, मैंने आज रक्षा मंत्रालय का कार्यभार पुनः संभाल लिया है। रक्षा मंत्रालय आत्मनिर्भरता की दिशा में काम करना जारी रखेगा। हमारे सशस्त्र बल भारत की बाह्य सुरक्षा को बनाए रखने में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रेरक नेतृत्व में रक्षा मंत्रालय घरेलू रक्षा विनिर्माण को और मजबूत करेगा। साथ ही निर्यात को अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक ले जाएगा। यही नहीं पिछले 10 वर्ष में मोदी सरकार ने पेपर लीक और धांधली से करोड़ों युवाओं का भविष्य बर्बाद किया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सवाल किया कि पहले सैकड़ों छात्रों को कृपांक क्यों दिए गए? उन्होंने एक बयान में आरोप लगाया कि ”एक तिहाई प्रधानमंत्री” की सरकार नीट से जुड़े विवाद और इसमें स्पष्ट रूप से हुए घोटाले से बचने की पूरी कोशिश कर रही है।कांग्रेस सांसद ने कहा कि कांग्रेस इस मामले में सीबीआई जांच चाहती है। यदि सरकार सीबीआई जांच के लिए तैयार नहीं है तो हम उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग करते हैं…एनटीए के प्रमुख को हटाया जाए। गोगोई ने दावा किया, ”हमने अलग-अलग रिकॉर्डिंग सुनी है कि कैसे लाखों रुपये मांगे जा रहे हैं। एक ही सेंटर में बच्चों को एक जैसे नंबर मिल रहे हैं।उन्होंने दावा किया कि ऐसा होना एक बेहद घटिया स्थिति को दर्शाता है तथा यहां एनटीए और एनसीईआरटी दोनों की भूमिका चिंताजनक है। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस मामले पर चर्चा से भाग रहे हैं। गोगोई ने कहा, ”जिस एनटीए के नेतृत्व में यह पूरा घोटाला हुआ, आप उसी एजेंसी से मामले में जांच करने की बात कह रहे हैं। ऐसे में निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जा सकती है?” उन्होंने कहा, ”परीक्षा केंद्र और कोचिंग सेंटर का एक गठजोड़ बन चुका है, जिसने आज हमारे मध्यम-गरीब वर्ग को हिला कर रख दिया है। रमेश का कहना था, ”सरकार ने उच्चतम न्यायालय को आश्वासन दिया है कि 1563 छात्रों को दिए गए कृपांक रद्द कर दिए जाएंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद सीडीएस जनरल अनिल चौहान, सीओएएस जनरल मनोज पांडे, सीएएस एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, सीएनएस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और अन्य अधिकारियों के साथ 100-दिवसीय योजना बैठक की।