आज हम आपको कोलकाता रेप और मर्डर केस का नया अपडेट बताने जा रहे हैं! जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक ऐसा हत्याकांड देखने को मिला जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया! दिल्ली में एक समय निर्भया कांड बहुत चर्चित हुआ था, इसी तरह कोलकाता में भी एक और निर्भया कांड देखने को मिला, जब एक ट्रेनिंग डॉक्टर को आधी रात में रेप का सामना करना पड़ा और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई… आज हम आपको उस पूरी घटना के बारे में शुरू से लेकर अंत तक जानकारी देने वाले हैं!
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज में 31 साल की महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ 8, 9 अगस्त की रात एक दरिंदगी हुई थी… देश की आजादी का पर्व चल रहा है, 78 वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है .. लेकिन इससे चंद दिन पहले हुए इस जघन्य अपराध ने पूरे देश को एक बार फिर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है…. अफसोस की बात यह है कि इस घटना के अगले दिन जब मां-बाप को बच्ची के बारे में सूचना दी गई, तो उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या की है… वह दौड़कर मेडिकल कॉलेज गए, तीन से चार घंटे तक उन्हें उनकी बेटी के पास जाने नहीं दिया गया!
जब वह उसके पास पहुंचे तो उन्हें अपनी बेटी आधे कपड़ों में और शरीर पर गहरी चोट के निशान के साथ मिली… कोलकाता पुलिस ने इसके बाद चार्ज लिया… जांच शुरू हुई, बलात्कार की पुष्टि हो गई… सुसाइड का झूठा नॉरेटिव उस समय ध्वस्त हो गया… पोस्टमार्टम रिपोर्ट के खुलासे ने हैवानियत की पूरी कहानी सामने रख दी, बात खबरों के माध्यम से पूरे देश के सामने आई, हर बार की तरह खूब हंगामा हुआ और मामला सीबीआई को सौंप दिया गया…
लेकिन सवाल यह कि आखिर यह सब कैसे हुआ? कब हुआ? आरोपी कैसे उस जगह पहुंच गया जहां ट्रेनिंग डॉक्टर मौजूद थी और क्यों किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी? यह सभी जांच का विषय है…. लेकिन अब तक मिली जानकारी के अनुसार जब पीड़िता के मां-बाप को सूचना मिली तो उन्हें तीन से चार घंटे तक उनकी बेटी से नहीं मिलने दिया गया था… उसकी हत्या से कुछ घंटे पहले रात 11:30 बजे पीड़िता की उनके मां-बाप से बात हुई थी और वह हमेशा की तरह अच्छे से बात कर रही थी, कोई दिक्कत या परेशानी का अंदेशा नहीं था…. इसी बीच मां-बाप ने कहा कि अगले दिन सुबह 11:00 अस्पताल के सहायक अधीक्षक ने उन्हें बताया कि उनकी बेटी की तबीयत खराब है… उसके करीब आधे घंटे बाद उसी सहायक अधीक्षक ने उन्हें बताया कि उनकी बेटी ने अस्पताल परिसर में आत्महत्या कर ली है… अदालत को बताया गया था कि वो तुरंत अस्पताल पहुंच गए थे और उन्हें उनकी बेटी का शव देखने की अनुमति नहीं दी गई… लेकिन जब मुख्यमंत्री ने मामले में हस्तक्षेप किया, तो उन्हें उनकी बेटी के पास जाने दिया गया… बता दे कि पीड़िता के माता-पिता उस स्थिति के बारे में बताते हैं जब पहली बार बेटी के शव के पास गए थे, उन्होंने कहा कि उसके शरीर पर खून बहने के निशान थे और शरीर के निचले हिस्से पर कोई कपड़ा नहीं था…. उसके साथ इतनी दरिंदगी हुई थी कि यह माना जाए कि ये किसी एक शख्स का काम नहीं था, बल्कि ज्यादा लोग उसमें शामिल थे… पीड़िता की मां ने अस्पताल परिसर में बयान दिया था और कहा कि मैं उनके पैरों पर गिर पड़ी और उनसे विनती करने लगी कि मुझे मेरी बेटी से मिलने दो… एक बार उसे देख लेने दो, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, कोई नहीं समझता कि मैं किसी दौर से गुजरी थी… उन्होंने हमें दोपहर 2:00 बजे उसे देखने दिया, हालांकि लड़की के माता-पिता को इंतजार करने की बात को राज्य सरकार ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है…. बता दे कि राज्य सरकार के वकील ने कहा कि मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पुलिस चौकी को शुक्रवार सुबह 10:10 पर घटना की सूचना मिली थी… सुबह 10:30 बजे स्थानीय पुलिस वहां पर पहुंच गई, और जैसे ही वहां पहुंची वहां पर 150 से ज्यादा लोग जमा हो चुके थे… इसके बाद कई बड़े अधिकारी अस्पताल पहुंचे… राज्य सरकार ने कहा कि लोगों के जमा होने और प्रदर्शन के कारण पीड़िता के शव को सेमिनार हॉल से बाहर नहीं ले जाया गया और एक डॉक्टर ने ही सेमिनार हॉल में शव की जांच की… बाद में रैपिड एक्शन फोर्स को बुलाना पड़ा और शाम करीब 6:15 से 7:15 के बीच पोस्टमार्टम किया गया… हालांकि, अब मामला सीबीआई के हाथ में है और आरोपी भी गिरफ्तार हो चुका है ,लेकिन जांच अभी बाकी है!