नई दिल्ली :   एसडीएम पर पिटाई का आरोप लगाने वाले लालगंज तहसील में तैनात नायब नाजिर सुनील कुमार शर्मा  की शनिवार रात मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसकी जानकारी होने पर कर्मचारी संगठन भड़क गए।नायब नाजिर की मौत के बाद उनके परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा. डेडबॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद हंगामा शांत हुआ. सुनील की मौत के बाद शनिवार देर रात लालगंज कोतवाली में आरोपित एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह और तीन अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया. उधर डीएम ने एसडीएम को हटाकर चार्ज दूसरे को दे दिया है. अस्पताल पहुंचे कर्मचारियों और वकीलों ने घटना को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया सुनील के बेटे सुधीर शर्मा की ओर से दी गई तहरीर में आरोप लगाया गया है कि 30 मार्च की रात 9 बजे एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह उसके पिता के सरकारी आवास में तीन लोगों के साथ घुस आए और उसके पिता को पीटते हुए घसीटकर बाहर ले गए। एसडीएम उसके पिता से तहसील की बाउंड्री बनवाने के लिए छह हजार ईंट की मांग कर रहे थे। पिटाई से उसके पिता की हालत बिगड़ने के बाद एसडीएम ने उसे अस्पताल भिजवाया लेकिन परिवारवालों से मिलने नहीं दिया। जिसकी वजह से शनिवार रात उसके पिता की मौत हो गई। 

सुनील के बेटे सुधीर शर्मा की ओर से दी गई तहरीर में आरोप लगाया गया है कि 30 मार्च की रात 9 बजे एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह उसके पिता के सरकारी आवास में तीन लोगों के साथ घुस आए और उसके पिता को पीटते हुए घसीटकर बाहर ले गए। एसडीएम उसके पिता से तहसील की बाउंड्री बनवाने के लिए छह हजार ईंट की मांग कर रहे थे। पिटाई से उसके पिता की हालत बिगड़ने के बाद एसडीएम ने उसे अस्पताल भिजवाया लेकिन परिवारवालों से मिलने नहीं दिया। जिसकी वजह से शनिवार रात उसके पिता की मौत हो गई। डीएम डॉ. नितिन बंसल ने मामला सामने आने के बाद आरोपी एसडीएम के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लिया है। एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह यादव को मुख्यालय अटैच कर दिया गया है। उन पर आरोप था कि वे अपना सीयूजी मोबाइल को नॉट रिचेबल कर गायब हो गए थे। उनके स्थान पर अर्जुन सिंह को लालगंज का प्रभारी एसडीएम बनाया गया है। डीएम ने कहा है कि मृतक कर्मचारी के परिजनों की हर प्रकार से मदद की जाएगी। साथ ही, उन्होंने तहरीर के अनुसार मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की भी बात कही।