Saturday, July 27, 2024
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शरीर में बदलाव चाहते हैं, तो छोड़ दें एक महीने के लिए नॉन-वेज खाना

आज के समय में हर व्यक्ति नॉन-वेज का सेवन करते हैं ऐसे बहुत कम लोग मौजूद हैं जो नॉनवेज नही खाते हो. नॉन-वेज खाने वाले लोगों के लिए वेज खाना खाना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि नॉन-वेज खाने वाले लोग चिकनमटन के आदी होते हैं. उन्हें पूरे दिन में कम से कम एक बार नॉनवेज ज़रूर चाहिए होता है. नॉन-वेज खाने से दूरी बनाना मुश्किल है लेकिन अगर आप से कहा जाए कि आपको सिर्फ एक महीने के लिए मांसाहारी भोजन से दूरी बनानी होगी और इससे आपके शरीर में जबरदस्त बदलाव नजर आएंगे तो आपका क्या जवाब होगा. अक्सर कहा जाता है हरी भरी और ताज़ी सब्ज़ियां खाने से फ़ायदे होते हैं. खाने में एक कटोरी सब्ज़ि खाना बहुत ज़रूरी होता है. हैदराबाद के केयर हॉस्पिटल्स में सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर अथर पाशा (Athar Pasha) ने एक अंग्रेजी वेबसाइट से बातचीत में बताया कि प्लांट बेस्ट फूड यानी वेजिटेरियन फूड्स में बहुत ज्यादा फाइबर होता है जो आपके पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कई पेट की बीमारियों से बचाव करता है. अगर पेट अच्छा रहता है तो आपका पूरा शरीर स्वस्थ रहता है. अगर आप एक महीने के लिए उन्होंने बेच खानों से दूर रहेंगे तो आपको अपने शरीर में कई तरह के बदलाव का महसूस होगा.

मांसाहारी भोजन को पचने में अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक समय लगता है. शरीर के लिए सबसे आसान भोजन है फल जिसे पचाना सबसे आसान है और मांसाहारी भोजन जिसे पचाना सबसे कठिन माना जाता है. आपको बता दें कि अगर फल को पचने में अधिकतम 1 घंटे का समय लगता है, तो मांसाहार को पचने में कम से कम 4 घंटे का समय लगता हैं. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुसार पिछले कुछ सालों के ख़ान पान पर ध्यान दें तो दुनिया भर में और खासकर अमेरिका और यूरोप मेंवेज खानों का चलन चला है. शाकाहारी लोग चाहते हैं कि पूरी दुनिया शाकाहारी हो जाए और मांसाहारी लोगों का अपना अलग तर्क है. इसी क्रम में वैज्ञानिक इस मसले पर दो तरह की बातें करते हैं. पहली यह कि ऐसा होना संभव नहीं है. उनके मुताबिक यदि ऐसा हुआ तो इसके सकारात्मक और नकारात्मक, दोनों तरह के प्रभाव दुनिया में देखने मिलेंगे.

उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की डाइटीशियन डॉ. एकता सिंहवाल ने भी बताया कि ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से कई मांसाहारी लोग शाकाहार की ओर रुख कर रहे हैं जिसमें नैतिक और पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं से लेकर स्वास्थ्य को होने वाले लाभ शामिल है. मांसाहारी आहार का सेवन बंद करने के कई फायदे होते हैं. इससे आमतौर पर हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, टाइप 2 डायबिटीज़ और कुछ प्रकार के कैंसर, हार्ट अटैक और शुगर जैसी बीमारियों का रिस्क कम होता है. नॉन वेज खाना बंद करने पर आप को अपने शरीर में पाँच अलग-अलग बदलाव देखने को मिलेंगे जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं.

वजन का काम होना
सिंघवाल द्वारा बताया गया है कि कि प्लांट बेस्ड फूड्स से वजन घटाने में मदद मिल सकती है क्योंकि इसमें आम तौर पर नॉन वेज की तुलना में कम कैलोरी होती हैं और नॉन-वेज में अधिक फ़ेट और कैलरी मौजूद होती है और फाइबर ज्यादा मात्रा में शामिल होता है लेकिन अगर आप नॉन-वेज खाना खाते हैं तो इसमें कैलरी कम जाती है और एक बार खाने के बाद बारबार भूख नहीं लगती और कैलोरी कम होने से वजन भी काबू में रहता है.

मिलेंगे एंटीऑक्सिडेंट्स
भारतीय बाजार में पालक, लेटिष, फूल गोभी और फूलगोभी के रूप में समान रूप से प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट विकल्पों की आपूर्ति होती है जो कि एंटीऑक्सिडेंट जैसे ल्यूटेन, क्वैक्सेटीन, में खनिजों और विटामिन के साथ समृद्ध होती हैं. एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर प्लांट बेस्डफूड शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस और सेलुलर डैमेज से बचाने में मदद कर सकते हैं.

कब्ज से छुटकारा
एकता सिंहवाल ने बताया कि फाइबर होने की वजह से यह बाउल मूवमेंट यानी आपके मोशन को ठीक करता है और पाचन तंत्र को बेहतर करने में मदद करता है. फाइबर का सेवन बढ़ने से कब्ज से राहत मिलती है.

एनर्जी
अथर पाशा (Athar Pasha) के अनुसार, प्लांट बेस्ड फूड में विटामिन, खनिज और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट प्रदान करते हैं जो पूरे दिन आपको एनर्जेटिक रखते हैं.

सूजन से राहत
सिंघवाल ने कहा कि प्लांट बेस्ड फूड्स विशेष रूप से प्रॉसेसेस्ड मीट शरीर में सूजन का कारण बन सकता है. नॉन वेज कम खाने से आप सिस्टीमैटिक इंफ्लेमेशन कम होती है जो कई क्रॉनिक डिसीस का कारण है

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