Thursday, May 16, 2024
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वजन घटाने के लिए ड्राई फास्टिंग का ना करें उपयोग हो सकते हैं, साइड इफैक्ट्स

इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में और बदलते हुए लाइफस्टाइल में बेहद जरूरी है खुद को स्वस्थ रखना। ऐसे में बेहद ही जरूरी है कि शरीर में कोई बीमारी ना हो तो बहुत ही अच्छा है जिसके लिए लोग फिटनेस के प्रति खूब जागरूक हो रहे हैं। वह अपनी फिटनेस का ध्यान रखते हैं। जिम जाते हैं योगा करते हैं तरह तरह की डाइटिंग सभी यूज करते हैं। ऐसे में फास्टिंग फिटनेस को बनाए रखने का एक कॉमन तरीका बन गया है। सभी लोग फास्टिंग करना ज्यादा अच्छा मान रहे हैं। इन सबके बीच ड्राई फास्टिंग भी काफी प्रचलन में है। आइए जानते हैं क्या है ड्राई फास्टिंग।

वजन घटाने के लिए इन दिनों फास्टिंग करना बेहद ही आसान तरीका है और काफी लोग इसका इस्तेमाल भी करते हैं। आपको बता दें कि बीते दिनों इंटरमीटेंट फास्टिंग ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। परंतु क्या आपने कभी ड्राई फास्टिंग के बारे में सुना है।

क्या है ड्राई फास्टिंग?

ड्राई फास्टिंग वजन घटाने के लिए भी एक तरह की फास्टिंग ही है। ड्राई फास्टिंग फास्टिंग का एक एक्सट्रीम वर्जन है जिसने भोजन के साथ-साथ पानी का सेवन बंद करना होता है खाने की इस तरीके से वजन घटाने में, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने का दावा किया जाता है। ड्राई फास्टिंग को इंटरमिटेंट फास्टिंग, अल्टरनेट दिन 1 दिन छोड़कर उपवास इट स्टॉप इट पीरियोडिक फास्ट के साथ आसानी से किया जा सकता है। ड्राई फास्टिंग में आपको उपवास के स्टेप्स में कोई भी फूड्स या लिक्विड लेने से पूरी तरह से दूर रहना होता है इस तरह का उपवास काफी एक्सट्रीम और खतरनाक माना जाता है। हालांकि इसे करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे कई तरह के साइड इफेक्ट हो सकते हैं।

कितने तरह की होती है ड्राई फास्टिंग-

ड्राई फास्टिंग में आपको कोई भी फूड या लिक्विड लेने से दूर रखा जाता है। ड्राई फास्टिंग कई तरह की होती हैं। परंतु आमतौर पर ड्राई फास्टिंग दो तरह की होती है सॉफ्ट ड्राइव फास्ट और हार्ड ड्राइव फास्ट।

सॉफ्ट ड्राई फास्ट-

सॉफ्ट ड्राई फास्ट एक ऐसी विधि है जिसमें कोई व्यक्ति ब्रश कर सकता है। सॉफ्ट ड्राइव फास्ट में डाइटर्स को अपने दांतों को ब्रश करने शावर लेने और अपने चेहरे धोने के लिए पानी का इस्तेमाल करने की अनुमति होती है।

हार्ड ड्राइ फास्ट-

हार्ड ड्राइव फास्ट है जहां आप किसी भी तरह से पानी के संपर्क में नहीं आते हैं। इस प्रकार की फास्ट में डाटा उसको पानी के संपर्क में आने की बिल्कुल भी अनुमति नहीं होती है। यह पूरी तरह से अनुपस्थित रहेगा। इस अवस्था में शरीर भोजन या पानी से वंचित हो जाता है और वह सेलुलर स्तर पर ऊर्जा पैदा करने के लिए उपलब्ध हर चीज का उपयोग करना शुरू कर देता है। इस प्रकार का तीव्र उपवास आम तौर पर शरीर को परेशानी में डाल देता है और शरीर अधिक पानी की तलाश में अधिक तनावग्रस्त हो जाता है।

कैसे काम करती है यह फास्टिंग-

ड्राई फास्टिंग के दौरान जब शरीर को पानी नहीं मिलता है तो वो एनर्जी पैदा करने के लिए फैट बर्न करना शुरू कर देती है। शरीर में पानी की कमी इस पर जोर देती है और यह इंटरनल सिस्टम को चालू रखने के लिए मौजूद एनर्जी के हर स्त्रोत का इस्तेमाल करना शुरू कर देती है। ड्राई फास्टिंग डैमेज सेल्स को हटाकर इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद करती है। जिससे शरीर में नए सेलस को उत्पन्न कर सकता है। इसके अलावा बार-बार फास्टिंग सूजन को कम कर सकता है और हेल्दी स्किन को बढ़ावा दे सकता है।

क्या है ड्राई फास्टिंग और इंटरमिटेंट फास्टिंग में अंतर

ड्राई फास्टिंग के दौरान आप खाने पीने की कोई भी चीजों से पूरी तरह से दूर रहना होता है। जो आपके शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है। इस तरह के फास्टिंग को काफी खतरनाक माना जाता है। लेकिन कुछ विशेषज्ञ से इस तरह की फास्टिंग को कई हल्दी बेनिफिट्स के साथ भी जोड़ते हैं। वहीं दूसरी और इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान आप जीरो कैलरी वाले लिक्विड ड्रिंक्स को डाइट में शामिल करते हैं। जैसे कि पानी डायल्यूट किया एप्पल, साइडर विनेगर, बिना शक्कर की कॉफी और दूध इन सभी चीजों को फास्टिंग के दौरान किया जा सकता है। आइए जानते हैं ड्राई फास्टिंग के क्या है साइड इफैक्ट्स-

ड्राई फास्टिंग के साइड इफेक्ट्स-

लंबे समय तक फास्टिंग की स्थिति में रहने से भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं अगर आप लंबे समय तक फास्ट रखते हैं तो इसके बेहद ही खतरनाक परिणाम भी हो सकते हैं।

ड्राई फास्टिंग के दौरान आपको थकान महसूस होने लगती है। इसके अलावा थकान चक्कर और कमजोरी भी महसूस हो सकती है।
फास्टिंग के समय आप चिड़चिड़ापन महसूस कर सकते हो और मूड स्विंग्स भी हो सकते हैं। ऐसे में कंसंट्रेशन लेवल भी कम हो सकता है।

पोषक तत्व विशेष रूप से कार्बोहाइड्रेट को सीमित करने से भी सिरदर्द हो सकता है।

खाना और पानी दोनों से परहेज करने से आपको और भी ज्यादा भूख लग सकती है और आप सामान्य से ज्यादा खाना खा सकते हैं।
चरम मामलों में और लंबे समय तक उपवास के दौरान दौरे मस्तिष्क की सूजन गर्मी की चोट और किडनी फैलियर जैसी परेशानी भी हो सकती है।

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