Saturday, July 27, 2024
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क्या चीन का नया गुलाम बन चुका है मालदीव?

मालदीव वर्तमान में चीन का नया गुलाम बन चुका है! मालदीव की मोहम्मद मोइज्जू की सरकार ने चीन के जासूसी जहाज को अपने देश में आने की मंजूरी दी है। इसके बाद चीनी जहाज मालदीव की ओर जा रहा है। एक भारतीय सैन्य अधिकारी और शोधकर्ता ने ये जानकारी दी है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने हाल में चीन यात्रा के समय दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करने की बात कही थी। मुइज्जू की यात्रा के बाद चीन के कुछ नेताओं ने भी मालदीव की यात्रा की है। जिसके बाद चीनी जहाज को माले आने की इजाजत दी गई है। ये मालदीव की मौजूदा सरकार के भारत विरोध और चीन की तरफ लगाव के रुख को भी दिखाता है। भारत के लिए चीन के जहाज का माले की तरफ जाना चिंता पैदा करता है। भारत ने 2022 में श्रीलंका सहित अपने तटों के पास ऐसे जहाजों की उपस्थिति पर कड़ा एतराज जाहिर किया था। चीन का जो जहाज मालदीव जा रहा है, वह आधिकारिक तौर पर सैन्य जहाज नहीं हैं लेकिन यह भारत के लिए अपने अनुसंधान के सैन्य उपयोग के बारे में चिंता पैदा करेगा। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ओपन सोर्स रिसर्चर डेमियन साइमन ने कहा है कि ये चीनी जहाज माले के रास्ते पर है और वे उसकी गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। मालदीव के विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों देशों के बीच ये समझौता तब हुआ जब 14 जनवरी को भारत और मालदीव से भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी पर सहमत हुए।

हाल ही में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और प्रथम महिला साजिदा मोहम्मद ने इस महीने की शुरुआत में चीन की राजकीय यात्रा की थी। इस यात्रा से लौटने के बाद मुइज्जू ने घोषणा की थी कि यात्रा के दौरान चीन और मालदीव के बीच आधिकारिक वार्ता के बाद समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों के समझौते शामिल हैं। चीन से लौटने के बाद मुइज्जू ने भारत के लिए भी कड़े तेवर दिखाए थे। मुइज्जू बीते साल अपने चुनाव प्रचार के समय से ही चीन समर्थक और भारत विरोधी रहे हैं। चुनाव प्रचार के समय उन्होंने ‘इंडिया आउट’ का पूरा कैंपेन चलाया था। चुनाव जीतने के बाद भी वह लगातार भारत से दूरी बनाते और चीन के नजदीक जाने की कोशिश करते दिख रहे हैं।

बता दे कि चीन से लौटने के बाद मालदीव के राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद मोइज्‍जू ने भारत की पीठ में छुरा घोपा है। श्रीलंका के इंकार करने के बाद अब मालदीव ने चीन के जासूसी जहाज को रुकने की मंजूरी दे दी है। यही नहीं चीन का जासूसी जहाज शियांग यांग होंग 03 हिंद महासागर में पहुंच गया है और मालदीव की राजधानी माले की ओर बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन अपने जासूसी शोध जहाज के जरिए हिंद महासागर का सर्वे करने जा रहा है। माना जा रहा है कि चीन भविष्‍य में हिंद महासागर में सैन्‍य अभियान चलाने जा रहा है और इसके लिए वह जासूसी जहाज से सर्वे कर रहा है। चीन का यह कदम भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।

ओपन सोर्स इंटेलिजेंस अनैलिस्ट Detresfa ने सैटलाइट तस्वीरों के आधार पर यह जानकारी दी है। चीन अपने जासूसी जहाजों को हिंद महासागर में भेजकर न केवल मिसाइलों से लैस पनडुब्बियों के लिए रास्‍ता तैयार कर रहा है, बल्कि सर्वे के जरिए समुद्र के अंदर छिपे खजाने की तलाश कर रहे हैं। चीन अंडमान निकोबार द्वीप समूह से लेकर दक्षिणी हिंद महासागर तक गहरे समुद्र तक की चीनी जहाज मैपिंग कर रहे हैं। इससे पहले श्रीलंका ने चीन को बड़ा झटका देते हुए अगले 1 साल तक के लिए ड्रैगन के जासूसी जहाजों को अपने यहां रुकने की मंजूरी देने से इंकार कर दिया था।

चीन के इन जासूसी जहाजों का भारत और अमेरिका दोनों ने ही कड़ा विरोध किया है। भारत ने श्रीलंका और मालदीव दोनों से ही चीन को अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया था। भारत के सख्‍त रुख के बाद जहां श्रीलंका ने चीन से किनारा कर लिया है, वहीं अब मालदीव चीन का नया गुलाम बन गया है। चीन की यात्रा से लौटे मोहम्‍मद मुइज्‍जू भारत विरोध में अपनी सारी हदें पार कर रहे हैं। मुइज्‍जू ने भारतीय सैनिकों को जहां जाने के लिए अल्‍टीमेटम दिया है, वहीं चीन को गले लगा रहे हैं। यह वही चीन है जिसने मालदीव पर सबसे ज्‍यादा कर्ज लाद रखा है।

लक्षद्वीप को लेकर उठे विवाद के दौरान चीन ने कहा था कि वह मालदीव की संप्रभुता की रक्षा करेगा। यही नहीं मुइज्‍जू ने कहा था कि हिंद महासागर किसी एक देश का नहीं था। उन्‍होंने हाल के दिनों में भारत का नाम लिए बिना भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला है। चीनी जहाज शियांग यांग होंग 4813 टन का जहाज है जिसे चीनी सेना संचालित करती है। इससे पहले श्रीलंका ने कई बार चीन के ऐसे ही जहाजों को अपने यहां रुकने की मंजूरी दी थी। इन जहाजों ने भारतीय तट से कुछ दूरी पर कई बार सर्वे किया था। ये चीनी जहाज इतने शक्तिशाली रेडॉर से लैस हैं कि वे उड़ीसा में भारतीय मिसाइलों के परीक्षण तक निगरानी कर सकते हैं।

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