आज हम आपको बताएंगे कि लोकसभा चुनाव में नामांकन की प्रक्रिया कैसे की जाती है! आने वाले समय में देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं.. इसी बीच मतदाताओं के मन में एक सवाल जरूर उठता है कि आखिर उम्मीदवारों के द्वारा नामांकन कैसे भरा जाता है, उसके क्या-क्या नियम होते हैं तथा क्या प्रक्रिया होती है? तो आज हम आपको इस प्रक्रिया और नियम के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं, आपको बता दें कि देश में लोकसभा चुनाव की डुगडुगी बज गई है। देश की 543 लोकसभा सीटों पर चुनाव का शंखनाद हो गया है। चुनाव आयोग की ओर से तारीखों का ऐलान होते ही जिला स्तर पर चुनावी तैयारियां शुरू कर दी गई है। जिला प्रशासन की ओर से तमाम चुनाव तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बता दें कि जिला स्तर पर ही लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार अपने नामांकन पत्रों को जमा कराएंगे। नामांकन पत्रों को जमा करना लोकसभा चुनाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्य है।
इसके तहत उम्मीदवार अपने नाम को चुनाव आयोग के समक्ष रजिस्टर करते हैं। वे दावा करते हैं कि लोकसभा चुनाव के मैदान वे जनता का वोट हासिल करने के लिए सही दावेदार हैं। देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद 20 मार्च से नामांकन फॉर्म भरे जाने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को होगी। वहीं, 1 जून को आखिरी चरण का मतदान और 4 जून को मतगणना के बाद रिजल्ट का प्रकाशन किया जाएगा। प्रत्याशियों की ओर से जमा कराए गए तमाम प्रमाण पत्रों की जांच के बाद चुनाव आयोग उनकी लोकसभा चुनाव की उम्मीदवारी तय करती है। चुनाव आयोग की ओर से प्रत्याशियों को उम्मीदवार के रूप में रजिस्टर्ड घोषित किया जाता है। उम्मीदवारी फाइनल होने के बाद ही प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतर कर अपना प्रचार अभियान तेज कर अपने पक्ष में वोट मांग सकते हैं। उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आखिरकार जनता अपनी वोट की ताकत के जरिए करती है। इस प्रक्रिया में नॉमिनेशन को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। आईए जानते हैं नॉमिनेशन की प्रक्रिया किस प्रकार पूरी कराई जाती है!
बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। कोई भी भारतीय नागरिक किसी भी लोकसभा सीट के लिए नामांकन कर सकते हैं। इसके लिए उनका वोटर लिस्ट में नाम होना अनिवार्य होता है। जब किसी उम्मीदवार को किसी राजनैतिक पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनाया जाता है, तो सामान्य तौर पर इसे पार्टी का टिकट मिलना शब्द से संबोधित किया जाता है। सिंबल के साथ प्रत्याशी अपना नामांकन दाखिल करते हैं। ऐसे में उन्हें चुनाव आयोग की ओर से संबंधित पार्टी सिंबल का आवंटन किया जाता है। इसके अलावा देश का कोई भी नागरिक सांसद बनने के लिए नामांकन कर सकता है। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग ने सात चरणों में चुनावी प्रक्रिया पूरी करने का ऐलान किया है। अलग- अलग लोकसभा सीटों के लिए निर्वाची पदाधिकारी और ऑर्ब्जवर्स की नियुक्ति की गई है। उम्मीदवार जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में पहुंच कर नामांकन फॉर्म जमा कर सकते हैं। नामांकन पत्र के साथ उम्मीदवारों को जमानत राशि के रूप में निर्धारित रकम भी जमा करानी होती है। चुनाव अधिकारी के मुताबिक उम्मीदवार नामाकंन के दौरान सीमित संख्या में गाड़ी का इस्तेमाल करना होता है। इसके अलावा वाहनों को निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से 100 मीटर पहले खड़ा किया जाता है। नामाकंन के दौरान निर्वाचन अधिकारी की स्वीकृति के बिना कोई उम्मीदवार ढोल-नगाड़े का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।उम्मीदवर को नामांकन पेपर के साथ शपथ पत्र भी देना होता है। नोटरी के स्तर पर इस शपथ पत्र को तैयार कराया जाता है। इसमें प्रत्याशी अपनी आय- व्यय के ब्यौरा से लेकर पूरी जानकारी भरता है। लोकसभा सीट पर उम्मीदवार बनने से पहले नामांकन पत्र भरना होता है। जरूरी कागजों में प्रत्याशी को अपने पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी जैसे कागजों की जरूरत होती है। विधायक बनने से पहले नामांकन पत्र में अपनी चल- अचल संपत्ति का ब्यौरा, पत्नी और आश्रित बच्चों की भी आय- व्यय एवं लोन की पूरी जानकारी देनी पड़ती है। इसके अलावा उम्मीदवारों के कितने हथियार हैं, कितने जेवर हैं और शैक्षणिक जानकारी भी देनी होती है। आय के साधन को भी यहां अंकित करना होता है।
इसके अलावा प्रत्याशी पर कितने आपराधिक मामले दर्ज हैं? कितने मामले कोर्ट में चल रहे हैं? क्या किसी मामले में सजा हुई है? इन सभी का विवरण एफिडेविट के माध्यम से सही- सही देना होता है। उम्मीदवारी के लिए न्यूनतम आयु सीमा 25 वर्ष रखी गई है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 36(2) और संविधान के अनुच्छेद 173(बी) के तहत इसका निर्धारण किया गया! तो यह थी वह प्रक्रिया जिसके तहत नामांकन भरा जाता है!