वर्तमान समय में कई फिल्मों का बायकाट किया जा रहा है! पिछले कुछ समय से बॉलीवुड हो या हॉलीवुड या फिर साउथ। हर किसी की अधिकतर फिल्मों के बारे में आप सुनते हैं कि ये फलां फिल्म का सीक्वल है, ये प्रीक्वल है, ये फ्रैंचाइजी है और ये क्रॉसओवर है या कुछ और। आखिर इन फिल्मों को ये सब नाम किस आधार पर दिए जाते हैं? आइए समझते हैं, साउथ सिनेमा की ‘केजीएफ 2’ हो या बॉलिवुड की ‘भूल भुलैया 2’, फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’, हॉलिवुड की ‘डॉक्टर स्ट्रेंज 2’ से लेकर ‘थॉर 4’ तक सबने बॉक्स ऑफिस पर कमाल किया। जबकि टाइगर श्रॉफ की ईद पर रिलीज हुई फिल्म ‘हीरोपंती 2’ फ्लॉप हो गई। वहीं इस हफ्ते बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ‘एक विलन’ की सीक्वल ‘एक विलन रिटर्न्स’ रिलीज चुकी है। ये सब फिल्में अलग-अलग स्टार्स की हैं और इन्हें अलग-अलग निर्माताओं ने बनाया है। लेकिन इनमें एक चीज कॉमन है कि ये सब किसी पुरानी हिट फिल्म का अगला भाग हैं या फिर कम से कम अपने नाम से तो ऐसी ही लगती हैं। लेकिन इनमें से किसी को पिछली फिल्म का सीक्वल कहा जा रहा है, तो किसी को फ्रैंचाइजी, तो किसी को ट्रिलॉजी, तो किसी को मूवी यूनिवर्स का हिस्सा। आखिर क्या है वह गणित जिसके तहत तय होता है कि फिल्मों के नाम आगे भले ही 2, 3, 4 नंबर बढ़ते जाते हैं, लेकिन वे अपनी पहली फिल्म की सीक्वल, फ्रैंचाइजी, ट्रिलॉजी, मूवी यूनिवर्स या रीमेक कहलाती हैं।
फ़िल्मों का संसार
किसी फिल्म के हिट होने पर उसका अगला भाग बनाने का ट्रेंड बॉलिवुड में काफी पुराना है। लेकिन अब एक हिट फिल्म का अगला भाग बनाने के अलावा उसमें से महत्वपूर्ण साइड प्लॉट लेकर दूसरी फिल्में भी बनाने का नया ट्रेंड है। ऐसी फिल्मों की सीरीज को मूवी यूनिवर्स कहा जाता है। इसमें कई फिल्मों के किरदार एक फिल्म में आकर मिलते हैं। हॉलिवुड में मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स (MCU) की फिल्मों के तहत एवेंजर्स सीरीज की फिल्मों का ट्रेंड काफी पुराना है। लेकिन बॉलिवुड में इसकी शुरुआत जाने-माने डायरेक्टर रोहित शेट्टी ने अपनी अजय देवगन की ‘सिंघम’ सीरीज से की। ‘सिंघम’ के बाद उन्होंने उससे जुड़ा साइड प्लॉट लेकर रणवीर सिंह के साथ ‘सिंबा’ बनाई। वहीं ‘सिंबा’ के आखिर में ‘सूर्यवंशी’ का इशारा देने के लिए अक्षय कुमार को पर्दे पर दिखाया। ‘सूर्यवंशी’ में अजय, रणवीर और अक्षय तीनों मिलकर विलन का बैंड बजाते दिखते हैं। इसे रोहित शेट्टी का पुलिस मूवी यूनिवर्स कहा जा रहा है। वहीं आदित्य चोपड़ा भी अपनी टाइगर सीरीज से स्पाई यूनिवर्स यानी जासूसों का यूनिवर्स बनाने की शुरुआत कर दी है। खबर है कि आने वाले दिनों में शाहरुख खान की पठान में सलमान खान बतौर टाइगर दिखेंगे, तो टाइगर में शाहरुख बतौर पठान दिखेंगे। जबकि ‘वॉर 2’ में शाहरुख, सलमान और रितिक तीनों भारतीय खुफिया एजेंट के तौर पर दिखेंगे। यह होगा स्पाई यूनिवर्स।
जब किसी सुपरहिट फिल्म के किरदार इतने फेमस हो जाएं कि उनको लेकर अलग से फिल्में बनने लगें, तो उन फिल्मों को क्रॉसओवर कहा जाता है। इनमें दो अलग-अलग फिल्मों के किरदार किसी तीसरी फिल्म में मिलते हैं। मसलन मार्वल की ‘एवेंजर्स’ और ‘गार्जियंस ऑफ गैलेक्सी’ फिल्मों के किरदार फिल्म एवेंजर्स एंडगेम में एक-दूसरे से मिलते हैं। इसी तरह रोहित शेट्टी के पुलिस यूनिवर्स के किरदार सूर्यवंशी में एक साथ आकर मिलते हैं। वैसे क्रॉसओवर को मूवी यूनिवर्स का ही एक हिस्सा कहा जा सकता है।
किसी सुपरहिट फिल्म की अगर दो से ज्यादा सीक्वल बन जाएं, तो फिर उसे फ्रैंचाइजी या सीरीज कहा जाता है, लेकिन इसमें कम से कम तीन फिल्में होनी चाहिए। मसलन ‘कृष’ सीरीज की ‘कोई मिल गया’, ‘कृष’, ‘कृष 3’ और ‘कृष 4’ या फिर हाउसफुल सीरीज की ‘हाउसफुल’ 1,2,3 और 4 व गोलमाल सीरीज की ‘गोलमाल’ 1, 2, 3 और 4 ये सब फ्रैंचाइजी फिल्में ही हैं। वैसे देखा जाए, तो फिल्मों के तमाम प्रकार फ्रैंचाइजी के तहत ही आते हैं। जी हां, फिल्मों के तमाम प्रकार सीक्वल, प्रीक्वल, क्रॉसओवर, स्पिनऑफ और रीबूट सब फ्रैंचाइजी के तहत ही आते हैं। फिल्मों के इन सब प्रकार के तहत फ्रैंचाइजी आगे बढ़ती है।
आमतौर किसी फिल्म के अगले भाग को उसका सीक्वल कहा जाता है। इसमें अगली फिल्म की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां पहली फिल्म की कहानी खत्म हुई थी। दोनों ही फिल्मों के कलाकार भी एक ही होते हैं। क्योंकि दोनों फिल्मों की रिलीज में वक्त होता है। इसलिए दूसरी फिल्म की शुरुआत में उसके पहले भाग से जुड़े कुछ दृश्य दिखाए जाते हैं, ताकि दर्शकों को पिछली फिल्म की कहानी याद आ जाए और उसे वे फिल्म के दूसरे भाग से जोड़ सकें। साथ ही पहली फिल्म को ऐसे दिलचस्प मोड़ पर खत्म किया जाता है कि दर्शकों को उसके अगले भाग का इंतजार रहता है। मसलन प्रभास की सुपरहिट फिल्म ‘बाहुबली’ की सीक्वल ‘बाहुबली 2’ थी। ‘बाहुबली’ की रिलीज के बाद दर्शकों को यह जानने का इंतजार था कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा? इन फिल्मों की कहानी आपस में पूरी तरह जुड़ी होती है और पूरी तरह कहानी को समझने के लिए दोनों फिल्मों को देखना जरूरी होता है। इसलिए दूसरी फिल्म को पहली फिल्म की डायरेक्ट सीक्वल कहा जाता है।
लेकिन ऐसा बहुत कम फिल्मों में होता है, जब यह पहले से तय होता है कि फलां फिल्म का अगला भाग भी आएगा। वरना आजकल बॉलीवुड में किसी फिल्म के हिट हो जाने पर उसका अगला भाग बनाने का ट्रेंड काफी तेजी से बढ़ा है। दरअसल, इसके पीछे पिछली फिल्म के नाम को भुनाने की चाहत होती है। इस चक्कर में निर्माता न सिर्फ हाल फिलहाल में बनी फिल्मों बल्कि काफी अरसे पहले बनी सुपरहिट फिल्मों के सीक्वल भी बना रहे हैं, जिनमें कि फिल्म की कहानी से लेकर कलाकार तक काफी कुछ बदल जाता है। दरअसल, जब यह पहले से तय नहीं होता कि फलां फिल्म का सीक्वल बनेगा, तो अगली फिल्म के लिए स्क्रिप्ट तैयार करने से लेकर कलाकारों की डेट्स जुटाने तक में काफी दिक्कतें आती हैं। ऐसे में, अगर सीक्वल फिल्म कहानी और कलाकार पहली फिल्म से मैच नहीं करते, तो ऐसी फिल्मों को पिछली फिल्म की लीगेसी सीक्वल से लेकर स्पिरिचुअल सीक्वल और स्टैंडअलोन सीक्वल तक कहा जाता है। इस तरह दर्शकों को पिछली हिट फिल्म के नाम पर लुभाने की कोशिश की जाती है।
किसे कहते हैं ट्रिलॉजी
अमूमन बॉलिवुड में किसी फिल्म का पहले से सीक्वल यानी कि अगला भाग घोषित करने का ही ट्रेंड नहीं है। दरअसल, निर्माता पहले इस बात का इंतजार करता है कि उसकी फिल्म को दर्शकों का कैसा रिस्पॉन्स मिलेगा। अगर फिल्म हिट रहती है, तो वह फिल्म का अगला भाग बनाने की संभावना तलाशता है। लेकिन अगर उसे लगता है कि उसकी फिल्म नहीं चली, तो वह उस प्रोजेक्ट को छोड़ दूसरी फिल्म बनाता है। लेकिन अगर किसी निर्माता को अपनी सीरीज पर पहले से ही इतना विश्वास हो कि वह पहली फिल्म की रिलीज से पहले ही घोषणा कर दे कि वह तीन फिल्मों की सीरीज बनाएगा, तो उसे ट्रिलॉजी कहते हैं। मसलन करण जौहर अपनी रणबीर कपूर स्टारर फिल्म ब्रह्मास्त्र की ट्रिलॉजी बना रहे हैं। वहीं डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री अपनी फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ की ट्रिलॉजी के तहत दूसरी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ बना चुके हैं और इस ट्रिलॉजी की अगली फिल्म द दिल्ली फाइल्स के प्री प्रॉडक्शन में जुटे हैं।