यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या कांग्रेस और आम आदमी पार्टी हरियाणा में गठबंधन करेंगे या नहीं! हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी कोई कोर-कसर छोड़ने के मूड में नहीं दिख रही। उनकी पूरी कोशिश यही है कि किसी भी तरह बीजेपी को राज्य में जीत की हैट्रिक बनाने से रोका जा सके। इसके लिए पार्टी ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की राह भी टटोलना शुरू किया। दोनों ही पार्टियों के बीच बातचीत के कई राउंड हुए। राघव चड्ढा से लेकर AAP के दिग्गज नेताओं और हरियाणा कांग्रेस के प्रभारियों की मीटिंग हुई। हालांकि, अब ऐसा लग रहा कि आप-कांग्रेस में गठबंधन की बात कहीं अटक गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस के भीतर से ही गठबंधन के खिलाफ आवाजें मुखर होने लगीं। पार्टी नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कह दिया कि हम AAP के बिना भी सक्षम हैं, हालांकि, गठबंधन पर आलाकमान फैसला लेगा। उधर कांग्रेस नेताओं के बदले तेवर को देखते हुए आप ने भी नई प्लानिंग शुरू कर दी है। ऐसे में सवाल ये कि क्या हरियाणा में दोनों पार्टियों का गठबंधन बनने से पहले ही टूट गया है? कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं की ओर से आ रहे बयानों को देखें तो ऐसा ही लग रहा। चर्चा तो ये है कि कांग्रेस देर रात तक उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है। जानकारी के मुताबिक, 71 कैंडिडेट्स के नाम फाइनल हो चुके हैं, बस ऐलान होना बाकी है। जहां तक मेरी निजी राय है, हरियाणा में कांग्रेस को गठबंधन की जरुरत नहीं है। कांग्रेस की लोकप्रियता चरम पर है। आप कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकती। आप को हरियाणा में क्यों घुसने दिया जाना चाहिए।उधर कांग्रेस के बदले रुख को समझते हुए अब आम आदमी पार्टी ने भी आगे की प्लानिंग शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, आप हरियाणा में 50 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस और बीजेपी के कई नाराज नेता आप नेतृत्व के संपर्क में हैं। ऐसी चर्चा है कि आम आदमी पार्टी उन्हें चुनावी रण में उतार सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, आप और कांग्रेस में गठबंधन बनने से पहले ही बातचीत अटक गई। ऐसे में आम आदमी पार्टी भी रविवार तक उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है। इससे पहले कांग्रेस नेतृत्व और राहुल गांधी ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर चर्चा का जिक्र किया था। हालांकि, हरियाणा कांग्रेस के कई नेता इस गठबंधन के सपोर्ट में नजर नहीं आ रहे थे। एक दिन पहले ही कांग्रेस नेता कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी का कोई आधार नहीं है। मुझे लगता है कि हम उन्हें वहां क्यों जगह दें?
कैप्टन अजय सिंह यादव ने ये भी जोड़ा कि अगर कोई मजबूरी है, तो यह आलाकमान को तय करना है कि वे अन्य राज्यों में भी उनके साथ समझौता करना चाहते हैं या नहीं। मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और सोनिया गांधी ही तय करेंगे कि हमें गठबंधन करना चाहिए या नहीं। जहां तक मेरी निजी राय है, हरियाणा में कांग्रेस को गठबंधन की जरुरत नहीं है। कांग्रेस की लोकप्रियता चरम पर है। आप कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकती। आप को हरियाणा में क्यों घुसने दिया जाना चाहिए।
रोहतक से सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने भी गुरुवार को बताया था कि प्रक्रिया चल रही है और पार्टी प्रणाली एक-एक कदम आगे बढ़ रही है। जनता ने मन बना लिया है कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी। मनोहर लाल खट्टर और बीजेपी के वरिष्ठ नेता इस बात को जानते हैं।बता दें कि कांग्रेस नेताओं के बदले तेवर को देखते हुए आप ने भी नई प्लानिंग शुरू कर दी है। ऐसे में सवाल ये कि क्या हरियाणा में दोनों पार्टियों का गठबंधन बनने से पहले ही टूट गया है? कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं की ओर से आ रहे बयानों को देखें तो ऐसा ही लग रहा। आप और कांग्रेस में गठबंधन बनने से पहले ही बातचीत अटक गई। ऐसे में आम आदमी पार्टी भी रविवार तक उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है। इससे पहले कांग्रेस नेतृत्व और राहुल गांधी ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर चर्चा का जिक्र किया था।बता दें हरियाणा की 90 विधानसभा सीट पर 5 अक्टूबर को मतदान होगा और वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी।