आम आदमी पार्टी अब बीजेपी को समाप्त करना चाहती है! लोकसभा चुनाव की हलचल के बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने फुल कॉन्फिडेंस के साथ 2029 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का सफाया करने का दावा ठोका है। केजरीवाल के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि आखिर केजरीवाल किस आधार पर बीजेपी को इतनी बड़ी चुनौती दे रहे हैं। केजरीवाल ने यह चुनौती किसी चुनावी सभा से नहीं बल्कि दिल्ली विधानसभा से दी है। दरअसल दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के दौरान केजरीवाल की ओर से लाया गया विश्वास प्रस्ताव शनिवार को ध्वनिमत से पारित हो गया। इस दौरान सदन में आम आदमी पार्टी के 62 में से 54 विधायक मौजूद थे। केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी के लिए आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी चुनौती है। अगर बीजेपी 2024 का चुनाव जीत जाती है तो 2029 में इस देश को BJP से मुक्ति AAP ही दिलाएगी। केजरीवाल के इस बयान के बाद आम आदमी पार्टी के चुनावी रिपोर्ट कार्ड को लेकर भी चर्चा तेज है। आइए जानते हैं केजरीवाल के इस कॉन्फिडेंस की वजह क्या हैं। साल 2022 में पंजाब फतह करने के बाद आम आदमी पार्टी का जोश काफी हाई है। दरअसल पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 117 में से 92 सीटों पर कब्जा करके ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। इससे पहले ऐसी ही जीत 1997 में अकाली दल और बीजेपी की गठबंधन सरकार ने मिलकर हासिल की थी। यह 56 साल में किसी एक पार्टी की सबसे बड़ी जीत थी। चुनावों में AAP ने जहां तीन-चौथाई सीटें हासिल कीं। वहीं कांग्रेस ने 18, शिरोमणि अकाली दल ने 3, बीजेपी ने 2 और बसपा ने 1 सीट जीतीं। आम आदमी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भी पंजाब को लेकर काफी उत्साहित है। यही वजह है कि AAP पंजाब में इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ रही है। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने पंजाब में लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया है। भगवंत मान ने कहा कि वह पंजाब की 13 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे। वह किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। पंजाब में आप 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। मान ने कहा कि AAP पंजाब में 13-0 से जीतेगी।
लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली विधानसभा से केजरीवाल ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया। दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से लाया गया विश्वास प्रस्ताव शनिवार को ध्वनिमत से पारित हो गया। विश्वास प्रस्ताव के दौरान सदन में आम आदमी पार्टी (AAP) के 62 में से 54 विधायक मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने सदन में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा कि बीजेपी के लिए आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी चुनौती है और यही वजह है कि उस पर चौतरफा हमले हो रहे हैं। उन्होंने पूर्व में आरोप लगाया था कि बीजेपी ने उनकी सरकार को गिराने के लिए आप विधायकों को तोड़ने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि भले ही बीजेपी इस साल का लोकसभा चुनाव जीत जाए लेकिन AAP 2029 के लोकसभा चुनाव में देश को बीजेपी से मुक्ति दिलाएगी। केजरीवाल इससे पहले भी दिल्ली विधानसभा से विश्वास मत पारित करवाकर विरोधियों को अपना दमखम दिखा चुके हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि केजरीवाल को दिल्ली की जनता पर पूरा भरोसा है। भरोसे की सबसे बड़ी वजह फ्री बिजली स्कीम है।
साल 2022 में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली एमसीडी चुनाव में भारी मतों से शानदार जीत दर्ज की थी। इसी के साथ दिल्ली एमसीडी में 15 सालों से चला आ रहा बीजेपी का राज समाप्त हो गया था। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 134 वार्डों में जीत हासिल की है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने 104 सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस को महज 9 सीटें हासिल हुई हैं और 3 सीटें अन्य के खाते में गई हैं। इनमें से 12 वार्ड ऐसे हैं, जिन पर जीत-हार का अंतर 200 वोटों से भी कम का रहा। इन 12 में से 3 सीटें आप के खाते में तो 9 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि उनकी सरकार के पास सदन में बहुमत है लेकिन उसे विश्वास प्रस्ताव लाने की जरूरत है क्योंकि बीजेपी पार्टी के विधायकों को तोड़ने और उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान आप के 62 में से 54 विधायकों के ही मौजूद रहने पर केजरीवाल ने कहा कि आप के किसी विधायक ने दल नहीं बदला। उन्होंने कहा कि दो विधायक जेल में हैं, कुछ अस्वस्थ हैं तो कुछ शहर से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि कई विधायकों ने बताया कि कैसे कथित तौर पर बीजेपी के लोगों ने उनसे संपर्क किया और पाला बदलने के लिए पैसे की पेशकश की।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के लिए 10 अप्रैल, 2023 का दिन खुशियां लेकर आया।इस दिन उनका पार्टी को बड़ी सफलता मिली। चुनाव आयोग ने आप को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता दे दी। साल 2022 में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप को गुजरात विधानसभा चुनावों में पांच विधायकों के साथ एक बड़ा वोट शेयर मिला था।गुजरात में आम आदमी पार्टी का वोट शेयर करीब 12 फीसदी मिला। इससे पहले AAP पंजाब, गोवा और दिल्ली में खुद को एक राज्य पार्टी के रूप में स्थापित कर चुकी थी। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलते ही केजरीवाल ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। पीएम मोदी और बीजेपी पर हमले तेज कर दिए। केजरीवाल को विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की बैठकों में प्रथम पंक्ति में स्थान मिला।
केजरीवाल ने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी ने सोचा कि वह उन्हें गिरफ्तार करके आप को खत्म कर देगी। उन्होंने पूछा, ‘आप मुझे गिरफ्तार कर सकते हैं लेकिन आप केजरीवाल के विचारों को कैसे खत्म करेंगे?’ दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सेवा विभाग और नौकरशाही पर नियंत्रण के माध्यम से भाजपा उनकी सरकार के काम में बाधा डाल रही है। उन्होंने कहा, ‘वे राम भक्त होने का दावा करते हैं लेकिन उन्होंने हमारे अस्पतालों में गरीब लोगों के लिए दवाएं बंद कर दीं। क्या भगवान राम ने गरीब लोगों के लिए दवाएं बंद करने के लिए कहा था?’ केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने अतीत में हमलों का सामना किया है, उन्हें थप्पड़ मारे गए, उन पर स्याही फेंकी गई और अब वे उन्हें गिरफ्तार करना चाहते हैं।