रीट पेपर कहाँ से लीक हुआ, एसओजी इसकी तह तक करेगी जांच, किसी को बख्शा नहीं जाएगा, दोषी जाएंगे जेल
जयपुर। राज्य सरकार नौजवानो को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। सरकार ने पिछले तीन वर्षों के कार्यकाल में करीब एक लाख युवाओं कोअलग अलग विभागों में नियुक्तियां दी है। रीट परीक्षा-2021 के आयोजन के दौरान सरकार ने लाखों अभ्यर्थियों के निःशुल्क आवागमन की व्यवस्था की थी। और आम नागरिको से भी सभी अभ्यर्थियों को आवास तथा भोजन कराने की अपील की थी।
और एक लाख पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। वही परीक्षा के दौरान नकल पर काबू पाने के लिए स्पेशल ऑपरेशन गु्रप (एसओजी) टीम की उचित व्यवस्था की थी। परीक्षा को सफल बनाने के लिए इंटरनेट को भी बंद रखा गया। एसओजी टीम ने अपने निगरानी तंत्र से परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों तथा आपराधिक व्यक्तियों के बारे में सूचना प्राप्त की और उसके आधार पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई प्रारंभ की। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।
26 सितम्बर, 2021 को आयोजित रीट परीक्षा के बाद कुल 42 अधिकारियों-कार्मिकों को बर्खास्त किया गया। एसओजी की टीम ने निष्पक्ष रूप से कार्य करते हुए समय रहते पता किया है कि प्रश्न-पत्र कहां से लीक हुआ और इसमें प्रथम दृष्टया कौन-कौन लोग लिप्त थे। इस उद्देश्य से त्वरित अनुसंधान जारी है और अब तक कुल 38 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें 14 अभ्यर्थी भी शामिल हैं। इस मामले में 1 करोड़ 16 लाख रूपए की रिकवरी की जा चुकी है।मुख्यमंत्री गहलोत की अध्यक्षता में सोमवार को हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में कैबिनेट ने निर्णय लिया कि लेवल-द्वितीय के लिए आयोजित रीट परीक्षा को निरस्त किया जाए। और दोबारा नए सिरे से परीक्षा कराइ जाये।
शिक्षा में गुणवत्ता तथा युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर प्रदान करने के लिए निर्णय किया कि रीट परीक्षा-2022 के माध्यम से होेने वाली भर्ती में पदों की संख्या को 20 हजार से बढ़ाकर अब 30 हजार किया गया है । इसमें रीट-2021 के लेवल द्वितीय के 16 हजार 500 पदों को शामिल करते हुए अब कुल 46 हजार 500 पदों के लिए रीट-2022 का आयोजन दोबारा किया जायेगा। इससे रीट परीक्षा-2021 के लेवल द्वितीय के अभ्यर्थियों तथा जो विद्यार्थी अभी बीएसटीसी और बीएड का अध्ययन कर रहे हैं, उन्हें भी परीक्षा में बैठने का अवसर मिल सकेगा। राज्य सरकार ने प्राप्त जानकारी के आधार पर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर के तत्कालीन अध्यक्ष डी पी जारौली को बर्खास्त किया साथ ही बोर्ड सचिव सहित कुल 42 अधिकारियों-कार्मिकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। वही इस रीट पेपर की धांधली को देखते हुए राज्य सरकार ने अब यह निर्णय किया है कि रीट की परीक्षा के लेवल-प्रथम में चूंकि किसी प्रकार की कोई पेपर लीक या अन्य किसी प्रकार की घटना प्रकाश में नहीं आई है।
साथ ही, इसके माध्यम से शिक्षक भर्ती के करीब 15 हजार 500 पदों पर अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दी जानी हैं। ऐसे में बेरोजगार युवाओं एवं अभ्यर्थियों के हित में नियुक्तियां शीघ्र देने के लिए इन पदों को शीघ्र भरा जाए। यह भी निर्णय किया गया है कि इस वर्ष रीट लेवल-प्रथम परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी। उन्हें नियुक्ति के लिए शिक्षक भर्ती की अन्य परीक्षा नहीं देनी होगी।